Sunday, 19 February 2023

कागज/ नान्हे कहिनी*

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              *कागज/ नान्हे कहिनी*

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             बड़े भई हर कुछु कल कारखाना खोलिस। वो बुताक़रा- बनिहार मन ल भरती करिस। फेर सबके आघु दिखने वाला नोटिस बोर्ड म एकठन कोरा फारम ल घलव लगवा दिस। सबो बनिहार मन ,वोला आत- जात पढ़ें। वोहर नौकरी ले बाहिर निकाले के रिजाइन लेटर रहिस। अब तो सबो बनिहार मन चौकस- चोखट होके बुता ल करत रहिन।


         थोरकुन दिन के गय ले छोटे भई ल घलव ,वोइच धंधा म उतरे बर लाग गय। वो घलव बनिहार भरती करिस।सबो बुता करिस।फेर वोकर नोटिस बोर्ड म कुछु आन लिखाय कागज हर चपके रहिस।  बड़े भई ल ,शुरू म छोटे भई के धंधा हर चौपट दिखिस...


         फेर बच्छर के छेवर म सालाना टर्नआउट जोड़े के बेरा म छोटे भाई हर ,बड़े भाई ल कतको आगु रहिस।


        आज छोटे भई के प्रतिष्ठान म वार्षिक उत्सव अउ पुरुस्कार वितरण समारोह होवत रहिस।


*रामनाथ साहू*


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