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*कागज/ नान्हे कहिनी*
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बड़े भई हर कुछु कल कारखाना खोलिस। वो बुताक़रा- बनिहार मन ल भरती करिस। फेर सबके आघु दिखने वाला नोटिस बोर्ड म एकठन कोरा फारम ल घलव लगवा दिस। सबो बनिहार मन ,वोला आत- जात पढ़ें। वोहर नौकरी ले बाहिर निकाले के रिजाइन लेटर रहिस। अब तो सबो बनिहार मन चौकस- चोखट होके बुता ल करत रहिन।
थोरकुन दिन के गय ले छोटे भई ल घलव ,वोइच धंधा म उतरे बर लाग गय। वो घलव बनिहार भरती करिस।सबो बुता करिस।फेर वोकर नोटिस बोर्ड म कुछु आन लिखाय कागज हर चपके रहिस। बड़े भई ल ,शुरू म छोटे भई के धंधा हर चौपट दिखिस...
फेर बच्छर के छेवर म सालाना टर्नआउट जोड़े के बेरा म छोटे भाई हर ,बड़े भाई ल कतको आगु रहिस।
आज छोटे भई के प्रतिष्ठान म वार्षिक उत्सव अउ पुरुस्कार वितरण समारोह होवत रहिस।
*रामनाथ साहू*
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