चिट्ठी पाती-*मितान बर चिठ्ठी*
श्री हरि
मितान सीताराम,
भगवान राम के असीम कृपा ले हमन कुशल पूर्वक हावन | उहाँ तहूँ मन सकुशल होहू | लिखना समाचार ये हे मितान की देवारी तिहार ह लकठीयागेहे फेर इंद्रदेव हा उच्छाह मंगल मनावत हे | बनी -भूति तको नइ चलत हे | घेरी-बेरी पानी गिरे ले हरहुना धान के माथ ओरमाय ह सुते ल धर ले हे | देवारी म " दुब्बर ल दू आषाढ़ होगे, ये जिनगी पहाड़ होगे मितान " करोना काल के बाद ये साल बने दिवारी मनाबो काहत रेहेन फेर "पइसा ना कौड़ी हुदर दे लौवड़ी " कामा का बिसाबो अउ का तिहार मनाबो | बाई घलो छिन छिन म आँखी गुड़ेरथे ,लईका ह पदोथे | ऐसो के देवारी तिहार म तो दिवाला निकल जाही तइसे लागत हे | आगु के समाचार येहे मितान बोनस के पैसा मिले हे त किश्त म मोटर साइकिल बिसाहूँ कहिके सोंचे हँव |हमर घर के मण्डलिन हा छत्तीसगढ़ीया ओलंपिक फुगड़ी खेल म भाग ले रहिसे | फस्ट आईस हे बड़ खुश हे |
अउ बता मितान फूल दाई के तबियत कइसना हे,बपरी घातेच तकलीफ ल सहत हे | तुँहर घर लोग लइका के का हाल चाल हे | देवारी तिहार म गौरी गौरा विसर्जन के बेरा अखाड़ा खेलथव कि नही |हमर इहाँ तो गौरा परघाय अउ विसर्जन ल अखाड़ा खेलत करथन | अउ आवत खानी राउत नाचत दोहा पारत आथन |संगवारी मन दोहा पारत गढ़वा बाजा म ददरिया तको गाथे |
फेर मितान तिहार म मंद मउहा नशा के सेवन झन करहु काबर कि ये नुकसान देय चीज आय |
बाकी समाचार तो ठीक हे आगु का लिखँव आप तो खुद समझदार हव बेरा निकाल के हमरो गाँव घूमे ल आहू त गोठ बात ह होही |
अपना ख्याल रखहू मितान |
तुँहर मितान
अशोक जायसवाल भाटापारा
सत्र - 13
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