समसामयिक बियंग लाकडाउन के समे
*बाबा*
रामलाल के दुलहिन रमलिया अउ लईका मन हलाकान होगे।रामलाल ल कोन जनी का हो गेहे घर म मुड़ी ल गड़िया देहे।पहिली तो घर म एक मिनिट पाँव नि माढ़े।धरबाँध के हस्पताल लेगे रेहेन ऊहों ले भगा दिस।कोन जनी एकर मूड़ी म क बइठ गेहे।लगथे भगवान बरोबर मानथन तहू डाक्टर ह एकर बिमारी ल देख के डर्रा गेहे।का करबे बिपत म खुदे के अक्कल जर जथे।त पारा-परोस के मन काम आथे।पड़ोसी मन ल रमलिया के दुख देखे नि गीस।गाँव के नामी-गिरामी महराज ल बुलाईस।महराज पंचाग देख के आडा़-तीरछा खण्ड म गुना-भाग करके कहिथे येला तो बहीरी।हे भगवान हमन अकबकागेन पच्चीस तारिक ले तो हमन घरेच म हन फेर कोन बहीरी ले भीतरी खुसरगे।अवईया महिना के तेरा तारिक के मन
थोकिन हल्का लागत रिहिस रातभर के पूजा-पाठ अंधन -बधंन।उम्मीद म त दुनियाँ कायम हे।चऊदा के बड़े फजर ले रामलाल थोकिन हाथ -पाँव मारथे फेर जस -जस दिन चढ़िस घड़ी म दस सवा दस बजिस फेर जस के तस ।रमलिया के बुध पतरागे।मोला कथे अब तही कछु ऊपाय बता बाबू तही थोकिन पढ़े -लिखे
हस।
टीवी म देखे रेहेव एक ले बड़के एक बाबा,बाबा तमाशाराम,हिरो बाबा, स्वेचछा धारी बाबा,जामपाल बाबा,बाबा साफ -सफाया ।ऐके फोन म नम्बर् लगगे बाबा साफ-सफाया कर।बाबा,अहो भाग हमर धंधा अभी मंदा हे।रामलाल ल देख के पुछथे कब ले अइसन होवत हे।पच्चीस तारिक ले बाबा।पच्चीस के नेता जी के सम्बोधन सुने रिहिस ,हव बाबा।चऊदा तारिक के हव बाबा ।तीन मई के अउ सुनाना किरपा आना सुरु हो जही।जय हो बाबा साफ-सफाया की जय।
फकीर प्रसाद साहू
सुरगी 14-4-2020
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