Monday, 18 December 2023

पौनी पौसारी


पौनी पौसारी

लोक जीवन म पौनी पौसारी के अपन अलग जघा हे l हमर सामाजिक जीवन म खासा योगदान हे l कर्म के अनुसार वर्ग बनिस l वर्ग म अलग अलग जात के समाज l नाउ धोबी राउत मेहर बढ़ई एमन सब पौनी पसारी म आथे l पौनी पसारी के मतलब पनाह देके पसर भर देवन इही भाव हे l अपन संग जुड़े रहय l

सबो समाज अपन संरक्षण म राखे हे l हर धार्मिक काम काज म पौनी पौसारी के जघा हे l बिन नाउ धोबी के शुद्धिकरण नई होवय मरनी हरनी छट्टी म l जचकी हो या मरनी  के काम म इंखर भूमिका आघू हे l  मुड़ी ला मुड़वाये ला पड़थे lउंकर काम के पीछू कुछ अंशदान निकल के देथे l ये अंशदान  सगुन के बतौर हे लेकिन सामाजिक व्यवस्था के तहत उंखर मान सम्मान खातिर हे l

सामाजिक भाई चारा ला जोड़े बर परिपाटी चलत हे l पूजा पाठ म तोरन  दोना पतरी इही मन लाथे l स्वस्थ परम्परा ए मेऱ छुवा छूत भेदभाव नई मानय l उंखर उपस्थिति ला बने माने जथे l सेर के रूप म सूपा म चाउंर दार नून मिरचा आलू बरी कांदा सब भोजन के सामान देके बिदा करे जाथे l पौनी पसारी के प्रथा अब टूट गे या टूटत हे ओखरो कारण हे l

  अब उहू नंदावत जावत हे l सेवा सहिष्णुता नई रही गे l हमर परम्परा हमर संस्कृति म औदार्य  गुन हे l जेखर गुन गाथन l

कइसे बचाबो? गोठ म पदोंलीं

दुहू l

 

मुरारी लाल साव

कुम्हारी

No comments:

Post a Comment