Saturday, 30 September 2023

रामकृष्ण मिशन आश्रम" गोठ नारायणपुर (बस्तर )के।।

शिवप्रसाद लहरे: Date: 18-Aug-2023

Subject: "रामकृष्ण मिशन आश्रम" गोठ नारायणपुर (बस्तर )के।।


"रामकृष्ण मिशन आश्रम " गोठ नारायणपुर (बस्तर) के।

                 हमर छत्तीसगढ़ माटी के सोंध ह दुनिया के जन -जन करा जावाथे।आप मन ह जानत होहू कि हमर छत्तीसगढ़ महतारी म डोंगरी, पहाडी़,नदिया,नरवा समाय अउ घेराय हे।इही हमर पहिचान आय,हमर धरोहर आय।जेकर बर हमला चेत करे ल पड़ही। त आवव अइसने ढंग के डोंगरी भितरी बसे छत्तीसगढ़ के छोटकुन जिला -नारायणपुर (बस्तर) म बने अऊ बसे रामकृष्ण मिशन के बारे म जानन -------

                  संगी हो जिला -नारायणपुर ( बस्तर ) के सुंदरता अऊ विशेषता,रंग -रंग के कलाकृति ल का सुना पाहूं।फेर छोटकुन अपन भाखा मा जउन ल देखे हवं,सुने हवं तेला आपमन करा परोसे के प्रयास करत हववं।

                    इहां के पुरखा आदिवासी अउ स्वामी जी मन के कहे अनुसार बस्तर के जंगल भितरी म बसे नारायणपुर ह छोटकुन नगर आय।जिहां आदिवासी मन के पुरखा अबुझमाड़ म अपन जिनगी ल चलावाथे।ये उही आदिवासी अबुझमाड़ आय जउन मन कोनो प्रकार के लालच लोभ, ईर्ष्या, द्वेष आपस म मार -पीट असन दोष ले दुरिहा हे।ये बात सन् -१९८५के पहिली के आय।जेकर करा न तो चाउंर -दार,न बने घर - दुवार,न तो तन ढाके बर बने कपड़ा।न चिकित्सा रहिस न चिकित्सक। बिजली ले तो अउ कोनों नाता रहिस हे।रहिस संग म जंगल के, पेट भरे बर फर -फूल,कांदा, अउ ईलाज बर खुदे बैध जंगल के जड़ी -बुटी।उकर घर रहिस पाना -डारा,लाटा -बुटा संग जोर के खुंटा -खांभर गड़ा के अपन छोटकुन झोपड़ी बना के जिनगी जीयत रहिस हे।जंगल भितरी म बसे अइसन -अइसन गांव हे, जिहां पैडगरी रद्दा घलो बने नइ हे। सायकील घलो बने नइ चल पाय।कतको मील दुरिहा ले रेंग के आथे, नारायणपुर म। नारायणपुर के बाजार ह घलो मड़ई -मेला असन लगथे, इकर आय ले।

               इकर जिनगी म सुविधा के सुख ह कई फरलांग दुरिहा रहिस होही,अइसने लागत रहिस हे।फेर कोनों महापुरुष मन के नजर ह इकर ऊपर पड़िस।अउ उंकर रख -रखा�

[9/28, 10:58 AM] शिवप्रसाद लहरे: "रामकृष्ण मिशन आश्रम " गोठ नारायणपुर (बस्तर) के।

                 हमर छत्तीसगढ़ माटी के सोंध ह दुनिया के जन -जन करा जावाथे।आप मन ह जानत होहू कि हमर छत्तीसगढ़ महतारी म डोंगरी, पहाडी़,नदिया,नरवा समाय अउ घेराय हे।इही हमर पहिचान आय,हमर धरोहर आय।जेकर बर हमला चेत करे ल पड़ही। त आवव अइसने ढंग के डोंगरी भितरी बसे छत्तीसगढ़ के छोटकुन जिला -नारायणपुर (बस्तर) म बने अऊ बसे रामकृष्ण मिशन के बारे म जानन -------

                  संगी हो जिला -नारायणपुर ( बस्तर ) के सुंदरता अऊ विशेषता,रंग -रंग के कलाकृति ल का सुना पाहूं।फेर छोटकुन अपन भाखा मा जउन ल देखे हवं,सुने हवं तेला आपमन करा परोसे के प्रयास करत हववं।

                    इहां के पुरखा आदिवासी अउ स्वामी जी मन के कहे अनुसार बस्तर के जंगल भितरी म बसे नारायणपुर ह छोटकुन नगर आय।जिहां आदिवासी मन के पुरखा अबुझमाड़ म अपन जिनगी ल चलावाथे।ये उही आदिवासी अबुझमाड़ आय जउन मन कोनो प्रकार के लालच लोभ, ईर्ष्या, द्वेष आपस म मार -पीट असन दोष ले दुरिहा हे।ये बात सन् -१९८५के पहिली के आय।जेकर करा न तो चाउंर -दार,न बने घर - दुवार,न तो तन ढाके बर बने कपड़ा।न चिकित्सा रहिस न चिकित्सक। बिजली ले तो अउ कोनों नाता रहिस हे।रहिस संग म जंगल के, पेट भरे बर फर -फूल,कांदा, अउ ईलाज बर खुदे बैध जंगल के जड़ी -बुटी।उकर घर रहिस पाना -डारा,लाटा -बुटा संग जोर के खुंटा -खांभर गड़ा के अपन छोटकुन झोपड़ी बना के जिनगी जीयत रहिस हे।जंगल भितरी म बसे अइसन -अइसन गांव हे, जिहां पैडगरी रद्दा घलो बने नइ हे। सायकील घलो बने नइ चल पाय।कतको मील दुरिहा ले रेंग के आथे, नारायणपुर म। नारायणपुर के बाजार ह घलो मड़ई -मेला असन लगथे, इकर आय ले।

               इकर जिनगी म सुविधा के सुख ह कई फरलांग दुरिहा रहिस होही,अइसने लागत रहिस हे।फेर कोनों महापुरुष मन के नजर ह इकर ऊपर पड़िस।अउ उंकर रख -रखाव म बदलाव करे के बारे म सोंचिस हे।ये बदलाव तभे आही जब हमन इकर संग बइठबो - उठबो अउ संगे -संग इकर अवइया पीढ़ी ल शिक्षित बनाबो।त येकर बर बने असन स्कूल सुख सुविधा के संग खोले बर पड़ही।ये सोच रखइया अउ कोनों दूसर नो हरे हमर पुरखा परम आदरणीय स्वामी आत्मानंद जी हरे।जउन ह रामकृष्ण परमहंस मिशन आश्रम बेलुड़ मठ भारत के पश्चिम बंगाल म हुगली नदी के पश्चिमी डहर के बेलुड़ म बने हे। रामकृष्ण मिशन आश्रम जउन ल हमर युवा मन के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी ह अपन गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी के नाव ले आश्रम बनाय हे।ओकर प्रेरणा पाके स्वामी आत्मानंद जी ह रायपुर मुख्यालय के माध्यम ले २ अगस्त सन् -१९८५ म छत्तीसगढ़ के अबुझमाड़ मन के सोर करत जिला -नारायणपुर बस्तर म स्थापना करिन। जिहां जंगल भितरी के अबूझ -अंजान ।मन के लईका मन ल उचित शिक्षा देय बर आश्रम म भर्ती लिन।येकर संगे - संग  किसानी बुता के नियम ल घलो ओ लईका के दाई -ददा मन ल प्रशिक्षण दे के काम करिन।आज हमरे असन वहू मन ह खेती करे के काम - काज ल धरे हे।

                  स्वामी आत्मानंद जी ह पिछड़े विकास के रद्दा म आदिवासी मन के सेवा करे बर स्थापना करिन हे,जेन ह आज लग - भग २०० एकड़ म विस्तारित हे।सन् -२००९ म २५वां "इंदिरा गांधी अवार्ड फार नेशनल इंट्रीगेसन " पुरस्कार जुन्ना (पूर्व) राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी जी द्वारा दे गिस हे। इहां के आश्रम म राष्ट्रपति जी के आगमन ७ नवंबर सन् -२०१२ म होइस हे।येकर जादा खुशी के अउ का बात हो सकाथे।जेकर सोर ह दिल्ली तक नहीं वरन पूरा दुनिया मा बगरे हे।इही करा ले आज येकर पांच ठन " सब सेंटर " होगे हे। जउन ह जंगल भितरी म आदिवासी मन के सुविधा ल बढा़य के सरलग काम चलाथे।जेमा पहिली आश्रम हे------

(१)अकाबेड़ा ----नारायणपुर ले लग - भग १८ किलोमीटर के दुरिहा जंगल भितरी म एकरे नाम के आश्रम ह शाखा के रूप म हे। इहां आवासीय उच्च विद्यालय, स्वास्थ्य पोस्ट,पोषण पुनर्वास केन्द्र, उचित मूल्य के दुकान अउ कल्याण कार्यालय हे।जेन ह ये क्षेत्र म अड़बड़ विकास कराइन हे।

(२) इरकभट्ठी ------ ये ह नारायणपुर जिला ले लग-भग ३५ किलोमीटर जंगल भितरी म हे। इहां घलो अकाबेड़ा असन सुविधा हे।

(३)कच्चापाल ----- नारायणपुर जिला ले लग-भग ४० किलोमीटर दुरिहा हे

(४) कुंदला -------- नारायणपुर जिला ले लग - भग २० किलोमीटर हे।

(५)कुतूल ------ नारायणपुर जिला ले लग - भग ४० किलोमीटर दुरिहा हे। जम्मों सब सेंटर मन के काम अउ उद्देश्य ह एके हे। संगी हो जंगल के भितरी- भितरी म कतको गांव हे परिवार हे जेकर बर सुविधा पहुंचाय के स्टेशन माने जा सकाथे।

                        नारायणपुर के आश्रम म आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हे जेमा ११९८ आवासीय लईका मन पढ़ई कराथे। इहां बहुद्देशीय कर्मचारी प्रशिक्षण केंद्र हे।जेन ह २४ झन ग्रामीण मन ल हर साल मोटर मैकेनिक, ड्रायविंग,काष्ठकारी म प्रशिक्षित करके ओला रोजगार दे के प्रयास करे जाथे।येकर संगे- संग कृषि प्रशिक्षण अउ प्रदर्शनी केन्द्र हे,जेमा आस-पास के ग्रामीण किसान मन ल बने - बने उन्नत खेती करे के जानकारी समय-समय म देवत रहिथे।अउ इकर बर किसान मेला के आयोजन घलो कराय जाथे।इहां एक ठन अउ केन्द्र बने हे पुस्तकालय जिहां नवा -जुन्ना करे लग-भग १३४८१ किताब अउ ६७ समसामयिक पुस्तक मन ल घलो रखे जाथे।एकर संग अखबार के संग्रह घलो हे।

                       इहां बिना पईसा के (नि:शुल्क) पढा़य -लिखाय अउ प्रशिक्षण दे जाथे।आश्रम म कोचिंग सेंटर घलो संचालित हे, जिहां लग - भग २००७ झन लईका मन के पढ़ई -लिखई अउ जुड़े सामान जइसे कपड़ा,खाना,मोटर-गाड़ी (स्कूल बस) के सुविधा बिना पईसा के हे।आश्रम के अंदर एक ठन अस्पताल घलो बने हे जेकर नाव विवेकानंद आरोग्य धाम हे। जिहां ३० ठन बिस्तर हे।

जम्मों सुविधा के अस्पताल हे। इहां लग-भग ३४०५ आंतरिक अउ ५७६५८बाह्य मरीज मन के इलाज हो चुके हे।एकर छोंड़ एक ठन मोबाइल मेडिकल यूनिट घलो हे,जउन ह दूरिहा क्षेत्र के मरीज मन ल लाय जाथे। अबूझमाड़ के लईका मन ल तकनीकी शिक्षा दे खातिर आई.टी.आई. के स्थापना ०१ अक्टूबर सन् २०१२ ले करिन हे,जउन ह आज इकर मन बर रोजगार के साधन बनिस हे।एकर संगे - संग १० ठन अलग-अलग व्यवसाय के प्रशिक्षण केन्द्र हे।जेमा बिना पईसा के सिखाए अउ पढा़य जाथे। अबूझमाड़ के लग -भग ३०० लईका मन ल तकनीकी शिक्षा दे जाथे।अउ ये आश्रम म लगभग १५०० कर्मचारी मन अपन सेवा देवाथे।

                संगी हो इहां एक ठन उचित मूल्य के दुकान घलो हे, जिहां सबो जिनिस अपन दिनचर्या के सामान ह मिल जथे।सुघ्घर बगीचा हे, सुघ्घर बारी - बखरी हे, जिहां किसम - किसम‌‌‌ के साग सब्जी बोय जाथे, अउ आवासीय लईका मन ल बने - बने पौष्टिक भोजन दे जाथे। इहां के देख-रेख करइया जम्मों काम -काज के स्वामी जी मन ह करथे।संगी हो आश्रम के बने ले भारी तेजी के संग अबुझमाड़ म विकास के प्रकाश ह बगरीस हे। पहिनावा से रख-रखाव म घलो बदलाव आइस हे। इहां पशुपालन घलो सुघ्घर ढंग ले करे जाथे।गाय गरुवा मन के देख रेख कइसे करना हे दूध -दही कइसे निकालना हे,उंकर उपयोगी काहे ये जम्मों विषय म प्रशिक्षण के माध्यम ले अबुझमाड़ आदिवासी मन ल बताय जाथे।जेकर ले आज जम्मों जिनिस के बारे म अब ज्ञान रखथे।पढ़ई-लिखई के संगे संग खेल- कूद म घलो आगे आवाथे।मलखम से ले के बॉस शिल्प -कला,चित्र कला, गीत-संगीत,हर प्रकार के प्रतिभा धराके लईका मन ल आघू बढा़य के उदिम कराथे,हमर नारायणपुर के रामकृष्ण मिशन आश्रम ह।

                   आज अपन पहिचान छत्तीसगढ़ के गौरव ल विदेश म घलो बगरावाथे।बाहिर देश के मनखे मन घलो ये आश्रम ल देखे बर आथे।एक प्रकार के हमर छत्तीसगढ़ के ज्ञानास्थल आय।एकर स्थापना ले अबुझमाड़ के रहवइया आदिवासी मन के एक ठन अलादीन के चिराग कहे म कोनो गलत नइ होही अइसे मोला लगथे।

                           

                                 

                                   स्थायी पता 

                        नाम -शिवप्रसाद लहरे "सागर"

                    ग्राम -रानीतालाब पो./थाना-चिचोला

                तह.-छुरिया,जिला - राजनांदगांव (छ०ग०)

                                                         

                   मो. 7974431501,8878822647

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वर्तमान पता

नाम -शिवप्रसाद लहरे "सागर"

शहर- नारायणपुर

जिला- नारायणपुर (बस्तर)

              (छ०ग०)

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