Thursday, 23 January 2025

सपना के पांखी*//-

 कहिनी             -// *सपना के पांखी*//-

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           पं.सिरीधर श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर के पुजारी रहिस।जबर सिधवा,ऊंचपुर फकफक उज्जर देहें अऊ माथा के भरभर त्रिपुंड चन्दन के टीका लगाय रहे।चोटइया जबर लंबा अऊ मोटहा रहिस ते पाय के कतको झन चोटइया वाले महराज के नांव ले चिन्हारी करंय।पं.सिरीधर पोथी पुरान के जबर गुनिक कतको अकन दोहा-चौपाई अऊ श्लोक ल मंतरा कस मुअखरा पढ़त रहय।ओहर धोती कुर्ता पहिरे, पांव म खड़ाऊ पहिर के रेंगय।पं.सिरीधर संतोषी किसिम के रहिस ते पाय के कतको झन संतोषी महराज घलो कह देवंय।श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर ओतका जादा बड़े नि रहिस फेर ओकर महत्ता जबर रहय।

             ओहर मंदिर के पूजा-पाठ करय,काकरो धार्मिक अनुष्ठान,बर-बिहाव ,कथा घलो बांचे जावे।जजमान मन कतको दे देवय ओला झोंक लेवय कोनों प्रकार के अऊ देवा कहिके कभू नि रुंगे ते पाय के सबोझन संतोषी महराज कहबेच करय।पूजा-पाठ करवाय बर सबो बलाबेच करंय।चेला-चपाटी मन घर म पूजा-पाठ एतका जादा रहय के महराज जी ल फुर्सत नि रहय।कभू-कभू तो आने दिन करबो कहिके करारा कर देवय।

              पूजा-पाठ करे म सबो डहर चिन्हारी होगे रहिस।लक्ष्मीनारायण मंदिर शहर के बीचोबीच म रहिस,मंदिर के पाछू कोती महराज मन के रहे के ठउर-ठीहा रहिस।ऊंहा अपन गोसाईंन सबितरी अऊ दू झन लइका संग रहय।पूजा-पाठ अऊ कथा-भागवत के चढ़ोतरी ले गुजर-बसर समे के समे हो जावत रहय।समे कतका बेर केरवटिया लेथे गम नि मिले।नगर निगम के ठउका चुनाव के बेरा आय रहिस।जेन जघा म मंदिर रहय ओहर वार्ड क्रमांक - 20 म आवत रहिस जेन ह अनारक्षित महिला सीट होगे रहय।महराज जी के प्रभाव घलो उहीच वार्ड म जादा रहय।

             जेन वार्ड म महराज मन रहंय तेन वार्ड म कोनों किसिम के विकास कारज नि होय रहिस ते पाय के सबो जनता मन कतको परेशानी ल झेलत रहिन।पहिली के पार्षद रहिन तेमन कुछू काम नि करे रहे।चुनाव के लकठियाय म कतको झन अपन-अपन दावेदारी करे बर धर लिन।चुनाव के बेरा म कतको शिक्षित, मिलनसार शुभचिंतक, सुख-दुख के संगवारी, बुधियार तको मन बिल भितरी ले बहिराय के आरो देखे म मिल जाथे।

                महिला सीट रहे के खातिर उहीच वार्ड के एकझन जजमान पिलउ ह एकदिन पंडित जी करा जाके कहिथे..... ' हमर वार्ड क्रमांक 20 म कुछू विकास कारज नि होवत हे महराज '!एकठन गोठ कहत हौं महराज नराज झन होइहा। ' ले गोठिया न पिलउ का बात आय तेन ल '....महराज कहिस!नराज नि होइहा त कहत हौं....थोरिक डरावत पिलउ कहिस! ' ले गोठिया न काय बात आय तेन ल ओमा का के नराज होये के बात हे भई  '.....महराज मुसकावत कहिस! ' हमर वार्ड म आज तक कोनों विकास के कारज नि होय ते पाय के आपमन के महराजिन ल पार्षद चुनाव म ए पइत प्रत्याशी बनातेन कहिके अंदाजे हावन ' महराज.....पिलउ सकपकावत कहिस ! ' अऊ ठउका ए वार्ड ह सामान्य महिला सीट होगे हावे '......बतावत कहिस।

             ' अरे ! भई हमन ल अपन पूजा-पाठ ले फुरसत नि मिले कहाँ के चुनई -फुनई एकर ले हमन दूरिहा रहिथन,राजनीति के दांव-पेच ल नि समझ सकन ग '......महराज अपन जजमान ल कहिस।' ए दारी सामान्य महीला सीट हावे तेकर ले कहत हंव थोरिक चेत करव महराज '......पिलउ फेरेच कहिस ! ' त तैं सुन पिलउ आज हमन दूनोझन सलाव हो जावत हन फेर बताहूंँ ' .....महराज कहिस!

                    संझा जुवार मंदिर के पूजा आरती भोग के बाद रतिहा अपन महराजिन सबितरी संग सलाव होय बर धर लिन।' पिलउ आय रहिस अऊ कहत हावे के ए दारी के पार्षद चुनाव म तोला उम्मीदवारी करे बर कहत हांवै तोर का बिचार हे ' बता.......महराज अपन गोसाईंन ल कहिस!' पिलउ आय रहिस त ओला काय बोले हौ '......सबितरी कहिस! ' घर म सलाव हो जावत हन तेकर पाछू बताहूंँ कहे हंव '........महराज कहिस!' पिलउ ठीक कहत हावे ए दारी हमरो भाग ल अजमा के देख लेथन मउका मिलत हे त ' .......सबितरी खुशी मन ले कहिस। " ठीक कहत हस तैं वइसे ए वार्ड क्रमांक 20 म हमर जजमान घलो जादा हावें '.....महराज कहिस!

                दूसरावन दिन पिलउ फेर आइस,' का सलाव होय हौ महराज '...... पैलगी करत पिलउ पूछिस!बइठ पिलउ.....कुर्सी कोती इशारा करत महराज कहिस। ' देख पिलउ हमन चुनाव ल जानन नहीं पूजा-पाठ के करइया तो आन '..... महराज कहिस!'आप मन तियार भर हो जावौ बाकी कुछू करे बर नि लागय हमन सब देख लेबो '......पिलउ कहिस! ' देख अइसनहा हे त महराजिन ल तियार करत हौं '......महराज कहे लागिस!' फेर पाछू कोनों प्रकार के धोखा नि होना चाही ' .....पिलउ ल समझावत कहिस।' ठीक हे महराज चिंता करे के बात नि हे '....पंदोलत पिलउ कहिस। ' एमा धोखा के बातेच नि हे '।

               दूसरावन दिन वार्ड के मन सबो जुरमिल के पार्षद बर फारम भरे कलेक्टर आफिस के निर्धारित ठउर म महराज अऊ ओकर गोसाईंन सबितरी संग जाके भर के आगिन।उहीच वार्ड ले केकती घलो फारम भरे रहिस।केकती घलो आकब करे म कम नि रहिस अपन वार्ड के जबर कमइलिन,मिलनसार अऊ बने  गोटकारिन घलो रहय।जेन दिन फारम के स्कूटनी होइस तेमा केकती के फारम म कुछ कमी पाय गिस ते पाय के फारम रिजेक्ट हो गिस अऊ महराजिन सबितरी निर्विरोध चुनाव जीत गिस।सबोझन महराज अऊ महराजिन ल बधाई देवत रहिन।चुनाव जीते के बाद कोनों किसिम के देखावा जादा नि करिन।

               महराजिन के चुनाव जीते के पाछू वार्ड म विकास के काम दिखे लागिस।नाली बजबजावत रहे तेन साफ होय लागिस,सड़क खंचवा खनाय रहिस तेन सिरमिट के नांवा सड़क बनगे,पीये के पानी ठीक से नल म नि आवत रहिस ओहू समे म मिले धर लिस।गली म बिजली घलो लग गे जेकर ले रतिहा आय-जाए म कोनों किसीम के डर-भय नि रहे।सबो के राशन कारड घलो बनगे।वृद्धा, विधवा, समाजिक सुरक्षा पेंशन लाईक रहिन तेमन ल मिले लागिस।कतको झन ल प्रधानमंत्री आवास घलो देवाइस वार्ड के सबो मनखे महराजिन सबितरी के कारज ल सहरावत खुश रहिन।

            अइसने करत पं. सिरीधर अऊ महराजिन के मान सम्मान अऊ बाढ़त गिस।बढ़िया कारज करंय ते पाय के हर बार चुनाव म उहीच मन निर्विरोध चुनाव जीत जावत रहिन।लगातार चार पंचवर्षीय तक उहीच वार्ड ले कभू महराज पार्षद बने त कभू महराजिन।धीरे-धीरे पद -प्रतिष्ठा पूरा शहर म फइल गे।पं. सिरधर मन म सोचत रहिस के ' ए पइत के चुनाव म महापौर के फारम भरबेच करहूँ '।महराज के मन म  "*लोभ के पीकी फुटे* " धर लिस।महापौर के सपना देखत रहय।

             महापौर बने के सपना ल सिरजाय बर पं. सिरीधर तियारी करे लागिस।तिहार-बार लकठियाय त बड़का-बड़का फ्लेक्स चउंक-चौराहा म टंगवाबेच करे।घाम के दिन जघा-जघा शरबत पानी पियावय,जड़कल्ला म कम्मल बांटे, तीजा म माई लोगन मन के सम्मेलन करवा के लुगरा बांटे, राखी तिहार म घलो लुगरा अऊ मिठई बंटवाबेच करे।डाक्टर, वकिल,साहित्यकार, लोक कलाकार सबो मन के मंदिर म ओसरी-पारी सम्मेलन करवाए सबो ल नरियल अऊ साल भेंट करत जावे।सबो समाज के मुखिया मन के घलो सम्मेलन करवाईस।पं.सिरधर महापौर बने के अपन जम्मो ताकत ल झोंक दिस।जघा-जघा सोर घलो होवत रहिस के ' ए पइत पं. सिरीधर महापौर बन जाही अइसे लागत हावे '।

                चुनाव लकठियावत गिस एती पं.सिरीधर के तियारी घलो बाढ़त गिस।शहर के सबो वार्ड म पं.सिरीधर के गोठबात होवय जेमा कहंय के ए ' पइत महराज महापौर बनबेच करही '।चुनाव आयोग डहर ले चुनाव के तियारी होय लागिस।मतदाता सूची तियार होइस अऊ ओकर प्रकाशन होगिस।महापौर पद के आरक्षण करे के दिन राज्य निर्वाचन आयोग डहर ले निर्धारित होइस।एती महराज पहिली ले टी.बी. ल समाचार सुनहूं कहिके चालू करके बइठे रहिस।

               महराज जी पहिली *आज तक* समाचार चेनल लगाइस, त ओमा विज्ञापन आवत रहिस।विज्ञापन घलो जबर लंबा तक चलत रहय,असकटा के रिमोट ल दबा के *रिपब्लिक भारत* समाचार लगाइस ओमा अर्नब गोस्वामी अऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संग प्रयाग महाकुम्भ के गोठबात होवत रहय,फेर तुरतेच आई बी सी 24 लगाईस ओमा ठीक समाचार बोलइया समाचार बोले के शुरू करत रहय।'रायपुर, बिलासपुर,दुरुग रायगढ़,सरगुजा अऊ बस्तर कोती के आरक्षण ल बतावत गिस ' महराज कान ल बने टेंड़ के सुनत रहय,जइसे कोरबा के नांव लेवत रहिस तइसने... लाईट गोल होगे।भइगे महराज तो लाईन वाला मन ल भंसेड़े के शुरु कर दिस।इहीच बेरा रहिस लाइट गोल करे बर....मने मन बड़बड़ावत रहय।

               ' आज महराज ल नींद नि आवत रहय '।सुकवा उवे के पहिली ले जाग गे रहिस।पंगपंगाती भिनसरहा होईस तंह ले महराज जी असनान करके पूजा-पाठ ल जल्दी कर डारिस ,पेपर म समाचार पढ़े बर पेपर बंटोइया ल अगोरत रहय।पेपर बंटोइया घलो आने दिन कस जल्दी नि आइस थोरिक अबेर होगिस त पेपर बंटोइया ऊपर भड़कत अऊ खिसियावत रहय,तइसनहे पेपर बंटोइया आइस।झटकून पेपर ल देखे धर लिस।पहिली पेज के ऊपर म बड़का हेडिंग म लिखाय रहे छत्तीसगढ़ के सबो "*नगर निगम,नगरपालिका अऊ नगर पंचायत के आरक्षण सूची* "!ऊपर ले पढ़त उतरत गिस कोरबा करा आइस त कोरबा के आघू म " अनुसूचित जनजाति महिला " लिखाय रहे।महराज ल विश्वास नि होत रहिस अपन चश्मा ल फेर बने पोंछ के देखिस।कोरबा महापौर के पद अनुसूचित जनजाति महिला रहिस।

               आरक्षण सूची ल देख के पं.सिरधर ' अकबका ' गिस।ओकर " *चेहरा के चमक*" उड़िया गिस।जाड़ म घलो पसीना ओगर गे।ओकर मुँहरन देखे के लइक होगे।महापौर बने के "*सपना म पानी फिर*" गिस।महापौर बने बर एतका जादा मिहनत करे रहिस तेन सबो ह "*बाढ़े पूरा* " म बोहागे।महापौर के सपना "*ताश के घर* " कस भरभरा के गिर गिस।पं.सिरीधर के देखे "*सपना ह पांखी* " लगाके बंड़ोरा के संगे-संग अगास कोती उड़िया गिस।एकरे सेती कहे गे हावे कोनों जिनीस म जादा " *चिभीक अऊ लगाव* " नइ रखना चाही।

✍️ *डोरेलाल कैवर्त " हरसिंगार "*

          *तिलकेजा, कोरबा (छ.ग.)*

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