Thursday, 23 January 2025

सकट चतुर्थी

 सकट चतुर्थी

       


              चंदा, सुरुज, ग्रह नक्षत्र के पूजा पाठ बारो महीना चलते रथे। वइसने एक पूजा व्रत होथे, सकट तिहार। ये तिहार के दिन चौथ के चंदा मा भगवान गणेश ला विराजे मानके।ओखर दर्शन करके बेटी बहिनी मन, अपन निर्जला ब्रत ला तोड़थे, अउ अपन लइका लोग के सुख समृद्धि के कामना करथें। ये सन्दर्भ मा एक कथा आथे कि, भगवान शिव हा, पार्वती द्वारा मइल ले बनाय गणेश जी के मुड़ी ला काट देथे, जेखर ले पार्वती बहुत दुखी हो जथे, अउ जब गणेश जी ला जिंदा करे बर कथे, ता ओखर मुड़ मा हाथी के मूड़ लगाथे। पावर्ती देख के खुश होथे, फेर जब अपन लइका के पहली वाले कटे मुड़ी ला देखथे ता विलाप करे लगथे। पार्वती ला विलाप करत देख, ओखर प्रण, व्रत अउ इच्छा अनुसार वो मुड़ी ला चन्द्रमा मा,शिव जी हा शुशोभित कर देथें। अउ उही दिन ले सकट तिहार के उत्तपत्ति माने जाथे। माता पार्वती अपन लइका गणेश के पुर्नजीवन अउ कटे मुड़ी के संसो बर निर्जला व्रत रहिके, भगवान शिव ला अपन बात मनवाथे। तपोबल ले प्रभावित भगवान शिव, चन्द्रमा मा मुड़ ला स्थापित करे के बाद, ये आषीश देथें कि सकट के दिन जउन भी महतारी मन, चाँद ल देखत पूजा पाठ करहीं, उंखर लइका लोग के सब संकट दुरिहा जही। उपास धास के ये सिलसिला आदि काल ले चलत आवत हे।    

                      ज्यादातर ये उपास ला लोधी कुर्मी समाज के बेटी माई मन रहिथे। पहली कस आजो ये तिहार मा, बेटी माई मन, अपन मइके मा जुरियाके सबो सँवागा सजाके रतिहा चंदा ला नमन करत अपन निर्जला व्रत ला तोड़थें अउ लइका लोग घर परिवार के सुख समृद्धि के कामना करथें। ये दिन माटी के खिलौना, जेमा डोंगा, बाँटी के साथ साथ पापड़, तिली लाड़ू, कोमहड़ा पाग,पूड़ी खीर आदि पकवान बनाये जाथे,अउ भगवान चन्द्र गणेश ला भोग लगाय जाथे। ये परब ला सकट चतुर्थी घलो कथे। ददा भाई मन ये तिहार के पहली अपन बेटी बहिनी ला घर ले आथे। बेटी माई मन मइके मा ये उपास ला रथें। व्रत तिहार कोनो भी होय सबके मूल मा सुख समृद्धि के कामना जुड़े रथे। वइसनेच मया मेल,सुख समृद्धि के परब आय सकट।।


सकट तिहार-कुंडलियाँ


मइके मा जुरियाय हें, दीदी बहिनी आज।

सकट तिहार मनात हें, थारी दिया सजात।

थारी दिया सजात, हवैं बेटी माई मन।

लाड़ू पापड़ खीर, बनावत हें दाई मन।।

माँगे मया दुलार, गजानन ले व्रत रइके।

हाँसत खेलत रोज, रहै ससुरार अउ मइके।


जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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