Monday, 27 January 2025

आजादी के लड़ाई म राजनांदगांव जिले के योगदान

 








आजादी के लड़ाई म राजनांदगांव जिले के योगदान 


  जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस म गरम दल के नेता मन के धाक जमे लगिस तब भारतीय जनता म अंग्रेजी सासन के विरुद्ध भीतरे- भीतर आगी सुलगत 

गिस। वो समय लाल- बाल -पाल के रूप म लाला लाजपतराय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक अउ विपिनचंद्र पाल के अब्बड़ सोर रिहिस। 1905 म बंगाल विभाजन ले ये चिंगारी ह आगी बन गे अउ जनता मन अंग्रेज़ी सासन बर बागी बनगे। हमर देश के नेता मन जनता ल समझाय लगिस कि अंग्रेजी सासन फूट डालव अउ राज करव के नीति ल अपना के शुरू ले सासन करत आवत हे अउ बंगाल के विभाजन येकर एक बड़का उदाहरण हे।  देशभर म अंग्रेजी सासन के विरुद्ध वातावरण बनिस। अइसन बेरा म 1905  म राजनांदगांव में ठाकुर साहब के अगवाई म छात्र मन के पहली हड़ताल होइस ।ठाकुर साहब अपन सहयोगी छविराम चौबे अउ गज्जू लाल शर्मा के संग मिलके राजनांदगांव म राष्ट्रीय आंदोलन ल ठाहिल बनाइस। ये देश के छात्र मन के पहली हड़ताल माने जाथे।

अइसन दौर म छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सदस्य मन घलो गरम दल के नेता मन ले प्रभावित होके उंकर संग सामिल होगे। बछर 1907 म सूरत म आयोजित कांग्रेस अधिवेशन म कांग्रेस दू भाग म बंट गे। अब उदारवादी नेता मन के जगह उग्रवादी दल के नेतामन के दौर चालू होगे अउ अंग्रेजी सासन के सोसन के विरुद्ध जनता संगठित होय लगिस। अइसन बेरा म छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले म घलो आजादी खातिर जन जागृति फैलाय बर सुघ्घर कारज होइस। छत्तीसगढ़ म स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के अर्जुन ठाकुर प्यारेलाल लाल सिंह बछर 1909 म राजनांदगांव म सरस्वती पुस्तकालय के स्थापना करिन। आगू चलके सरस्वती पुस्तकालय ह राजनीति गतिविधि के ठउर बनगे। अंग्रेजी सासन ल पता चलिस त सरस्वती पुस्तकालय ल जब्त कर लिस।


  बछर 1915 म महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका ले भारत लहुंटिस अउ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस म सामिल होगे। गांधी जी ह देश के दसा ल जाने खातिर दौरा करिन। अंग्रेज मन के सोसन ल जानके वोहा अहिंसक ढंग ले लड़ाई के योजना बना के जन जागृति के सुघ्घर कारज करिन। धीरे से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस म गांधी जी के धाक जमगे जेहा आजादी तक जारी रिहिस। गांधी जी के मानना रिहिस कि अंग्रेजी सासन ले अहिंसा अउ सत्याग्रह ल अपनाके लड़ना ठीक रहि। येकर प्रयोग गांधी जी ह दक्षिण अफ्रीका म मजदूर मन के हक खातिर लड़ाई म कर चुके रिहिन। भारत म खेड़ा सत्याग्रह के माध्यम ले गांधी जी अहिंसक आंदोलन के सुरुआत करिन। सितंबर 1920 में कलकत्ता म लाला लाजपत राय के अध्यक्षता म कांग्रेस के विशेष अधिवेशन आयोजित होइस ।येमा गांधी जी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाय के स्वीकृति दे गिस ।फेर कांग्रेस के अधिवेशन नागपुर में 26 दिसंबर 1920  म होइस जेकर अध्यक्षता विजय राघवाचार्य करिन ।ये अधिवेशन म हमर छत्तीसगढ़ ले आने नेता मन  संग ठाकुर प्यारेलाल सिंह ह सामिल होइन।रोलेट एक्ट जइसे करिया कानून अउ जलियांवाला बाग हत्याकांड के सेति देश भर म अंग्रेज सरकार के विरुद्ध चिंगारी सुलगत रिहिस हे। अइसन समय म गांधी जी का आह्वान कर चुके रिहिन कि अंग्रेज

 सरकार के गुलामी ले छुटकारा पाय खातिर स्थानीय समस्या ल आधार बना के असहयोग आंदोलन चालू करय। 

ठाकुर प्यारेलाल सिंह ह असहयोग आंदोलन के समय वकालत छोड़के राजनांदगांव म राष्ट्रीय विद्यालय के स्थापना करिन ।हजार भर के संख्या म चरखा बनवा के जनता ल बांटिस । चरखा के महत्तम समझाइस अउ खादी के प्रचार करिन। ठाकुर साहब खादी पहने लागिस।राजनांदगांव ले हाथ में लिखे पत्रिका घलो निकालिन जउन ह जन चेतना बर अब्बड़ सहायक होइस। 


 गांधी जी जब पहिली बार 20 दिसंबर 1920 म छत्तीसगढ़ आइस त  इहां के नेतामन के संगे -संग जनता मन म अब्बड़ उछाह छागे। गांधी जी कंडेल नहर सत्याग्रह के सिलसिले म आय रिहिन। गांधी जी के छत्तीसगढ़ आय ले अंग्रेजी सासन म हड़कंप मचगे।गांधी जी के कंडेल जाय से पहिलीच अंग्रेजी सासन ह आंदोलनरत किसान अउ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन के बात ल मान लिस।


सन 1923 में जब झंडा सत्याग्रह चालू होइस त ठाकुर साहब ल प्रांतीय समिति द्वारा दुर्ग जिला ले सत्याग्रही भेजे के काम सौंपे गिस।नागपुर म सत्याग्रह आंदोलन चालू होइस ।झटकुन  नागपुर सत्याग्रह के प्रमुख ठउर  बनगे। 1924 में जब बीएनसी मिल के दुबारा हड़ताल चालू होइस तब ठाकुर प्यारेलाल सिंह ल जिला बदल कर दे गिस। राजनांदगांव ले निष्कासित करे के बाद सन 1925 म ठाकुर साहब रायपुर चले गे अउ अपन जिनगी के आखिरी तक ऊंहचे रहि के अपन राजनीतिक काम मन ल संचालन करत रिहिन। ठाकुर साहब के उदिम ले राजनंदगांव,  छुईखदान, खैरागढ़ रियासत मन मा कांग्रेस संगठन के निर्माण होइस।


बछर 1929 म भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन म पंडित जवाहरलाल नेहरू के अध्यक्षता म पूर्ण स्वाधीनता के प्रस्ताव पारित होइस ।येकर बाद  26 जनवरी 1930 म स्वाधीनता दिवस के रूप म मनाय गिस । गांधी जी देशवासी मन ले आह्वान कर चुके रिहिन कि स्थानीय समस्या ल लेके  आंदोलन चालू करय। अइसन बेरा म राजनांदगांव ,छुई खदान, मोहला ,मानपुर , कौड़ीकसा,डोगरगढ़ डोगरगांव ,  सहित छुरिया क्षेत्र के बादराटोला, चिरचारीकला, घोघरे, बापूटोला ( चिचोला)क्षेत्र ह आंदोलन के प्रमुख केंद्र बन गे।

   राजनांदगांव म विद्रोही कवि कुंज बिहारी  चौबे छात्र जीवन म  अंग्रेज शासन के झंडा ल उतार के भारतीय झंडा फहरा दिस । येकर सेति वोला बेत ले अब्बड़ मारे गिस पर वोहा महात्मा गांधी के जय अउ भारत माता के जय कहत गिस। 

1930 में गांधीजी ह नमक कानून तोड़ो आंदोलन चालू करिन अउ येकर असर  राजनांदगांव जिला म देखे ल मिलिस। सन 1930 में राजनांदगांव म स्टेट कांग्रेस के स्थापना  आर . एस. रूईकर के मार्गदर्शन म होइस ।कांग्रेस के प्रथम बैठक मानिक भाई गोंदिया वाले के मकान म रखे गिस जेमा जिले के 162 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन भाग लिस। फरवरी 1932 में देश -प्रदेश के  संगे- संग राजनंदगांव, छुईखदान ,छुरिया के बादराटोला बापूटोला (चिचोला), मानपुर , कौड़ीकसा,मोहला ,डोंगरगांव, डोंगरगढ़  क्षेत्र म ब्रिटिश शासन अउ स्थानीय राजशाही के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन आवाज बुलंद करिन। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्राम दास बैरागी ला आजादी के लड़ाई म भाग ले खातिर सिद्ध दोष कैदी के रूप म  1932 म पहले रायपुर केंद्रीय जेल म रखे गिस फेर वोला अमरावती जेल में स्थानांतरित कर दे गिस।


22 नंबर 1933 म महात्मा गांधी छत्तीसगढ़ म द्वितीय प्रवास के रूप म आइस। येकर सुरूआत दुर्ग ले होइस।हरिजन मन के उत्थान, तिलक फंड अउ स्वराज्य फंड खातिर आयोजित कार्यक्रम म दुर्ग के मोती तालाब मैदान म गांधी जी के सभा म 50,000 ले अधिक लोगन मन  सामिल होइस। गांधी जी के दौरा 22 नवंबर ले 28 नवंबर तक रिहिन हे। 24 नवंबर 1933 म गांधी जी ह पं. सुंदर लाल शर्मा द्वारा संचालित सतनामी आश्रम के निरीक्षण करिन।  येकर बार सभा ल संबोधन करे के बेरा म शर्मा जी द्वारा करे गे हरिजन उद्धार के कारज बर गांधी जी ह उंकर अब्बड़ तारीफ करिन अउ ये काम खातिर शर्मा जी ल अपन गुरु कहिस। शर्मा जी ह गांधी जी ले 8 बछर पहिली हरिजनोंद्धार के बुता ल चालू कर दे रिहिन।


 गांधी जी के ये दूसरा दौरा  ह राजनांदगांव जिला के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी  मन ल अब्बड़ प्रभावित करिन अउ गांधी जी के दर्शन लाभ पाय बर इहां के कतको स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन दुर्ग पहुंचिस । घोघरे, छुरिया के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्वेश्वर प्रसाद यादव जउन ह लालूटोला स्कूल म शिक्षक रिहिन वोहा अपन स्कूल ल बंद करके गांधी जी के दर्शन करे खातिर अपन चचेरा भाई विद्या प्रसाद यादव जी के संग गिस।

सन 1938 म हरिपुर कांग्रेस अधिवेशन म राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ह रियासती जनता मन ले आजादी के आंदोलन म भाग लेय के आह्वान करिन। ए बछर छुईखदान म जंगल सत्याग्रह चालू होगे। गोवर्धन लाल वर्मा, गुलाब दास वैष्णव, अमृतलाल महोबिया मन सत्याग्रह के अगुवाई करिन।ठाकुर प्यारेलाल सिंह ह अपन प्रमुख सहयोगी राम नारायण हर्षुल मिश्र ल  कांग्रेस संगठन के मार्गदर्शन बर कवर्धा भेजिस ।राजनांदगांव जंगल सत्याग्रह के अगवाई ठाकुर लोटन सिंह के हाथ म रिहिन।


छत्तीसगढ़ ह वन संपदा ले भरपूर हावय। येहा इहां के रहवासी मन के जिनगी गुजारे के प्रमुख साधन हरे। अंग्रेजी सासन के गलत वन नीति के सेति जंगल क्षेत्र के रहवासी मन ल नंगत तकलीफ उठाय ल पड़त रिहिस। अंग्रेज जंगल ल अपन संपत्ति समझय। रक्षित वन क्षेत्र म मवेशी मन ल घास चराय खातिर कांजी हाउस म डाल दय येकर ले पशुपालक मन ल अब्बड़ परेसान होवय।अइसने जब लोगन मन जंगल ले लकड़ी अउ कांदी ( घास)काट के लाय त अंग्रेज मन नाना प्रकार के अतियाचार करय अउ गिरफ्तार कर लेय। येकर ले अंग्रेजी सासन के विरुद्ध जनता  मन म अब्बड़ गुस्सा छमागे।येकर परिणाम जंगल सत्याग्रह के रूप म सामने आइस। हमर छत्तीसगढ म सिहावा नगरी डाहर के जंगल सत्याग्रह ह देशभर म एक मिसाल बनगे।


जंगल सत्याग्रह अउ बादराटोला गोलीकांड 


राजनांदगांव रियासत म बछर 1939 म जंगल सत्याग्रह चालू होइस।  येकर सूचना भेज दे गिस।21 जनवरी 1939 के दिन राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखण्ड के बादराटोला म आस -पास  गांव  के जनता मन जंगल सत्याग्रह खातिर इकट्ठा होय लगिस। हजारों के भीड़ बादराटोला म सकला गे। इहां जंगल सत्याग्रह के अगुवाई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बुध लाल साहू करत रिहिन। तहसीलदार सुखदेव देवांगन ह 50 सशस्त्र पुलिस बल के संग बादराटोला पहुंच के सबले पहिली जंगल सत्याग्रह के मुखिया बुध लाल साहू ल गिरफ्तार कर लिन। येकर ले बादराटोला म सकलाय लोगन मन ल अब्बड़ गुस्सा आगे अउ तहसीलदार ल भीड़ ह घेर लिन।  बुधलाल साहू के चरवाहा रामाधीन गोंड ह तहसीलदार के सामने आके खड़े होगे अउ  महात्मा गांधी के जय,भारत माता के जय,वंदे मातरम के नारा लगा के गिरफ्तारी के विरोध करिस। भीड़ के  गुस्सा ल देखके तहसीलदार घबरा गे अउ जनता ल तितर बितर करे खातिर पुलिस मन ल गोली चलाय के आदेश दे दिस। ये गोली काण्ड म रेवती दास ल गोली लगिस अउ घायल स्थिति म अस्पताल ले जाय गिस। रामाधीन गोंड के छाती म गोली लगिस अउ शहीद होगे। सिरिफ 27 बछर के उमर म रामाधीन अपन मातृभूमि के रक्षा खातिर सहीद होगे अउ इतिहास म अमर होगे।  1939 म

जंगल सत्याग्रह म सामिल होय खातिर विश्वेश्वर प्रसाद यादव, विद्या प्रसाद यादव, तुलसी प्रसाद मिश्रा अउ आने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन ल जेल म डाल दे गिस।


राजनांदगांव , खैरागढ़ - छुईखदान - गंडई अउ मानपुर -मोहला -अंबागढ़ चौकी जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन म  ठाकुर प्यारेलाल सिंह,लोटन सिंह ठाकुर,  गोवर्धन लाल वर्मा, गुलाब दास वैष्णव, अमृत लाल महोबिया, दामोदर प्रसाद त्रिपाठी, छवि राम चौबे, गज्जू लाल शर्मा 

रामाधीन गोंड,विश्राम दास बैरागी, बुध लाल साहू,रेवती दास, बहुर सिंह,विश्वेश्वर प्रसाद यादव, विद्या प्रसाद यादव, तुलसी प्रसाद मिश्रा, दामोदर दास टावरी,पी. वी. दास,देव प्रसाद आर्य, कुंज बिहारी चौबे,कन्हैया लाल अग्रवाल, दशरथ साहू,ईशना पवार , सतानंद साहू के संगे -संग आने नांव सामिल हे। वनांचल मानपुर -मोहला क्षेत्र म कतको स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रिहिन। अइसन भूले बिसरे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन उपर काम करे के जरूरत हे।


                ओमप्रकाश साहू अंकुर 

           सुरगी, राजनांदगांव।


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