*नान्हें मुहू बड़े बात: अपन बिचार*
आज छत्तीसगढ़ के वरिष्ट साहित्यकार श्री दुर्गा प्रसाद पारकर जी के 'घोषणा पत्र 2023 बर सुझाव' पढ़ के बहुते बढ़िया लगिस। जब दूसर राज्य मन मा उहाँ के भाखा बोली मा पढ़ई-लिखई हो सकत हे त हमर छत्तीसगढ़ मा घलो हमर राजभाषा मा पढ़ई-लिखई होना ही चाही। बाकी राज्य मन में प्राथमिक शाला ले अपन भाखा मा पाठ्यक्रम के अनुरूप पढ़ई होवत हे, त कम से कम हमरो राज्य मा प्राथमिक शाला ले तो शुरुआत होवय। अउ होना घलो चाही। हमर राष्ट्रीय शिक्षा नीति तो घलो कहिथे कि लइका मन के घर के भाखा-बोली मा प्राथमिक शिक्षा हा होना चाही।
अभी जुलाई महिना में मेंहा 3 दिन ले SCERT रायपुर में "बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान" के प्रशिक्षण लेहो। जेमा प्रमुख बात रिहिस की लइका मन ला हिंदी पढ़े-लिखे बर अउ गणित के संक्रिया मन के ज्ञान सबले पहली करना जरूरी हे। येमा अब्बड़ जोर के दे केहे गीस कि अपन महतारी भाखा मा लइका मन ला सीखना हे। जेकर के ओमन जल्दी सीखथे। फेर का करबो हमर सबो पाठ्यक्रम हा हिंदी मा आथे। ता घर के भाखा-बोली छत्तीसगढ़ी अउ स्कूल के किताब हिंदी में होय ले लइका मन बर मुसकुल होथे। अभी कम से कम एक किताब तो बिल्कुल छत्तीसगढ़ी मा होना चाही। ओसने आघू कक्षा मन में घलो एकक ठन छत्तीसगढ़ी के किताब होय ले अभी के सबो लइका मन छत्तीसगढ़ी ला पढ़ही अउ अपनाही घलो।
पं. रविशंकर शुक्ल विवि.ये दिशा मा सन 2013 ले सहराय के लाईक काम करे हे। अइसने छत्तीसगढ़ के सबो विश्वविद्यालय में मा स्नातक के एक विषय अउ एम. ए. छत्तीसगढ़ी के पाठ्यक्रम जरुर होना चाही। अउ येला रोजगार ले जोड़ना घलो जरूरी हे। तभे लइका मन जुड़ही। अउ छत्तीसगढ़ महतारी के सेवा, संवर्धन होही।
9 जुलाई 2023 के स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय भिलाई मा दुर्गा प्रसाद पारकर जी द्वारा आयोजित चिन्हारी सम्मान कार्यक्रम मा संसदीय सचिव माननीय विधायक कुँवर निषाद जी ला माननीय मुख्यमंत्री जी के नाव मा ज्ञापन दे गीस। जेमे हमर छत्तीसगढ़ के सबो विवि में एम.ए. छत्तीसगढ़ी शुरू करे के साथ रोजगार ले जोड़े बर उदिम के उद्देश्य रिहिस। मोला लगथे इही ज्ञापन के सेती माननीय मुख्यमंत्री जी हा 23 जुलाई 2023 के छत्तीसगढ़ी बर सरकारी वैकेंसी निकाले के घोषणा करिस होही। येकर सेती दुर्गा प्रसाद पारकर जी ला तो बिल्कुल येकर श्रेय जाही। उँकर छत्तीसगढ़ी बर जुड़ाव देखते बनथे। ओहा तन-मन-धन ले छत्तीसगढ़ी बर लगे हवे।
अब तो पारकर जी के अइसन उदिम ला देखके लगथे कि छत्तीसगढ़, छत्तीगढ़िया अउ छत्तीसगढ़ी बर बांचे बुता ला घलो करे के समे आगे। या अब सबझन मिलके कर देना ही चाही। मेहा अपन पातर बुद्धि ले कहे के पहली आप सबले दस अंगरी ले हाथ जोड़ लेवत हो, कि कहीं गलती मत हो जाय। हम सब मन छत्तीगढ़िया अउ छत्तीसगढ़ी बर जुड़े हन। अउ भाखा ला पोठ करे बर जी-जान ले अपन-अपन ढंग ले सेवा करे के जतन करत हन। मेहा अइसे सोचत रेहेंव कि जब पारकर जी खुदे कार्यक्रम आयोजन करके अपने अगुवाई मा ज्ञापन देके छत्तीसगढ़ी वेकेंसी निकाले के जतन कर डरिस त हमर इही पटल मा तो नान्हें ले लेके सियान तक छत्तीसगढ़ी के बढ़वार बर कलम चलैया अब्बड़ अकन जुड़े हन। सबो मिलके एक दिन हमर उदार हृदय के माननीय मुख्यमंत्री जी ला उँकर निवास मा जाके नहिते कोनो कार्यक्रम मा ज्ञापन देके गोहार करतेन कि छत्तीसगढ़ मा छत्तीसगढ़ी भाखा के पाठ्यक्रम प्राथमिक स्तर ले शुरू करे जाय, कॉलेज के पाठ्यक्रम मा घलो रहय, पाठ्यक्रम रोजगार ले जुड़े रहय अउ राजभाषा आयोग के मुखिया के खाली पद मा घलो कोनो उचित सियान के चयन करके बइठारे जाय। काबर के मुखिया बिना कोनो काम बने ढंग ले नइ हो पाय। मोला अइसे लगथे राजभाषा आयोग के मुखिया तो इही ग्रुप के कोई न कोई सियान ही बन जाही।
हमर मुख्यमंत्री जी हा छत्तीसगढ़ के संस्कृति, परंपरा ला आघु बढ़ाय बर बहुते सुग्घर काम करत हे। ये दिशा मा अइसने बात ला रखके उँकर धियान मा लाय जा सकथे। कहीं नइ करे ले प्रयास करे मा का हे। येकर ले हमर पहली के छत्तीसगढ़ राज के सपना देखइया पुरखा मन के सपना घलो पूरा हो जहि। येहा बनही ते ऐतिहासिक बुता घलो हो जहि। अउ छत्तीसगढ़ के रतन बेटा माननीय मुख्यमंत्री जी ये बात बर कहीं न कहीं सोचे बर जरूर मजबूर होही।
हेमलाल सहारे
मोहगाँव, छुरिया
राजनांदगाँव
No comments:
Post a Comment