सुरता आथे -
"पं मुकुटधर पाण्डेय जी "
आज जयंती 30सितंबर
सन 1981म हमर पहिली छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह "गुरतुर चुरपुर " (कवि द्वय मुरारी लाल साव एवं संतराम साहू )प्रयास प्रकाशन बिलासपुर ले प्रकाशित होइस l डॉ विनय कुमार पाठक जी भूमिका लिखें हे l
गुरतुर चुरपुर के प्रति ला पाके 30 सितंबर 1981 म पं मुकुट धर पाण्डेय जी रायगढ़ ले ख़ुशी व्यक्त करत छत्तीसगढ़ी म नान्हे नान्हे आखर ले पोस्ट कार्ड म लिखके अपन आशीर्वाद देवत लिखें रहिन "गुरतुर चुरपुर "
"हास्य व्यंग्य के काव्य संग्रह हे जेमा जीवन के अनुभूति हे अउ कमजोरी ऊपर करारा ताना बाना हे l आशा हे,,छत्तीसगढ़ी साहित्य म अपन जघा बनाही l "
ओ समे उंकर उमर 86 बच्छर के होगे रहिन l ओमन हिंदी के छायावाद के प्रवर्तक कवि के रूप म स्थापित होगे रहिन l छत्तीसगढ़ी भाषा बर उंकर कलम चलत रहिस l साहित्य के बढ़ोतरी म उंकर योगदान उल्लेखनीय हे l
बहुत बड़े चिंतक अउ गंभीर विचारक रहिन l उंकर सोच बड़का रहिस l नवा नवा नेवरिया लिखय्या मन दिशा घलो देवत रहिन l
आज उकंर प्रेरणा
अउ असीस ले
कलम सरलग चलत हे l
अपन जनम दिन के मोला पाती भेजे रहिन l
उंकर पंदोली देये के बूता
हमर भाखा बर बैदराज बरोबर रहिस l
द्वितीय काव्य संग्रह "मिरचा पताल " म उंकर हाँथ ले लिखे चिट्ठी पाती छपे हे ले
एखर सेती हम नई भुला सकन अइसन महापुरुष ला जौन छत्तीसगढ़ी म लिखें के रद्दा बताइन l नवा नवा लिखय्या मन के पाती के उत्तर छत्तीसगढ़ी म पाती लिख के देवय l जेखर ले हमर ऊर्जा बने हे l
आज उंकर जयंती हे सुरता करत
श्रद्धा सुमन -सादर नमन
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मुरारी लाल साव
कुम्हारी
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