घर म बउरे जाय वाले समान*
माची-खटिया के छोटे रूप
कथरी-खटिया म जठाये के कपड़ा।
कुटेला-कपड़ा धोय या कोनो सुखाय फसल ल कुचरे के काम अवइया लकड़ी के गोल या चाकर पटिया
मुड़ेसा- कपड़ा ले बने मोठ छोट गोल चाकर गद्दा जेन मुड़ के तरी सोवत बेर उपयोग होय।
कोटना-बइला मनके पानी पिये के पथरा के चाकर पात्र
धोनाही-धोवन धरे के छोट पात्र। येला हँड़िया म माटी छाभ के बनाये जाथे।
चुरोना बोरना - जादा या मोठ कपड़ा ल धोय बर निरमा म डुबोना।
टठिया-- खाय के थाली जेला थारी घलो कथन
मुड़सरिया....ए हर तकिया आय
ओढ़ना..ओढ़े के
दसना...बिछाए के, बिस्तर
कोपरा ..परात
बटुवा.... भात राँधे के बर्तन
हँउला....पानी भरे के गुंडी या गगरी
मलिया, या थरकुलिया...प्लेट..
अब सइकमी या सइकमा नई दिखय..
बोरे बासी इही म खान...
कुंड़ेरा....माटी के दूध चुरोय के बर्तन..
बड़े कुँड़ेरा म अथान डार के
..... ..रखन घलो
बहरी....झाड़ू
सुपेती....रजाई
*कईधोना*= चाउर धोय के
*होमाही*= हूम देके
*तखत*=बइठे के लकड़ी के बाजवट जेंन सोय के घलो काम आवय
*करची*=जर्मन के बर्तन जेन भात बनाए के काम आथे
*जांँता*=अनाज पीसे के चक्की
*मूसर*
*मूसरी*
*बाहना*=अनाज कूटे के गड्ढानुमा स्थान
*पैली* = खाना बनाये बर चाँउर नापे के पात्र
*ढकेल गाड़ी* -लइका मन के
*तख्ता*-जमीन में बिछाय वाला,जेमा पहिली दर्जी मन कपड़ा काटे
*लकड़ी खलबट्टा*
*कागज टुकनी* किसम किसम के टुकनी
*गोरसी*
*मरपरई*
*काशी बहिरी*
*बाजवट*
*तखत*
*कजरौटी* काजर धरे के
*सुराही*-पानी भरे के
*दार मटकी*
*ढेरा* रस्सी बनाय के
*चोंगी*
*भँदई* चमड़े का सेंडिल नुमा जेला अक्सर राउत मन पहिरे ।
*मोरा* पाना या झिल्ली से बने हुए बरसाती जेला मुड़ी मा टाँग के ओढ़े जाथे।
*खुमरी* पाना, कमचील या झिल्ली से बने हुए बड़का टोपी कस बरसाती
*संदूक* पेटी
*धूसा* बड़का साल जेला कंबल बरोबर ओढ़े जाथे।
*खोल*
गद्दा रजाई में चढ़ाने वाला कवर।
*निसेनी* लकड़ी से बने अस्थायी सीढ़ी।
*पार्खत* तामा के बने नान्हे मलिया जेमा भगवान के मूर्ति ल नहवाय जाथे।
*पट्टी*
*नेवार*
*मचोली*
*माची*
*मचिया*
*दोलगा खटिया*
*भेलवा*- लकड़ी के *झूलना*
*गोदना*
*गोरसी*
*काँटा बाहरी*
*खूँटी*
*मोरी*
*खुमरी*
*गाँती*
*लिपनी*
*पोतनी*
*पोतना*-
*झूलना*
*फट्टी*
*फट्टा*
*टट्टा*
*हुक-लकड़ी*
*अरोनी*
*सींका*
*डोरी ओनचे खटिया*
*नेवार गँथाय खटिया*
*पौतरा*
*कोपरी*
*कठौता*
*फूलबहिरी*
*काँसी बहिरी*-
*छीनबहिरी*-
*खरेटा बहिरी*-
*खरहेरा बहिरी*-
*झारनी*-
*बरकी*
*गोदड़ी*-
*गोदड़ा*
*गुदड़ी*
*गुदेलन*
*मसकनी*
*दुलइ*
*तिजौरी*
*माटीराख*-
*खारराख*
*गुडर्री*-
*गिरि*
*बिजना पंखा*-
*बिजनी पंखा*-
*बइटकी*-
*आसनी*-
*बिराजनी*-
*दसना*-
*मोड़ा*- बइठे के
*टेमा*
*कंडील*
*भभका*
*चिमनी*
*माटीतेल*
*छेनौरा*
*छेनाखरही*
*छेनाघुरी*
*ठप्पा* चौंक चाँदन पुरे के छेदरहा डब्बा
*मचोली*
*मचोलिया*
*बघनखा*
*कजरौटी*
*ताबीज*
*रीठाचूरी*
*रीठाकरधन*
*रीठामाला*
*मुँड़मिंजनी माटी*
*पिंवरी छुही*
*सादा छुही*
*छोहर*
*कोटना*
*पर्रा*
*पर्री*
*सँउखी*
*घानी*
*पोथीपतरा*
*कंठी*
*टूटकपाट*
*पिढ़ुलिया*
*मढ़ुलिया*
*पिल्हर*
*चौखट*
*चौंखुट्टा*
*खूँटा*
*खूरा*
*कुँदवा खुरा*
*दरचलनी*
*मुसरी*
*आलमारी*-कोठ के भीतर बनाय जेमा दरवाजा रहै।
*तुमड़ी* --खेत जाय तब पानी भर के ले जाय
तुमा के बने रहय -जब तुमा सूखा जाय तब वोला बनाय।
खड़ाऊ
*लोचनी* - गोड़ मा गड़े कांटा निकाले के चिमटी
बटकी- बासी खाए के कटोरा
*अकतरिया* -खेत खार म कांटा खूंटी ले बांचें बर महतारी मन पहिरे सेंडिल नुमा चप्पल
अड़गसनी- घर मा कपड़ा टांगें अउ सुखोय बांस के लकड़ी के
*भंदई* - चमड़ा के बने सेंडिल जइसे चप्पल
*डंगनी* - पेड़ ऊपर के फर आदि ला टोरे बर, लंबा बांस
*कांवर* - लगभग 4-5 फीट फिट लंबा बांस के दूनों छोर मा जोंति लगा के पानी लाये बर उपयोग करे जाथे
: मर्रा-मुड़ कोरे के ककवा
कुरो,=धान नापे के
: कलम
दवात
स्याही
पट्टी
गोरसी
पोलखा
पटका
अँगोछा
गोदरी /कथरी
झाँपी
पर्रा
डोर
गिल्ली
डंडा
काठा-मापनी
बेलन/ धान मींजे के
नहन्नी=काँटा निकाले के
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