घर ले सम्बंधित शब्द
*घर*
*कुटिया*साधू संत के पान पतइ के कुटी
*डेरा* अस्थायी घर पाल परदा तान के बनाय
छँइहा।
*कुँदरा* खेत कोठार मा बनाय पैरा भूँसा के घर।
*छितका कुरिया* गरीब गुरबा के घर
*बाड़ा* गाँव के गौंटिया के घर
*हवेली* अब्बड़ अकन झरोखा वाला दूतल्ला
घर
*महल* राजा के घर
*चाँदनी* पटनी पाट के बनाय छत
*खोंधरा* चिरइ के घर
*माँद* शेर के घर
*बिल* मुसुवा/साँप के घर
*बीला* साँप मुसुवा के घर
*छाता* भाँवरमाछी के घर
*जाला* मेकरा के घर
*कोठा*-मवेशी मन ला राखे के ठउर
*गोर्रा*-गौशाला
*बछरूकुरिया*-बछरू रखे के ठउर
*पठेरा*-माटी के दिवाल मा समान रखे बर बनाय जगह
*फुला*-दिवाल मा समान रखे बर बनाय छोटकुन जगह
*झोरखा*-खिड़की
*खिरखी*-खिड़की,
झरोखा
*पटिया*-लम्बा
*कमरगही*,
*लदाव*,
*गोदगोदा*,
*काँड़*,
*कोरइ*,
*भदरी*,
*नल्ली खपरा*,
*पट्टी खपरा*
*कवेलू*
*गोड़ा*
*कोठी*
*डोली*
*झिपारी*
*पटँउहा*
*भीतरहा खोली*जेवन करे के खोली
*बइटका खोली* ब इठे के खोली
*रँधनीखोली* राँधे पसाय के खोली
*सुतनीखोली* सुते के खोली
*जेवनीखोली* जेवन करे के खोली
*परछी* खोली के आगू के खंभा भारवट उपर टेके खुल्ला ठउर
*खंभा*
*थामन/बोहन* खंभा ला बोहइया लकड़ी
*रेंगान* रेंगे के खुल्ला जगह
*ओसारी ओसारा* रँधनी खोली ले लगे भीतरहा खोली जिहाँ जेवन करे जाथे ।
*परसार* लम्बा चौंड़ा बड़का खोली।
*रेंगान* रेंगे के रद्दा गलियारा,
*अँगना*दुवार* घर आगू के खुल्ला ठउर
*साहन* ?
*डेहरी *डेरउठी* परछी के खाल्हे के ठउर
*खोर *दुवारी* *द्वार* *मुँहाटी * मुँहटा* दरवाजा
*मोक्कड़*-कचरा फेके के घर के लगझेवर घुरुवा
*टेकनी*-टूटे पटिया अउ काँड़ ला सहारा देबर लगाय जकनी लकड़ी
*म्यार*
*मुड़का*,
*भदरी*
*छपरी*
*छावनी*
*छज्जा*,
*छाजन*
*कोलाबारी*-घर से लगे छोटे से खाली जगह,
*पिछोत*-घर के पाछू भाग
*अगोत*-घर के आगू भाग
परवा-?
*बरेंड़ी*-छान्हीं के शिखर
*बागड़*-बैठक
*दमदमा*-छज्जा, सामान रखे के जगह
*आँट*-घर के परछी या दुवारी के लकझेवर ऊँच जगह जेला बइठे बर ब उरे जाथे।
*फरिका*/
*फइरका*,
*सिटकिनी*
*बत्ता*
*रापटर*
*थामन*
*थमेरा*
*कलमी*
*कोलकी*
*संँगसी*
*सँगसा*
*पटउँहा खोली*
*देवताखोली*,
*अथानखोली*
*देवघर*
*देवघरा*
*समानखोली*
*पहुनाखोली*
*सियानखोली*
*घनौची*-पानी रखे बर बनाय गोड़ा वाला ऊँच ठउर,
*कनकड़ा*?
*भदरी*-बाँस के बिछोना, जेखर ऊपर खपरा छाये रहिथे।
*कमचिल*-काटे अउ छीले बाँस के पातर पातर कुटका।
*मुड़का*-मिंयार के उप्पर के छोटे लकड़ी जे भदरी ल बोहे रहिथे।
*मिंयार*- घर के दीवार के ऊपरी हिस्सा के लकड़ी जे छानी परवा के भार ल बोहे रहिथे, दू दीवार म बेहड़ा गड़े रहिथे।।
*कोठ*- घर के दीवार
*पाया*-घर बनाये के पहली खने गड्ढा
*नेवान*- दीवार के तरी के पथरा या ईंट
*नेव*-नीव,
*गारा*,
*माटी*
*पेरउसी*
*काँड*
*कमरगाही*,
*भितया*
*बत्ताखीला*
*काँड़खीली*
*काँड़खीला*
*पटनी*,
*पटाव*
*लदाव*
*कपाट*
*राहेर काड़ी*(पलानी बर),
*गोबर*(लिपे बर),,
*रंँधनी*,
*परछी*,
*बरवट*
*चौरा*
*खोली*,
*कुरिया*,
*पटँउहा*,
*गोड़ा*,
*कोठी*,
*माईकोठी*,
*पटिया* कांड़ ल ठोके बर
*धारन* -माई धारन- पटिया ला बोहे बर
*मूड़की-* पटिया ला उठा के रखे बर
*चूरला-* मूड़की ले पटिया म खापे बर छोटे हिस्सा
*मयार-* सात आठ फीट उँच भीठी म पोठ लकड़ी जउन छानी के भार ल सहिथे|
*कट पटाव* - परछी उतारे बर लकड़ी के खाँचॎ जेन म छोटे पटिया लगा के कांड़ ठोके जाथे|
*बत्ता* -भदरी ल बांधे बर बांस के घेरा
*खपरा -* नाली, पानी जाये बर
*ओरवाती* -ओरी ओर खपरा के धार
*ओरी*-
*ओरिया*
*कीरगा/पाला-/ढोली* धान , कोदो धरे के बाँस के बने चौकोर संरचना माटी छाब के बनाये जथे, कोनो गोलाकार भी रहिथे|
*कोठी* - माटी के बने होथे ।
*ढोली* - बाँस के कमचिल के बने होथे जउन ला बाहिर अउ भितरी ले माटी ले छाब के बनाये जाथे, ये दुनों के उपयोग अनाज धरे के काम आथे।
*ढाबाखोली*-
*ढाबा-ढोलगी*-
*खपरा*-
*दुवारी*-
*कपाट*-
*सँकरी*-
*रेला*-
*ओरवाती*-
*झिपारी*-बरसात म भितिया ल पानी से बचाय बर राहेर काड़ी अउ पैरा ले बनाए जाथे।
*पटउँहा*-लकड़ी छेना या अन्य समान रखे बर छानही के नीचे पटनी या बास लगा के गोबर माटी बरंड छाब के बनाए जाथे।
*पठेरा*-
*फूला*-
*भाँड़ी*-
*भीति*
*भितिया* बनाय जाथे।
*फइरका*-
*राचर*-
*दरवाजा*-
*गाला*-
*सँकरी*-
*सिटकिनी*
*तुलसी चौंरा*
*फर्रस*
*घरलीपनी रंग* *कडमरगही*
*कमरगाह* माटी के घर कॉंड़ ल एक साथ बांध के रखे बर ओखर छोर म एक हाथ छोड़ के बॉंस ल चीर के उपर नीचे लगा के बांँधे जाथे।
No comments:
Post a Comment