बइलगाड़ी ले सम्बंधित नाम
भैंसा गाड़ी, बैला गाड़ी, टोली गाड़ी,
डांडी, पटनी, पुठी,तेल ओंगनी,
चक्का ,टेक्नी ,नहना ,डॉड़ , टट्टा गाड़ी,
जुँडा़-नांगर या गाड़ा,खाँसर(गाड़ा के छोटे रूप) जेमा बैला फँदाये रथे।
सुमेला-खाँसर ,गाड़ा म जुड़ा के दोनों छोर म लोहा के कील।
जोंता- ये रस्सी, ताँत या चमड़ा के बने रथे जे बइला के गला अउ सुमेला म फँसे रथे।अइसने नाहना घलो होथे।
आँसकुड़- दोनों चक्का ल जोड़े के काम करथे, ये गाड़ा के आधार आय।
धोखर-चक्का के जस्ट आघू वाले खूँटा के पटनी, जे सामान्य ले थोड़ीक मोठा अउ बड़े रथे। येखर उपयोग गाड़ा भारा या सामान बाँधे म होथे।
पाठा, पक्ति, ढूल(चक्का के नीचे लगथे, केनवरी, नाथ,कौड़ी, घण्टी, बाट चढ़ाना(चक्का के लोहा ल टाइट करना),
पछाटी- पाछू के पटनी।
नाहना,जोंता,चक्का,खुँटा,पट्टा,
असकुड़,ओंगनी जुँवाड़ा,डाँड़ी,
पलानी,खिली,डाँरी= जेन दूठन होथे,एकरे ऊपर सब पटनी अउ खुँटा मन लगे रथे। पोटिया = जेन असकुड़ अउ गाड़ा के ऊपरी हिस्सा ला जोड़े रहिथे।
गुर्दा,मुड़ी,आरा, पुट्ठा, रिंग,चीपा, चक्का, खिला,असकुड़,पोल, धुरखिली,डांड़ी, बैसकी,पटनी, खूँटा, धोखर,जुड़ा,नाहना, सुमेला,जोता,कोल्लर, लाठी, तुतारी,कोर्रा, सूटी, टेक्नी,उल्ला, धुरहा,भरती, डोर,रस्सी,अर्र, तता, भितराहा,
सुमेला, नाहना, जोंता, धुरखिली,आरी- पुठी
,पछेली ,धुरहा, उड़ला,
जगड़ी, सांकड़ा,डांड़ी,जुवांड़ा ,पट्टा,
सिंपावर, धुरी, धुरखूंटा, चीपा,
गुर्दा, पोतिया, असकुर,,धुरा,
बैसकी |
खाँसर, छकड़ा गाड़ी / बिगड़ ट्ट्टा के सबले छोटे गाड़ी ।
टट्टा गाड़ी / जेमा टट्टा लगे रहिथे चार पाँच झन बइठ सकें ।
बंडी/ सबले बड़े गाड़ा बरोबर जेमा टट्टा लगा के दस बारा झन बइठ जाएँ।
आगू मेला ठेला मा पारा परोस संघरा जाँवय त बंडी ला फाँदय।
बिना टट्टा के पाल बाँध के जावँय
तुतारी/ बइला हाँकै के लउठी मा कोचके बर किल लगे रहिथे।
कोर्रा/ बइला हांके के लउठी मा चमड़ा के पातर रस्सी ।
बाठ/ चक्का मा लोहा के रिंग लगे रहिथे ।
पैरा/ गाड़ी मा बिछाय के ओकर उपर दरी बिछाथे।
अछांद ,सिंघा, ओंगे के तेल, कोर्रा, सुमहा(गाड़ा) डोर, जोड़ा भैंसा, बइला, गेरवा
बइलागाड़ी के हिस्सा
सुमेला - जूड़ा के छोर म बइला फाँदे बर उपयोग आने वाला
जोंता - बइला फाँदे के रस्सी या पट्टी
नाहनी - जूड़ा ला बाँधे बर बनाय डोरी
धूरखीली - जूड़ा के बँधना ल अटकाय बर अउ दूनों डाँड़ी के आघू ल जोड़े बर उपयोग होथे।
चापड़ा - जूड़ा अउ नाहनी के बीच चीपा लगाय बर
चपरासी - गाड़ी टेकाय बर दू ठन खूँटा ल रस्सी या चैन ले जोड़ के बनाय जाथे।
धूरी - तीन गोड़ वाले गाड़ी टेकाय के
कोल्लर - गाड़ी मा खुला सामान ढुलाय बर खूँटा मा टेंका के लगाय जाने वाले पटनी या बाँस के सपोट ले बने भाग।
चक्का - गाड़ी ला ढुलाय बर
आरा - मूड़ी अउ पाठा ल जोड़े के आड़ी लकड़ी
पाठा - चक्का ला गोलाकार बनाय के
मूड़ी - चक्का के मुख्य भाग
कट - चक्का के मूड़ी मा मजबूती बर लगे गोलाकार पट्टी
खीली - चक्का के सपोर्ट बर लगाय जाथे।
गुर्दा - चक्का के मूड़ी मा असकुड़ वाले छेद मा मजबूती बर लगे लोहा के छल्ला
बाट - चक्का के पाठा मन के ऊपर लगे गोलाकार लोहा के पट्टी
असकुड़ - लोहा के मजबूत अउ मोठ राड जे दूनों चक्का ला जोड़थे।
खोल - असकुड़ के ऊपर गाड़ी बइठारे बर बने लकड़ी
पोटिया - असकुड़ खोल छाटा अउ चाल पटनी ला जोड़े के लोहा।
जूड़ा - गाड़ी के आघू भाग मा बइला फाँदे के
खूँटा - डाँड़ी बइसकी मा छेदा करके लगाय जाथे।
धोखर - चक्का के आघू म लगे लकड़ी
चाल पटनी - गाड़ी के बीच के पटनी जेमा पोटिया रथे।
हरनी - पिछूदा के पहिली के पटनी
पिछूदा/पछाली - गाड़ी के अंतिम पटनी
सीठी - दूनों डाँड़ी के पिछला हिस्सा ला जोड़े बर
छाटा - पटनी मन के मजबूती बर बीचोबीच लगे आड़ी पटनी
अगेली - धोखर ले जुड़ा तक लामे सोज लकड़ी
बइलागाड़ी = लकड़ी ले बने दू चक्का वाले गाड़ी।
सवारीगाड़ी = बइलागाड़ी के एक रूप जेला यात्रा बर बउरे।
टट्टागाड़ी = बाँस अउ बोरा ले बने छत वाले बइलागाड़ी।
संग्रह - "छंद के छ" परिवार
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