*सुरता-संस्मरण : श्रद्धेय लाल राम कुमार सिंह*
सत्र 1972-73...हायर सेकेंडरी पास करके कालेज मा दाखिला….नवा नवा शउँक, रेडियो कार्यक्रम मे हिस्सा लेहे के...आकाशवाणी रायपुर अउ श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन के विदेश विभाग। ये दू रेडियो स्टेशन अइसे रहिन जेमा रेडियो अनाउंसर अउ रेडियो श्रोता के बीच मा एक मया के रिश्ता रहिस। रहे बर विविध भारती अउ आल इंडिया रेडियो के उर्दू सर्विस घलो रहिस फेर फरमाइश मा नाम सुने ले ज्यादा के संबंध नइ रहिस। श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन के विदेश विभाग मा वो जमाना मा मनोहर महाजन, विजय लक्ष्मी डिजेरम, दलवीर सिंह परमार, शीला दीक्षित, इंदिरा हीरानंद मन रहिन। आकाशवाणी रायपुर मा बरसाती भैया (केशरी प्रसाद बाजपेयी), किशन गंगेले, मिर्जा मसूद, कल्पना यदु अउ लाल राम कुमार सिंह के सुरता आथे। वो रेडियो के बुलंदी के जमाना रहिस। देश भर मा रेडियो श्रोता संघ के भरमार रहिस। हमरो मोहल्ला के युवा मन विक्रांत रेडियो लिस्नर्स क्लब के स्थापना करे रहिन। रेडियो मनखे मन ला जोड़े के काम करत रहाय। दूरदर्शन आइस तब सब झन दूर-दूर होगे। दुरुग, भिलाई, रायपुर, राजनाँदगाँव अउ बिलासपुर के रेडियो श्रोता मन के एक दूसर के शहर मा आना जाना, मेल मिलाप साल भर चलत रहाय। दुरुग अउ भिलाई वाला मन बर "मैत्री गार्डन" मेल मिलाप के मुख्य केंद्र रहिस। भेंट के भेंट अउ पिकनिक के पिकनिक हो जात रहय।
अइसने दुरुग भिलाई के श्रोता मन के मैत्री गार्डन म एक बैठक के दौरान आकाशवाणी रायपुर के अनाउंसर श्री लाल राम कुमार सिंह जी के संग पहिली भेंट होए रहिस। उमर के अंतर रहे के बावजूद उनकर नम्रता अउ सादगी मन मा पइठ गे। उँहचे हमन उन ला अपन मोहल्ला, शिक्षक नगर मा आये के नेवता दे डारेन अउ लाल राम कुमार सिंह जी अगला हफ्ता मा आये के वादा घलो कर डारिन। सिरतोन मा अगला हफ्ता मा उन मन हमर मोहल्ला मा पहुँच गिन अउ हमन बाकी संगी मन ला बुला डारेन। कुछ रेडियो के बात होइस तहाने उन मन पूछिन कि आप मन खाली रेडियो मा फरमाइश भेजथव कि साहित्य, कला, संस्कृति के क्षेत्र मा घलो कुछु करथव। हमन अपन अपन बारे मा बताएन। जब उन ला बताएंव कि महूँ कविता लिखथंव तब मोला आकाशवाणी केन्द्र मा आये के निर्देश देइन। उँकरे कारण सत्तर के दशक के मध्य मा मोला आकाशवाणी रायपुर से कविता पढ़े के अवसर मिले रहिस। अइसन सरल व्यक्तित्व रहिस श्रद्धेय लाल राम कुमार सिंह जी।
लाल रामकुमार सिंह के जनम 27 अगस्त 1937 के होइस। उनकर संबंध खैरागढ़ के राज परिवार संग हवय। राज परिवार के सदस्य रहे के बावजूद उनकर बोली या व्यवहार मा कहूँ रौब या घमंड नइ रहिस। उँकर विनम्रता उँकर बड़प्पन के प्रतीक रहिस। 1971 ले 1995 तक आकाशवाणी रायपुर मा अपन सेवा प्रदान करिन। साहित्य, संगीत अउ लोक संस्कृति के वृहद ज्ञाता रहिन। सेवानिवृत्त होए के बाद घलो आकाशवाणी केन्द्र के मया नइ छूटिस। नवा अनाउंसर मन ला उद्घोषणा के बारीकी समझावँय। जब भी आकाशवाणी केन्द्र जावैं, जम्मो झन ला अपन डहर ले चाय जरूर पियावँय। छत्तीसगढ़ के अनेक प्रतिभा मन ला उनकर कारण पहिचान मिलिस। अइसन मनखे के जाना छत्तीसगढ़ बर अपूरणीय क्षति हे फेर अनेक झन के व्यक्तिगत क्षति घलो हे। कई झन उनला आकाशवाणी रायपुर के पर्याय घलो कहिथें। भगवान से प्रार्थना करथंव कि उँकर आत्मा लाँय शांति प्रदान करे अउ शोकाकुल परिवार ला ये दुःख वहन करे के शक्ति प्रदान करे।
*अरुण कुमार निगम*
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