Saturday, 20 May 2023

भाव पल्लवन--

 


भाव पल्लवन--



जागते रहो

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जागते रहो के मलतब रात-दिन जागत रहव,सूतव झन अइसन नोंहय काबर के कोनो मनखे रात-दिन जागत रइही त तो वोकर तबियत खराब हो जही। स्वस्थ रहे बर पर्याप्त नींद जरूरी हे।

       जागते रहो के अर्थ हमेशा सचेत रहना आय ।इही ल जागरूकता तको कहे जाथे। कोनो लक्ष्य ल, कोनो उपलब्धि ल पाये बर सचेत होके कारज करे बर लागथे। जागरूकता नइ रहे ले जिनगी के कीमती समय के, मिहनत के अउ धन के बर्बादी होये के बहुतेच संभावना रहिथे। जागरूक नइ रहे ले बार- बार चूक होवत रहिथे तहाँ ले तनाव अउ चिड़चिड़ाहट पैदा होथे। मानसिक अउ शारिरीक तंदरुस्ती म गिरावट आथे।

   एकर उलट जागरूकता के अब्बड़ फायदा हे। सचेत रहे ले मानसिक तनाव, चिंता ,उदासी जइसन दिमागी बीमारी ले बँचाव होथे। कोनो योजना ह ,कारोबार ह सचेत रहे ले ही सफल होथे। जागरूक रहिके मनखे ह अपन कमजोरी ल पहिचान के वोला जीत सकथे अइसने अपन अच्छाई ल तको जान के वोकर सद उपयोग के संगे-संग वोला अउ बढ़ा सकथे । जागरूकता ह ज्ञान अउ जानकारी म बढ़ोत्तरी करथे। सावचेती ह सही रूप म निस्फिकरी के रद्दा आय ।सावचेत मनखे ह कोनो उदुक ले आये या अवइया आफत ले बने ढंग से लड़ सकथे।


चोवाराम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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