Saturday, 20 May 2023

डेरी हाथ के दम "". ब्यंग

 "" डेरी हाथ के दम "".                    

                                           ब्यंग

           हमरे पारा के एक झन निठल्ला दास जे हर सवाल धारी प्राणी आय। एकर ले मुलाकात होगे माने कुछ न कुछ सवाल ढील दिही। आजो अपन सवाल ला अधिवेशन सत्र मा विपक्ष के भूमिका निभात  दाग दिस। अउ पूछिस कि डेरी हाथ के का दम अउ महत्व हे? सत्ता पक्ष के तीन पंचवर्षी पानी खाय प्रभावी नेता कस महूँ जवाब देय बर गुनान करेंव। जवाब नइ देना माने अपन इज्जत के सत्ता ला भाजी भाँटा करना हे। तब बुद्धिजीवी प्राणी होय के हक ले समझावत केहेंव - - - - - - - - - - - देख भाई मनखे के शरीर मा आठ अंग अउ दस इन्द्री के लेखा जोखा मिलथे। सबो अंग के अपन अलग अलग मान महत्तम हे। कोनो काकरो ले कमजोर नइये। बात ला काटत सवाली राम कथे----आरे भाई वो सब तोर तार्किक गोठ ला तिरिया अउ ये बता कि बिलार सिंग ला खादीधारी लाल बत्ती वाले के डेरी हाथ काबर कथे? तब ये असंतुष्ट जीव के संका दूर करे बर महूँ टी बी डिबेट मा हिस्सा लेय हाजिर जवाबी प्रवक्ता कस स्पष्टीकरण के भाव मा हाजिर होके निबंध बतावत केहेंव कि------- अइसन डेरी हाथ के बड़ महत्व हे ये मान सम्मान के पद पाये बर घोर संघर्ष करना परथे। पहिली बात तो आदमी ला शुद्ध खाँटी अपराधी प्रवृत्ति के होना परथे। आज कल जेकर मा ये गुण नइये ओला कोनो पारटी के टिकट तो का वोटिंग बूथ के एजेंट तको नइ बनाय। जेकर मा हिंसा बलात्कार हत्या के केस चलत रथे वोला अव्वल दरजा के समाज सेवी माने जाथे। सबो किसम के डर भय आतंक फैलाए के पंडिताई गुण रथे वोकर मान सम्मान सबो जगा होथे। अइसन परजीवी मन बिना मिहनत के फोकट मा सबो सुख सुविधा के भोग करथे। रहिगे बात बिलार सिंग के त वोकर मा इही किसम के समाज सेवा के सबो गुण भरे हे। बिचारा नारी उत्थान समिति के अध्यक्ष आय। ये अलग बात हे कि बलात्कार के चार ठन केस चलत हे। वो अतका धार्मिक अउ दयालु हे कि वोकर ले तू - तड़क रे-बे ले गोठियाबे त बिना रिजर्वेशन के यम लोक भेज देथे। चार महिना पहिली छठवाँ नंबर के हितग्राही ला एकर लाभ मिले हे। पचास पचास कोस दुरिहा गांव के जवान लइका मन चुनाव के बखत एकरे नाम के गुटका खाथे। फेर मजाल हे कोनों थूँक तो देय। बिचारा गली मुहल्ला मा दारू बेंचके नवा पीढ़ी के खून ला गरम करे के काम ले अपन समाजिक सेवा के बोहनी करे हे। प्रेम से गरीब परोसी के आधा जमीन ला हथिया डारे हे। जान बचे तो लाखों जमीन बिचारा के छइँहा भर बाँचे हे। ठेंगा कटारी के जमानत जप्त हे त अपन बचाव बर पिस्टल तमंचा धरके किंजरथे त का खराबी हे। वो तो ओमा भराय कारतूस के समझदारी बनथे कि काकर छाती मा जाके अराम करना हे।

         माँगे मा भीख नइ मिले तब नँगा के झपट के डाका डार के खाये के सूत्र ला राष्ट्रीय मान्यता मिलगे हे तब हल्ला करना छोड़ के इँकरे मन सँग हिल मिल के रहना उचित रथे। तब बिलार सिंग जइसन सर्वगुण सम्पन्न प्रतिभा के धनी ला राजधानी के आसंदी मन अपन छत्रछाया के सुख मा पोसवा राखना चाहथे। काबर कि बिलार सिंग जइसे डेरी हाथ के बिना नेता जी अभी तक एको चुनाव नइ जीत पाये हे। इही डेरी हाथ के बिना सिंघासन परस्त मन अपन जनाधार खड़ा नइ कर सके। सरपंच से लेके सांसद अउ विधायक तको ला अपन डेरी हाथ ला मजबूत करके रखना परथे। जे हर सर्वमान्य हे। फेर ये डेरी हाथ के दम अउ महत्व ला संविधान मा लिखे बर चूक कर डारे हे।आज बिलार सिंग जइसन समाज सेवक के हाथ गोड़ मूँड़ सबके माँग बढ़गे हे। माने राजनीति मा अपराधी अउ अपराध ला उत्तम कृत्य माने जाथे। तब बिलार सिंग असन  के जरूरत ला समझे जा सकथे। राजनीति करे बर जतका साम दाम दंड भेद लोकतंत्र के विधान मा हे वो सब के पालन पूरा ईमानदारी ले बिलार सिंग के डहर ले निभाय जाथे। तभे नेताजी जीत पाथे। एमा बिलार सिंग के भूमिका ला नकारे नइ जा सके। नेताजी के सौहार्दपूर्ण चलत गोरख धंधा के देख रेख बिलार सिंग असन मन ही करथें। वोकर बाहिर भीतर सबो के राजदार रेहे ले एकर काम एतिहासिक हे।

 डेरी हाथ बनना माने सबले बड़का उपलब्धि पाना। इही कारण हे कि गांव शहर से लेके राज के राजधानी से लेके देश के राजधानी तक सब कोनों ना कोनों उँचहा ओहदा वाले के डेरी हाथ बने के सौभाग्य ला अगोरत रथे। जेकर छबि मा उपर के सबो गुण रथे वो इँकरे सरणागत होके गंगा नहा लेथे। राजनीति मा अपराध अउ अपराध मा राजनीति के शिखर वार्ता के परिणाम सून्य मा फँसे हे। डेरी हाथ के उपर कोनों न कोनों दमदार जेवनी हाथ के आशिष रथे। ओहदेदार के बरदहस्त ले कानून घलो इँकर रुँआ नइ हला सके। जेवनी हाथ जब न्याय के नरी चपके मा सक्षम हे तब लोक हित मा डेरी हाथ के अपराध ला अपराध नइ कहे जाय। उभरौनी मा आके जनता जनार्दन ला छाती पीटे के का जरूरत?  नैतिक व्यवहार मा संसोधन हो जही तब जे हाथ परजा के पाकिट मारे बर छोड नइ सके गंगा घाट मा धुनि रमाहीं का? जेवनी हाथ दिखावा के दान करथे वो तक ला वापस लूट के लाने मा इही डेरी हाथ हर साथ निभाथे। संगीन सेवा देवत फँसगे तब जेवनी हाथ के राजदार होय के हैसियत ले सच ला बफल के उजागर झन कर देय एकर डर ले बिचारा डेरी हाथ के एनकाउंटर घलो करवा देय जाथे। अइसन डेरी हाथ के चिता चंदन के लकड़ी मा जरथे। तभे तो अवइया पीढ़ी बिलार सिंग जइसे दमदार हाथ बने के उदिम करथे। तब जान ले कि डेरी हाथ के कतका दम अउ महत्व हे।


राजकुमार चौधरी "रौना"

टेड़ेसरा राजनांदगांव

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