संस्मरण
झिरिया के पानी
एक छोटे से गांव म मैं छोटकुन किसनहा परिवार म जनम लेयेव वो समय देश ल आजाद होए दस बछर होए रहीस गांव म मध्यमिक पाठशाला रहीस फेर नाम मात्र के लइका आठ कक्षा पास होगे हाई स्कूल म दाखिला ले रहीस ले देके कोनो ग्यारहवीं पास रहीस ओमन ल गुरुजी या पटवारी बनगे जेन फेल होगे ओमन खेती किसानी आऊ मजदूरी के काम म लग गए
ओ समय पढई लिखई के महत्व ल सियान मन नई समझत रहीन
हमर गांव म ओ समय कोनो कालेज म दाखिला नहीं ले रहीन हमर साथ के तीन साथी हाई स्कूल पास होके हिम्मत करके कालेज म दाखिला लिएन अऊ ग्रेजुएशन के बाद छोटे से नौकरी म हमन गांव के ३ लड़का भर्ती होए न ओ समय हमर गांव म जुवा चित्ती नशा पान जैसे खराब आदत नहीं रहीस सियान मन के दबाव बहुत रहे आगे गांव मा का तकलीफ बैसाख जेठ के महीना महोवे ओला बतावत हव हमर गांव म गर्मी दिन आवय ता जमे कुआ तरिया के पानी सुखा हो जाय पानी के बडा किल्लत जेठ बैशाख के भुभरा पाव म कोनो चपल्ल न जूता खड़ी मझनिया के बेरा गांव के बाहर के तालाब म झिरिया जेमा पानी झीमिर झीमीर झरय ओहि पानी ल पिए के लिए लाए ल जान ओ समय के पानी के करलाई ला व्यक्त करना दुखदाई हे गांव के तरिया के पानी
कईहा काई के मारे बिस्सर महाकय ओ कठिन समय गांव के देखें हन ऊहू मा गांव के बदमाश लइका मन काड़ी कचरा आऊं गाय के गंदगी घलो डार दय
नहाए बर ,, ४किलोमिटर पैदल शिवनाथ नदी जाए बर पड़य ये दुर्दिन ल आज के लोगन मन बर अचंभा होगे येकर सेती पानी के महत्व ल समझव आऊ पानी ला संरक्षित करके चलव ताकी आने वाला पीढ़ी ला पानी मिल संकय
पानी के वीना सब सुन हे पानी हाेही तब काया भी निर्मल हाेहि त अभी से मन मा ठानव
पेड़ लगाबो पानी बचाबो
मोहन लाल" निर्दोष"
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