Friday, 12 May 2023

संस्मरण मोर कालेज जिनगी

 संस्मरण 

                     मोर कालेज जिनगी 


हमर जिनगी मा पढ़ई जीवन के गजब महत्व हे. इही वो समय रहिथे जेकर उपर भविष्य हा निर्भर रहिथे. जइसे एक मजबूत मकान बनाय बर मजबूत नेंव चाही. वइसने जिनगी रुपी मकान मा हम बने बने रहि सकन तेकर खातिर पढ़ईरूपी नेंव ला बने पोठ बनाय ला पड़थे. तब कहीं जाके हमर जिनगीरूपी गाड़ी के चक्का हा ये दुनियारुपी सड़क मा बने चल पाथे. 

       जहां तक मोर पढ़ई लिखई के बात हे ता मेहा प्राइमरी स्कूल से बारहवीं तक मोर गांव सुरगी मा ही पढ़े हंव. हमर गांव हा राजनांदगांव से अर्जुन्दा मार्ग मा राजनांदगांव ले 13‌ किलोमीटर दूर हे. येहा बड़का गांव हे जिहां बीस के दशक मा प्राइमरी स्कूल अउ 1961 मा हाईस्कूल खुल गे रिहिन हे. 

       1994 मा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सुरगी ले कामर्स विषय मा द्वितीय श्रेणी मा परीक्षा उत्तीर्ण होय के बाद शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव मा प्रवेश लेंव. इहां आर्ट विषय लेंव काबर कि वो समय मोर घर के स्थित -परिस्थिति अइसे रिहस कि मोला ये आभास होगे रिहिस कि मेहा सरलग कालेज नइ जा पाहूं. आर्ट मा गेप करके कालेज जाहूं तभो चलही. कालेज जिनगी मा जब हमर खेती -किसानी डहर बुता राहय ता मेहा कालेज जवई ला भूल जांव. सप्ताह - पंद्रह दिन मा एकाध दिन जावौं.


         कालेज के मोर पहिली बछर गुमनामी मा बीतगे. कोनो नइ जान पाइस कि इहां ओमप्रकाश साहू नांव के कोई छात्र पढ़थे जेकर  अब्बड़ रुचि साहित्य, वक्तृत्व कला, निबंध लेखन अउ सामान्य ज्ञान मा  हे. जबकि शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सुरगी मा इही सब रुचि के कारन मोर अलगे पहिचान बने रिहिस हे. मेहा खुद पहिली साल कोनो रचनात्मक गतिविधि मा भाग नइ लेंव. कभू- कभू ता कालेज जांव ता आने गतिविधि डहर धियाने नइ देंव. 


    रिजल्ट आइस ता बी.ए. प्रथम साल ला पास होगेंव. सेकण्ड इयर मा पढ़त खानि शुरूच मा एन. एस. एस. (राष्ट्रीय सेवा योजना) ले जुड़ गेंव. वो समय राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी बुधियार साहित्यकार, भाषाविद अउ सरल,सहज,सरस व्यक्तित्व के धनी डा. नरेश कुमार वर्मा (भाटापारा-बलौदाबाजार ) रिहिन हे. रासेयो मां  हमर गांव के अब्बड़ प्रतिभाशाली छात्र अउ मोर संगवारी दिलीप कुमार साहू "अमृत "हा पहिली ले जुड़े रिहीन हे. वोमन सीनियर छात्र रिहिन हे. वोहा मोर प्रतिभा ले परीचित रिहीन. 


     बछर 1996 मा  एक दिन दिग्विजय कालेज के नवीन सभागार मा " नशा और युवा वर्ग" विषय मा परिचर्चा आयोजित करे गिस. येमा मोर नांव मोर मितान दिलीप कुमार साहू हा लिखा दिस अउ बताइस कि तोला ये विषय मा बिचार रखना हे. एक बछर गुमनामी मा बीतगे रिहिस हे अउ मोरो अंदर के प्रतिभा हा वो दिन कुछ अइसे करे बर उछाल मारत रिहिस कि ये कालेज मा एक अलग पहिचान बन जाय. अउ वइसने होइस. दर्जन भर ले जादा वक्ता मन अपन बिचार राखिन. जउन दू -चार वक्ता मन के वक्तव्य ला जादा पसंद करे गिस वोमा महू हा शामिल रेहेंव. छत्तीसगढ़िया शैली मा देय गे मोर भाषण ले सभागार मा उपस्थित विद्यार्थी अउ प्राध्यापक वर्ग हा बने प्रभावित होगे. ताली के गड़गड़ाहट ले नवीन सभागार गूंजगे.कालेज के विद्यार्थी मन मोर वक्तव्य ले खुश होके मोर ले हाथ मिलाके बधाई अउ शुभकामना देइन. परिचर्चा कार्यक्रम के संचालक प्रो. त्रिपाठी हा घलो गजब प्रसन्न होना .इही दिन ले दिग्विजय कालेज मा एक वक्ता के रूप मा मोर अलग पहिचान बनगे.अउ बाद मा मोर कविता लेखन ,निबंध लेखन , मंच संचालन अउ सामान्य ज्ञान ले घलो परीचित होइन. कालेज मा पढ़त खानि मोला  गुरुदेव डा. नरेश कुमार वर्मा(भाटापारा-बलौदाबाजार)प्रो. मेजर खड्ग बहादुर सिंह, डा. चंद्र कुमार जैन, डा. के.एल. टांडेकर,प्रो.आर. पी. दीक्षित, प्रो. तंबोली , प्रो.शैलेन्द्र सिंह हा गजब प्रोत्साहित करिन .


        बछर 1996 -97 मा हमर कालेज मा आयोजित भाषण,वाद -विवाद परिचर्चा, निबंध लेखन अउ सामान्य ज्ञान स्पर्धा मा बढ़ चढ़ के भाग लेंव . ये सब विधा मा कभू न कभू अव्वल आके मेहा जिला स्तरीय प्रतियोगिता में अपन कालेज के प्रतिनिधित्व करेंव. साल 1996 अउ 1997 मा महाविद्यालयीन निबंध प्रतियोगिता में प्रथम आयेंव अउ शासकीय कमला देवी राठी महिला महाविद्यालय मा आयोजित जिला स्तरीय निबंध प्रतियोगिता मा अपन कालेज के प्रतिनिधित्व करेंव. दूनों बछर जिला मा दूसरा स्थान प्राप्त करेंव. एक साल खैरागढ़ कालेज के भवानी सिंह ठाकुर अउ दूसरा बछर कमला कालेज के छात्रा ह अव्वल स्थान हासिल करिन.ये समय कमला कालेज मा विदुषी डा. हेमलता मोहबे जी हा प्राचार्य रीहिन. मेडम जी हा घलो मोला आगू बढ़े बर प्रोत्साहित करिन."  एक साल  निबंध के विषय रिहिन -" आतंकवाद: मानवता के लिए एक अभिशाप "  


   उच्च शिक्षा मा चुनौतियां" विषय मा आयोजित म परिचर्चा मा महाविद्यालयीन स्तर मा अव्वल आके अंबागढ़ चौकी कालेज मा आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता मा अपन कालेज के प्रतिनिधित्व करेंव. इही समय वाद विवाद स्पर्धा मा पक्ष- विपक्ष मा हमर गांव के ही दिलीप कुमार साहू अउ प्रखर वक्ता चंद्रशेखर शर्मा राजनांदगांव ( अब डा. चंद्रशेखर शर्मा) हा दिग्विजय कालेज के प्रतिनिधित्व करिन. डा. चन्द्रशेखर शर्मा हा संस्कारधानी राजनांदगांव के बुधियार साहित्यकार अउ इतिहासकार 

स्व. गणेश शंकर शर्मा के सुपुत्र हरे . मोर साहित्यिक मितान हरे. 


  वर्ष 1997 मा महाविद्यालयीन स्तर मा आयोजित प्रश्न मंच स्पर्धा मा  अव्वल आके डोंगरगढ़ मा आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता मा अपन दिग्विजय कालेज के प्रतिनिधित्व करेंव. हमर कालेज मा द्वितीय स्थान मनोज कुमार साहू हा आइस जउन हा गांव रेंगाकठेरा के रहवासी रिहिन.  जिला स्तरीय प्रतियोगिता मा संगीत नगरी खैरागढ़ कालेज के छात्र विवेक गुप्ता अउ ओकर जोड़ी हा प्रथम आइस वो समय सामान्य ज्ञान मा राजनांदगांव के मोर मितान अशौक पचौरी, रोशनी लाल देवांगन अउ राजीव शर्मा हा अब्बड़ प्रसिद्ध रिहिन हे. वो समय दैनिक सबेरा संकेत राजनांदगांव ( प्रधान संपादक अउ बुधियार साहित्यकार श्रद्धेय शरद कोठारी जी ) अउ दैनिक अरुणादित्य राजनांदगांव ( प्रधान संपादक अउ बुधियार साहित्यकार - श्रद्धेय आदित्य प्रसाद वर्मा जउन सुरगी हाईस्कूल के प्राचार्य रिहिन) के द्वारा सामान्य ज्ञान के साप्ताहिक)/पाक्षिक प्रतियोगिता आयोजित करे जाय. येकर माध्यम ले हमर जनरल नालेज हा बाढ़य. संस्कारधानी राजनांदगांव मा वो समय कतको संस्था मन घलो सामान्य ज्ञान अउ वाद विवाद स्पर्धा आयोजित करै जेमा मेहा भाग लेंवव अउ पुरस्कृत होंव. 

    1995 मा मेहा कविता लेखन के शुरूआत करेंव. येकर श्रेय दैनिक सबेरा संकेत राजनांदगांव ला जाथे. येकर प्रधान संपादक श्रद्धेय शरद कोठारी जी रिहिन. येकर ले पहिली दैनिक सबेरा संकेत के ही आपके पत्र स्तंभ मा अपन विचार ला भेंजव अउ प्रमुखता ले प्रकाशित होय.  सबेरा संकेत हा नवा रचनाकार मन ला सामने लाय बर बछर 1995 मा "पहल"अउ "सृजन" स्तंभ शुरू करिन जेमा चार लाइन के कविता लिख के भेजना राहय. ये स्तंभ मा हर सप्ताह करीब दो दर्जन  नवोदित रचनाकार मन रचना भेजय जेमा प्रथम तीन चयनित कविता अउ दू -तीन झन के विशेष कविता मन ला प्रकाशित करै. मोरो रचना हा कई बर चयन होके प्रकाशित होय. येकर ले मोला विश्वास होइस कि मेहा कविता लिख सकथंव. सबेरा संकेत के संगे -संग दैनिक भास्कर के स्तंभ" जन- जन के स्वर" अउ आने आने अखबार मन मा घलो कविता अउ लेख प्रकाशित होइस. दैनिक नवभारत  द्वारा एक निश्चित विषय उपर परिचर्चा राखे जाय जेमा चयनित लेख ला प्रकाशित करे जाय. येमा मोरो लेख ला स्थान मिलय.


 वो समय राजनांदगांव मा पत्र लेखक मंच राहय जेकर माध्यम ले मासिक काव्य गोष्ठी अउ साहित्यक परिचर्चा आयोजित करे जाय. कालेज जिनगी मा मेहा साहित्यिक गोष्ठी मा भाग लेना शुरू करेंव.  वो समय साहित्यिक गोष्ठी मा आचार्य सरोज द्विवेदी, डा. नरेश कुमार वर्मा, शायर अब्दुस्सलाम कौसर,डा. दादू लाल जोशी, बंशी लाल जोशी, कुबेर सिंह साहू, गजानन तिवारी,

आत्मा राम कोशा अमात्य, शतीश भट्टड, शत्रुघ्न सिंह राजपूत, नारायण सिंह ठाकुर, वीरेन्द्र बहादुर सिंह, गिरीश ठक्कर, शोभा श्रीवास्तव, दुर्गेश सिंह तोमर, इकबाल सिंह छाबड़ा, शैलेष कुमार गुप्ता, चंद्रशेखर शर्मा अउ आने साहित्यकार मन के सक्रियता देखते बने. 


बछर 1997 आजादी के स्वर्ण जयंती अउ मध्यप्रदेश के स्थापना के 40 वीं वर्षगांठ रिहिन हे. अइसन सुग्घर मउका मा कालेज मा निबंध लेखन,वाद विवाद, परिचर्चा अउ सामान्य ज्ञान स्पर्धा  आयोजित करे गिस जेमा मेहा भाग लेके तीसरा से लेके प्रथय स्थान हासिल करेंव. "स्वतंत्रता संग्राम मा महात्मा गांधी का योगदान " विषय मा आयोजित निबंध प्रतियोगिता मा तृतीय स्थान प्राप्त करेंव अउ कार्यक्रम के माई पहुना प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ, पद्मश्री पुखराज बाफना द्वारा सम्मानित होयेंव.  राजनांदगांव जिला मा वो समय छात्र वक्ता मन मा लोकेश शर्मा, आशीष कुमार शर्मा, चंद्रशेखर शर्मा, दिलीप कुमार साहू,ओमप्रकाश साहू अंकुर,विवेक गुप्ता खैरागढ़ , तेजेश राहुल,सुनील जायसवाल, लुमन साव,सरोज कुमार मेश्राम, सुश्री गौरी शर्मा, सुश्री नयनी शुक्ला, दीपक तिवारी, संतोष कुंजाम, राजू सोनी,रोम लाल चंद्राकर,सेवक राम साहू, ध्रुवेन्द्र साहू, हिरवानी ( मुजगहन वाले) , गणेश पटेल,प्रवीण गोटेकर प्रसिद्ध रिहिन. 


 मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय स्तरीय सामान्य ज्ञान स्पर्धा में राजनांदगांव जिला मा तीसरा स्थान प्राप्त करेंव. येमा राजनांदगांव जिला के विभिन्न कालेज अउ स्कल ले लगभग 600 सौ विद्यार्थी मन भाग लेय रिहिन. येमा मोला स्नेह राशि अउ संस्कृति मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ के हस्ताक्षर युक्त प्रमाण पत्र मिलिस. ये स्पर्धा मा खैरागढ़ कालेज के विवेक गुप्ता अव्वल, कमला कालेज के छात्रा पारुल हा दूसरा स्थान मा रिहिन. वो समय प्रथम, द्वितीय अउ तृतीय के संगे संग पचास चयनित प्रतिभागी मन ला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भोरमदेव अउ आने पर्यटन स्थल मन के भ्रमण कराय गे रिहिन  


  बोलथस  बने पर  कुछ कमी हे - मेजर सिंह 


 साल 1996 के बात हरे.एक  बार जब मेहा प्राध्यापक कक्ष डहर ले गुजरत रेहेंव ता इतिहास विभाग के प्राध्यापक मेजर खड्ग बहादुर सिंह हा मोला देखके कहिस कि " ओमप्रकाश तंय हा भाषण, परिचर्चा अउ वाद विवाद मा बोलथस बने पर कुछ सुधार के जरुरत हे". सर जी ला मेहा प्रणाम करेंव अउ अपन खामी के बारे मा जानना चाहेंव ता कहिस कि-" अभी तो तोर कमी ला नइ बताव.बाद मा मिलहू."चार -पांच दिन बाद जब फेर कालेज गेंव ता सर जी ले भेंट होइस. सर जी ले पाछू दिन के संबंध मा चर्चा करेंव कि - "सर जी आप वो दिन काहत रेहेव कि मोर भाषण कला मा कुछ कमी हे. मोला बताय के कृपा करहू तेकर ले मेहा अपन गलती ला सुधार कर सकव."ं


   सबले पहिली तो कहिस कि " तंय अपन कमी ला सुधार करे के संबंध मा दुबारा मिले बर आय हस तेकर सेति मंय हा खुश हौ. तोर कमी के बारे मा तो मेहा उही दिन बता सकत रेहेंव. पर मेहा जान बूझ के नइ बतायेंव. काबर कि मंय हा जानना चाहत रेहेंव कि तोर मा कत्तिक इच्छा हे वक्तृत्व कला मा आगू बढ़े के. अउ दूसरा तोर पास धीरज हे कि नइ येकर परीक्षा लेय खातिर वो दिन बात ला नइ बतायेंव. अउ मोर परीक्षा मा तंय पास होगेस."


   फेर कहिस कि -"तोर वक्तव्य बने रहिथे . तोला ये सुधार करना हे. तंय बोलथस ता अपन हाथ के माध्यम ले जो प्रतिक्रिया देथस वोहा जादा हो जाथे. येकर ले श्रोता वर्ग अउ निर्णायक के धियान तोर वक्तव्य मा  कम अउ तोर हाथ डहर जादा हो जाथे. ये तोर माइनस पाइन्ट हे जेमा सुधार करके अपन भाषण कला मा अउ निखार ला सकथस. हाथ से हाव भाव नइ देना हे ये मेहा नइ काहत हंव पर अतिरेक ठीक नइ हे " . दूसरा व्याकरणिक गलती ला सुधार करव. इही बात एक बार मोर प्रेरणा स्रोत डा. नरेश कुमार वर्मा जी हा घलो कहिस कि-" बोलत समय जो व्याकरण संबंधी जो त्रुटि होथे वोमा सुधार करके अपन भाषण कला ला अउ बेहतर बना सकथस. " बाद मा दूनों गुरुदेव जी के सुझाव ला अमल करे के प्रयास करेंव .

 

  

 1997 मा आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह के बेरा मा कालेज मा एक परिचर्चा अउ काव्य पाठ के आयोजन होइस. येकर माई पहुना संस्कारधानी राजनांदगांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्रद्धेय कन्हैया लाल अग्रवाल रीहिन. "आजादी के 50 वर्ष: का पायेन,का खोयेन" विषय मा माई पहुना अग्रवाल जी के संगे संग कुछ प्राध्यापक वर्ग मन अपन बिचार व्यक्त करिन. ये परिचर्चा कार्यक्रम मा छात्र वर्ग के प्रतिनिधित्व मेहा अउ सरोज कुमार मेश्राम हा करेन. इहां मोला कविता पाठ के घलो मउका दिस. कार्यक्रम के संचालक डा. चंद्र कुमार जैन हा करिन. जैन जी हा मोर वक्तव्य कला अउ कविता पाठ के तारीफ करके प्रोत्साहित करिन. बाकी प्राध्यापक मन घलो मोला अउ मोर मितान सरोज कुमार मेश्राम ला बधाई अउ शुभ कामना दिस. 

  

     प्रेस प्रभारी के भूमिका मा


सुरगी हाईस्कूल मा पढ़त रेहेंव उही समय ले मेहा अखबार बर समाचार

बनाव. चाचा जी अउ पत्रकार समारू राम दीपक हा समाचार लिखे बर प्रोत्साहित करै. मोर लेखन कला मा रूचि ला परख के एन. एस. एस. अधिकारी डा. नरेश कुमार वर्मा हा मोला प्रेस प्रभारी के दायित्व सौंपिन. 

1995 मा कोहका अउ 1996 मा गठुला मा आयोजित 10 दिवसीय रासेयो शिविर के विभिन्न गतिविधि के समाचार बनाव जउन हा कई ठक अखबार मा प्रमुखता ले प्रकाशित होइस. 1997 मा ही 5 दिवसीय साहसिक अभियान मा भाग लेंव. येमा अचानकपुर - ज़ंगलपुर से पैदल चलते हुए जंगली मार्ग ले मोहगांव,पैलीमेटा, साल्हेवारा तक यात्रा करेन. येमा 40  छात्र शामिल रेहेन. 1996 मा डा. नरेश कुमार वर्मा अउ 1997 मा  प्रो. के. एल. टांडेकर  हा राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारी रीहिन. दूनों गुरुदेव जी हा मोला अब्बड़ प्रोत्साहित करिन. रासेयो शिविर मा परिचर्चा,वाद विवाद स्पर्धा,मंच संचालन,कविता पाठ के संगे संग अभिनय मा घलो उतरौं. मेहा मास्टर ,डाक्टर, सरपंच , पत्रकार अउ एक जागरूक युवा के रोल करौं. कुछ प्रहसन के निर्देशन घलो कर लेंव. 



   26 जनवरी 1998 मा मेहा विभिन्न रचनात्मक कार्य - युवा मन मा जन जागृति, संगठन,खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां  ला बढ़ावा देय खातिर" जिला युवा अवार्ड -1997" ले सम्मानित होयेंव. मध्यप्रदेश के वो समय के आदिम जाति कल्याण मंत्री भगत राम उईके हा दिग्विजय स्टेडियम राजनांदगांव मा आयोजित एक भव्य अउ गरिमामय समारोह मा मोला 

प्रशस्ति पत्र अउ स्नेह राशि भेंट करिन. 


    1997 मा रायपुर के पुलिस ग्राउंड मा आयोजित भव्य स्वतंत्रता दिवस समारोह मा दिग्विजय कालेज डहर ले जिला के प्रतिनिधित्व करत उहां एन.एस. एस . के संगवारी मन संग आदिवासी नृत्य प्रस्तुत करेन. 



   9 मई 1997 मा मोर शादी होगे. बी.ए. द्वितीय श्रेणी मा पास होगेंव.कालेज के मोर नियमित पढ़ई छूट गे अउ दिग्विजय कालेज मा स्नातकोत्तर तक रेगुलर पढ़ई के मोर सपना टूटगे! मोर जिनगी के धारा बदलगे अउ परिवारिक जिम्मेदारी ला निभाय बर  राजनांदगांव के  एक प्राइवेट कंपनी के आफिस मा काम शुरू करेंव. 


     ओमप्रकाश साहू अंकुर

     सुरगी, राजनांदगांव

    मो.7974666840

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