आज 108 वीं जयंती म विशेष...
चंदैनी गोंदा के सर्जक: दाऊ रामचंद्र देशमुख
जब मोर जनम होइस वोकर ले दू साल पहिली “चन्दैनी गोंदा “के जनम होगे रहिस हे. अउ जब येखर सर्जक श्रद्धेय दाऊ रामचंद्र देशमुख जी ह जब येला कोनो कारन ले आगू नइ चलइस त मात्र
आठ साल के रहेंव. मेहा दाउ राम चन्द्र देशमुख जी द्वारा संचालित” चन्दैनी गोंदा “ल कभू नइ देखेंव. दाउ जी ले घलो कभू आमने- सामने भेंट नइ कर पायेंव. मोर अइसन सौभाग्य नइ रीहिस हे. पर
मोर डायरी म दैनिक सबेरा संकेत
राजनांदगांव के “आपके पत्र “स्तंभ के पेपर कटिंग हे. वोखर मुताबिक मेहा 21 मार्च 1996 म दूरदर्शन केन्द्र रायपुर के कार्यक्रम “एक मुलाकात “ के तहत जब राम हृदय तिवारी जी ह दाऊ जी ले “गोठ बात “करे रीहिस हे वोला मेहा गजब रुचि लेके सुने रेहेंव. काबर कि मेहा कई ठक अखबार म श्रद्धेय दाऊ जी के जीवन परिचय, चन्दैनी गोंदा अउ “कारी” के बारे म पढ़े रेहेंव. उद्भट विद्वान डॉ. गणेश खरे जी के लेख के सँगे सँग कुछ अउ विद्वान मन के लेख ल पढ़े रेहेंव. जब दूरदर्शन केन्द्र रायपुर ले ये भेंटवार्ता ह शुरु होइस त मेहा आखिरी होत तक टस से मस नइ होयेंव. ये भेंटवार्ता ले मोला छत्तीसगढ़ लोक कला मंच के विकास यात्रा म दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के योगदान के सुग्घर जानकारी मिले रीहिस राम हृदय तिवारी जी ह दाऊ जी गजब अकन सवाल करिन कि देहाती कला विकास मंडल अउ चन्दैनी गोंदा के गठन अउ कारी के मंचन के का उद्देश्य रीहिस हे. चन्दैनी गोंदा के पहिली इहां के नाचा अउ लोक कला मंच के कइसन दशा अउ दिशा रीहिस हे .चन्दैनी गोंदा ल आप विसर्जित करे जइसे कठिन निर्णय काबर लेंव. अइसे का परीस्थिति अइस! ये सवाल तिवारी जी ह श्रद्धेय दाऊ जी ले करिस त वोहा एकदम भावुक होगे. वर्तमान म लोक कला मंच के दशा अउ दिशा उपर जब चर्चा चलिस तब दाऊ जी ह गजब उदास होगे अउ कहिस कि हमर छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान ल जगाय बर काम नइ हो पावत हे. लोक कला मंच के नाम म सिनेमा संस्कृति के जोर होगे हे. अइसे कहत -कहत दाउ जी ह एकदम गंभीर होगे.
दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के जनम 25 अक्टूबर 1916 म बालोद जिला के डौंडीलोहारा विकासखंड के गाँव पिनकापार म होय रीहिस हे. वोकर पिता गोविंद प्रसाद बड़का किसान रिहिन. उंकर प्राथमिक शिक्षा गांव म होइस. फेर नागपुर विश्वविद्यालय ले बीएससी (कृषि) म स्नातक अउ वकालत के पढ़ाई करिन. ऊंकर बिहाव छत्तीसगढ़ के स्वप्न दृष्टा खूबचंद बघेल के बेटी राधा बाई ले होइस.बचपना ले वोहा दार्शनिक अउ चिंतक प्रवृत्ति के रिहिन.ननपन ले नाचा अउ नाटक देखे के शउक रिहिन. शादी के बाद बघेरा म रहिके उन्नत ढंग ले किसानी करिन. दाऊ जी ह आयुर्वेदिक पद्धति ले अपन गांव बघेरा म लकवा अउ पोलियो मरीज मन के ईलाज करके जन सेवा करिन.
शुरु म पिनकापार म राम लीला मंडली के गठन करिन. वोहा खुद नाटक अउ राम लीला म भाग लेय.
. वोहा 1950 म देहाती कला विकास मंडल के गठन करिन . येकर माध्यम ले अंचल म प्रचलित नाचा के प्रस्तुति म परिष्कार करिन. दाऊ जी कलाकार मन के खोज म गांव- गांव भटकिन.
. येमा लाला फूलचंद श्रीवास्तव जी चिकारावाला (रायगढ़), ठाकुर राम जी , भुलवा (रिंगनी साज), रवेली साज के मदन निषाद जी (गुंगेरी नवागाँव, डोंगरगॉव, राजनांदगांव) जइसे बड़का कलाकार शामिल होगे. दाऊ जी ह ये कलाकार मन ल लेके काली माटी, बंगाल का अकाल, सरग अउ नरक, राय साहब मि. भोंदू खान साहब नालायक अली खां, मिस मैरी का डांस जइसे प्रहसन खेल के मनोरंजन के सँगे सँग जनता ल संदेश घलो दिस. दाऊ की मंडली ले जुड़े कुछ बड़का कलाकार मन प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीर तनवीर के नया थियेटर दिल्ली म शामिल होगे. सन् 1954 ले 1969 तक दाऊ जी ह अपन सबो समय ल जन सेवा अउ समाज सुधार म लगा दिन. कई साल तक
शांत अउ गुमनामी के जिनगी गुजारिस. फेर अपन माटी के करजा ल छूटे के प्रेरणा ऊंकर अंतस म सदा ले भराय रिहिस.अउ वोहा प्रस्फुटित होइस 20 साल बाद चंदैनी गोंदा के रूप म.
अउ 7 नवंबर 1971 म अपन गाँव बघेरा (दुर्ग) मा सांस्कृतिक पुनर्जागरण के उद्देश्य लेके लोक सांस्कृतिक संस्था “चन्दैनी गोंदा “के गठन करिस. बघेरा के बाद येकर प्रस्तुति पैरी, भिलाई, राजनांदगांव,धमधा,नंदिनी, धमतरी,झोला,टेमरी अउ जंजगिरी जइसन जगह म 50-50 हजार दर्शक मन के सामने होइस. चंदैनी गोंदा के प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के संगे संग उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली अउ मध्य प्रदेश म घलो सफलतापूर्वक होइस. अखिल भारतीय लोक कला महोत्सव यूनेस्को द्वारा आयोजित भोपाल सम्मेलन म कार्यक्रम के गजब प्रशंसा होइस.
चंदैनी गोंदा ह हमर छत्तीसगढ के कवि मन के लिखे गीत ले सजगे. दाऊ जी ह चंदैनी गोंदा के बड़का कार्यक्रम म इहां के साहित्यकार मन के सम्मान करके एक नवा उदिम करिन.
दाउ जी ह चन्दैनी गोंदा, कारी के माध्यम ले छत्तीसगढ़िया मन के पीरा ल सामने लाइस. इहां के रहवासी मन के स्वाभिमान ल जगाइस.किसान,मजदूर अउ नारी मन के दयनीय दशा ल सामने लाके शोषक वर्ग मन के बखिया उधेड़िन . चन्दैनी गोंदा के माध्यम ले लक्ष्मण मस्तुरिया जी, खुमान साव जी, गिरिजा सिन्हा, महेश ठाकुर,मदन चौहान, संतोष कुमार टांक,रामरतन सारथी, केदार यादव जी, साधना यादव जी, भैया लाल हेड़ाऊ, शेख़ हुसैन,रवि शंकर शुक्ला, संतोष झांझी, मंजूला बनर्जी,शिव कुमार दीपक, जगन्नाथ,राम दयाल, ठाकुर राम, मुकुंदी राम, हीरा सिंह गौतम चित्रकार, बसंत दीवान छायाकार,
कविता हिरकने (वासनिक ), संगीता चौबे, अनुराग ठाकुर, डा. सुरेश देशमुख प्रथम उद्घोषक, जइसे उम्दा कलाकार सामने आइन.
मेहा दाऊ जी द्वारा संचालित चन्दैनी गोंदा ल कभू नइ देखेंव पर
बाद म लोक संगीत सम्राट श्रद्धेय खुमान साव जी द्वारा संचालित चंदैनी गोंदा ल घलो मात्र दो बार देख पायेंव .पर श्रद्धेय खुमान साव जी ले भेंट नौ बार होइस हे. येखर संस्मरण घलो लिखे हवँ.
छत्तीसगढ़ी संस्कृति के ये रखवार ह 13 जनवरी 1998 म अपन नश्वर शरीर ल छोड़ के स्वर्ग लोक चले गिस. दाऊ जी ह अपन यश रुपी शरीर ले सदैव जीवित रहि.उंकर भतीजा अउ चंदैनी गोंदा के पहिली उद्घोषक डा. सुरेश देशमुख जी ह दाऊ रामचंद्र देशमुख के बारे म अपन संपादन म किताब प्रकाशित करवाय हे। ये किताब म दाऊ रामचंद्र देशमुख के जीनन परिचय, देहाती कला विकास मंडल, चंदैनी गोंदा के विकास यात्रा अउ येकर ले जुड़े कलाकार, गीतकार मन के बारे म सुघ्घर जानकारी हे। ये किताब ह हमर छत्तीसगढ के सांस्कृतिक दस्तावेज हरे।
श्रद्धेय दाउ जी ल उंकर 108 वीं जयंती म शत् शत् नमन हे. विनम्र श्रद्धांजलि.
ओमप्रकाश साहू “अंकुर”
सुरगी, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)