Monday, 9 December 2024

लघुकथा - " लड़न्ककीन "

 लघुकथा -

         " लड़न्ककीन "


"तोरेच करा मुँह हे, जइसे पाये वोईसे बोलत जा l सुनत हे तौन पखरा हे l"बहेसर अपन बाई ला कहत रहिस l ओकर बाई तीखार तीखार के पूछतीस घेरी पइत पूछातिस कहिस -" तोला कोन कहत हे सुने बर पखरा घलो सुनही तै तो पथरा ले गये गुजरे हस l"

"मूरख  संग का बात करना बुद्धि भस्ट करना हे "

" तोर करा कहाँ बुद्धि हे भकला गतर l

तोला बुद्धि  नइ मिले हे परबूधिया l "

इही बीच म ओकर टुरा  रेखू आगे l

"जब देखो तब खींचीर खींचीर का तुमन ला अइसने गोठ म मजा आथे? तुमन ला बने ढंग ले गोठ बात करत नई सुनेव l"

ओकर माँ कहिस -" अरे बेटा रेखू,परबुधिया ला का जानबे, काकर बुध म चलत हे l"

बिसेसर -" अरे रेखू तोला बीच म काबर लाथे lतै  कोन कोती रहिबे,l तहीं बता? फ़ेर तीखारन    

टप ले तानाबोली म -

ओहर का बताही? "

रेखू -" तुमन ना मोर माँ बाप असन नई लगत हव l"  बीच म फेर लबले तीखारन -

" तोर बाप नोहय रे तोर बाप होतिस त तोर मोर बर मंगल सूत्र आ जतिस l मय मंगलीन नई होतेव l  मोर गला म करिया धागा बर  हे l ओकर करा माँगत हँव, ओकर करा माँगत हँव पइसा त घर चलत हे l"

बिसेसर कंझाके के कहिस- " मंगल सूत्र बर झगरा  करत करत मंगल मय दिन सिरा गे l धागा म दुनिया बंधाये हे l  खूंटा म दम निये  गेरवा का करही? हर दम के लड़ई म दम सिरा जथे बेटा l अभी नानकुन हस l काकर पाला म पर गेंव रे    l  हताश होवत   बिसेसर " मोर पाला  पड़गे तुमा बीजा अस बाजत रहिथे फोकटे फोकट l

तहूँ ह चिन्हा हस अब उही धागा के  l अउ का मंगल सूत्र मंगलसूत्र चिल्लाथे l"

तीखारन ए दरी अउ जोर देके 

"दूसर के डउकी ला पहिराबे सांटी बिछिया l दू लाख के पूरती नई हँव का l

बिसेसर "तोर पुरती ला कोन करत हे? मही तो करत हँव ना?"

"तै का पूरती करत हस? ऊपर वाले देखत हे l

जतका गोठियाबे ओतका बढ़त जाथे l नई घेपय नई मानय नई तेखर ले मुँह नई लगना चाही l

घुनही बांसरी के धुन ला कोन सुन ही भला l  बिसेसर अपन बाई ले हार खाके  बैरागी  बन जथे l तमुरा बजावत 

तना नना हे ए घर के ना 

जिहाँ तिखारन  ओ घर के तना नना  ना.... I

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