कइसे मनाबो तीजा तिहार-चित्रा श्रीवास
सावन ले हमर छत्तीसगढ़ के तिहार मन शुरू हो जाथें।अभी अमावस के हरेली मनाय हन।पंदरा दिन के गये ले पुन्नी के दिन राखी।फेर खमरछठ, आठे कन्हैया, पोरा, तीजा,के बाद बिराजहीं गजानन जी उँखर जाये के बाद पितर देवता मनाब,फेर दुर्गा दाई आहीं।दशहरा ,देवारी,देउठनी अकादशी,छेरछेरा, मकर संक्रांत,होरी के जात ले तिहारे तिहार।अतेक तिहार मन मा तीन ठन तिहार हा हम माई लोगन बर बिशेष महत्तम राखथे राखी ,खमरछठ अउ तीजा ।खमरछठ ला तो अपन घर मा मना लेथन अउ लइकन के खुशहाली बर छठ दाई ला बिनती बिनोथन।राखी हा भाई बहिनी के तिहार ये येमा भाई बहिनी मन अपन सुविधा ला देख एक दूसर के घर चल देंथें।दूरिहा मा रहे ले बहिनी हा डाक ले घलौ राखी ला भेज देथे।फेर तीजा हा तो मइकेच के तिहार ये।बेटी बहिनी मन साल भर ये तिहार के रद्दा जोहथें।बेटी के बिहाव के बाद अंगना सुन्ना हो जथे ।दाई के जीव हा कुलकत रहिथे बेटी तीजा मा आही ता सुख दुख ला गोठियाहव कहिके।एती बेटी घलो कब मोर लेवाल आही सोचत रहिथे। आजकल मोबाइल के जमाना आय रोज दाई बहिनी करा गोठ बात कर लेबे हाल चाल पूछ लेबे फेर परगट मिले के बाते अलग हे।नानपन के सुरता आ जाथे।अउ संगी संगवारी करा भेंट घलो हो जाथे।पारा मोहल्ला के काकी,बड़ी दाई मन घलो कहिथे बने करे बेटी आ गय ता।मइके ला माई लोगन अपन जीयत भर नइ भुलाय सकयँ।
बहिनी हो राखी तीजा लकठा गय हेअउ मोर मन मा एके बिचार आवत हे ए दरी तिहार कइसे मनाबो।अभी के समय मा कोरोना के बीमारी हा दुनिया भर मा फइले हावय।संक्रमित अउ मरइया के गिनती बाढ़त जात हे।अनलाक मा थोरिक छूट का मिल गिस लोगन लापरवाही करे लगीन तभे फेर लाकडाउन लगाना पर गिस । बहिनी हो जिनगी सबले बड़े ये ।जिनगी बाँच जाही ता सालो साल तिहार मना लेब ।गाड़ी मोटर ठीक से चलत नइहे ।चले मा घलो सुरक्षा के सवाल हे।कई झिन बहिनी मन अपन साधन ले घलो मइके जा सकत हे ।मइके जाके सोशल डिस्टेडिंग,मास्क, सेनेटाइजर ला झन भुलाहू बहिनी हो।
चित्रा श्रीवास
बिलासपुर
छत्तीसगढ़
बहुत सुंदर लेख दीदी जम्मो तिहार के बढ़िया ढंग ले लेख लिखे हव सुग्घर रचना खातिर बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteवाह वाह दीदी
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