घी गँवागे पिसान मा
कहानी
शिव के बेटा के बिहाव होइस हे। आज डोला आही। मोरो घर न्यौता आए हावय, महूँ हर बहू देखे बर जाहवँ।लइका मन बर चाँउर पिसान के अंगाकर रोटी, केला पान म डार के बनाए हवँ अउ खवा - पिया देहेवँ।अब संगवारी मन संग, नवा बहू देखे बर महूँ पहुँच गयँ हौं।
"कइसन सुग्हर बहू लाने हस ओ माया बहिनी!" मैं हर शिव के महतारी ल कहेंव।फेर पाँव परत घानी, मोर मन म थोरिक भुसभुस गईस कि बहू हर दुरिहा ले कैसे पाँव परत हे.... अतका म देखेंव कि सुधा अउ सरला खुसुर - फुसुर करत रहिन हें... का गोठियात हावयँ कहिके सुनेवँ, तव सुधा बताइस "बहू हर बने ढंग के देखे नहीं सकय, तैसे लागथे, शकुन!" बात आइस अउ चल दिस। "वोकर बहू वो निपटय, हमला का करना हे?" कहिके बहू धरा के, हमन अपन - अपन घर आ गएन।
एक दिन अचानक मैं हर आस्था चैनल म देखेंव भैरवी के भजन।"मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई" गावत रहिस हे। ए छोकरी हर तो माया के बहू भैरवी ए।क इसन सुग्हर गाथे ओ। भजन सुन के माया के घर जा के, सास - बहू ल बधाई देहेंवँ, तव माया कहिस.... "तोर बहू के एही गुन ल देख के तोर बेटा हर एला पसंद करे हे.... तयँ जानत हस के नहीँ! भैरवी हर अँधरी हे।"
मोला ऐसे लागिस जाना - माना मोला मूर्छा आवत हे....फेर माया हर मोला पोटार के संभालिस अउ समझाइस ... देख दीदी! तोर बेटा इंजीनियर हे, तव तोर बहू घलाव गायिका हे। तोर बेटा ला तो भइगे, एही शहर के मन जानथें, फेर तोर बहू हर तो, दुनियाँ भर मा नाम कमावत हे।हमन कोनों घाटा म नइ अन दीदी!घी गँवागे पिसान म।"
शकुन्तला शर्मा....🙏🏻
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