पंचमढ़ी यात्रा* आरुग
बड़ दिन ले पंचमढ़ी जाये के मन होत रिहिस फेर स्कूल के बूता के मारे जाये के समय नहीं मिल पात रिहिस । एक दिन उदुप ले जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्काउट विभाग ले फोन आथे कि 80 झन स्काउट/गाइड, रोवर/रेंजर ला लेके चार झन स्टाफ ला 'पर्वतारोहण, व्यक्तित्व विकास एवं आपदा प्रबंधन शिविर' बर पंचमढ़ी जाना हे । आप कहूँ सहमति देहू ता आपके नाम के प्रस्ताव करे जाही । मोला तो जेन चाही रिहिस तेने मिलगे । मैं तुरते हामी भर देंव । येती मोर जी कुलकत रिहिस यात्रा तो कभू भी करे जा सकत हे फेर जतका नीक अभी के यात्रा म मिलही वोतका अकेल्ला दुकेल्ला जाय म नइ मिलय । अउ काहे गाड़ी मोटर म तो कोनो मेर घूम लेबे फेर पहाड़ मन मा रेंगत जाके प्रकृति ला एकदम तीर ले देखे के जउन मोर मन होवत रिहिस अउ जेन यात्रा के अनुमति घलो नइ मिलय तेन मा मोला जाना हे । मैं अपन जाय के तैयारी करे ल धर लेंव । पहाड़ी जघा हे त जाड़ घलो लगही त कम्बल, स्वेटर जइसे गरम कपड़ा पहाड़ी यात्रा बर पनही अउ सब जरूरत के सामान ला जोर जँगार के यात्रा के दिन अपन समान ला धर के अउ अपन स्कूल के लइका मन ला धरके जिला शिक्षा कार्यालय बेमेतरा पहुंच गेंव ।
उँहा जाके देखेंव त जम्मो लइका अउ स्टाफ दुनों पहुँच के हमरे मन के अगोरा करत रहंय । दुचार झन अउ लइका जिंखर गाँव रास्ता म पड़य तेन मन ला छोंड़ के जम्मो झन बेमेतरा म सकलागे रिहिन । जम्मो झन सकलागे रिहिन त एक-एक ठन बैग, टी-शर्ट अउ पानी के बोतल स्काउट विभाग बेमेतरा कोती ले जम्मो यात्री अउ स्टाफ ल भेंट करे गिस । जिलाशिक्षाधिकारी महोदय हा अपन आशीष अउ शुभकामना देंवत हरियर झंडा देखावत विदा करिस । रसता में जेन छूटे रिहिन तेन लइका मन ला धरत बेमेतरा ले दुर्ग हमन बस ले गेन । स्काउट गाइड के जम्मो लइका हाँसत कुलकत बस मा अंतक्षरी खेलत मगन होगे । घूमे बर जाय के जोश अलगे लगत रिहीस । हमन ५ बजे दुर्ग पहुंच गे रेहेंन । जम्मो झन लइका ला लाइन लगवाक़े उपस्थिति लेके कुछ जरूरी निर्देश अउ समझौति बात ल बता के सबो झन स्टेशन म प्रवेश करेन । ७ बजे हमर गाड़ी अवइया रिहिस गाड़ी अपन बेरा म स्टेशन पहुंच गे अउ हमन सबो झन ट्रैन में बइठ के अपन यात्रा शुरू कर देन ।सब झन बर सीट आरक्षित रिहिस त कोनो समस्या नइ होइस सब अपन अपन सीट म बेवस्थित होगीन । सब झन भूखागे रहंय अपन अपन टिफिन निकाल के जम्मो झन मिल बाँट के खइन तँहा कोनो गोठबात म रमगे, कतनो झन अंताक्षरी खेले बर भिंडगें त कतको झन थके मांदे रिहिन चुपचाप सुतगे अइसने रतिहा पहागे । बिहनिया ८ बजे हमन पिपरिया रेलवे स्टेशन पहुँच गेन । उँहा ले बस में पंचमढ़ी बर निकल गेन । पिपरिया ले पंचमढ़ी पहाड़ी रास्ता पड़थे उँहा के सुग्घर दर्शन पाके मन गदगद होगे । जइसे जइसे बस पिपरिया ले पंचमढ़ी के तीर पहुँचत गिस वइसने उँहा के पहाड़ी यात्रा के रोमांच मन में भरे ल लगिस। कतका बेर पहुँचबो ? कब साहसिक यात्रा म निकलबो ? का का देखे ल मिलही ? इही सब गुनत हमन सब पंचमढ़ी पहुंच गेन । पंचमढ़ी में पहुँच के अइसन लगय जइसे हमन धरती ले ऊपर कोनो अलग जघा पहुँच गे हन जिंहाँ प्रकृति ला छोड़ के अउ कुछु दिखय । आँखी उठा के जिंहाँ तक देखबे प्रकृति के सुग्घर दृश्य के छोड़ कुछु नइ दिखय अइसे लगय जइसे कोनो देवलोक म आगे हन । बड़े बड़े ऊँचहा पेड़ सागौन, नीलगीरी चीड़ के पेड़ चारो डहर हरियर हरियर । मैदानी प्रदेश में रहइया मनखे उदुप ले कहुँ पंचमढ़ी कस जघा म चल देथे त उँहा ले आये के मन नइ करय । अउ उँखर बर तो कतका घूम लँव ? कहाँ कहाँ चल दँव ? एखर छोंड़ कुछु अउ नइ दिखय । वइसे भी डोंगरी पहाड़ी के रास्ता अपन आप में खुदे रहस्य अउ रोमांच ले भरे रहिथे । जब हमन पंचमढ़ी के स्काउट गाइड के ntc नेशनल ट्रेनिंग सेंटर में पहुँचेम त विवेक सर ले भेंट होइस छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिला ले पंचमढ़ी पहुँचे स्काउट गाइड के आवास के बेवस्था उही मन देखत रिहिन । हमर बेमेतरा जिला के आवास व्यवस्था होये के बाद बैग ला रखेन अउ मुँहू हाथ धोके सीधा नाश्ता करे बर चल देन। नाश्ता के बाद जम्मो झन अपन अपन टेंट में व्यवस्थित होके नहा खोर के जेवन करेन अउ फेर थोरिक अराम करे के बाद कार्यक्रम के विधिवत शुरुवात करे बर उद्घाटन सत्र में nai साइट में जुरिया गेन । उद्घाटन सत्र के बाद परिचय सत्र होइस । छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, दुर्ग, कबीरधाम, राजनांदगांव, महासमुंद अउ जांजगीर चाँपा ल मिलाके कुल छह जिला अउ तमिलनाडु राज्य, बीएचयू के ट्रेनी अउ नालंदा सैनिक स्कूल बिहार ले एडवेंचर(साहसिक) कार्यक्रम में शामिल होय बर आये रिहिन । परिचय सत्र के बाद समूह फोटोग्राफी करे गिस । ओखर बाद चाय अउ फेर थोरिक आराम करे के बाद जेवन करें । तहाँ रतिहा म पहिलइया दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम सिंग सांग कार्यक्रम होइस । हमर जिला (बेमेतरा) ले अरपा पैरी के धार गीत में लइका मन बड़ सुग्घर प्रस्तुति दिन । सिंग सांग कार्यक्रम के बाद दुसरइया दिन के साहसिक (एडवेंचर)कार्यक्रम बर अलग अलग जिला ले पहुँचे जम्मो प्रतिभगी मन ला ४ समूह में बाँटे गिस सबो समूह बर मुख्यालय ले प्रभारी बनाये गिस हमर समूह तीसरा क्रम में रखे गिस अउ हमर समूह के प्रभारी श्री विवेक सर जी ला बनाये गिस हमर कार्यक्रम अनुसार दूसरइया दिन पर्वतारोहण के रिहीस । स्काउट गाइड के सबो कार्यक्रम अपन निर्धारित समय मा ही होथे रात 10 बजे तक ये सब बूता करे के बाद एन ए आई ले वापिस अपन टेंट मा सोए बर एन टी सी जाना रहिथे जेन 2 किलोमीटर दुरिहा पड़थे । कुछ लइका मन कहिथे कि येती ले एक ठन छोटे रस्ता घलो हे जेन आधाच किलोमीटर पड़ही । भइगे लइका मन सँग स्टाफ मन तको उही रस्ता ले जाय बर तैयार होगे । सब झन के उपस्थिति ले के बाद लइका मन ला लाइन लगाके छोटे रास्ता कोती निकाल देन । जेन देखे रिहिस तेन ला मोर संग आघू म रखे रेहेंव नोनी मन आघू म रिहिन उंखर संग आये मैडम मन घलो आघू म रिहिन एक स्टाफ अउ दु चार झन बड़े लइका मन पाछु म रिहिन । का रसता ओखर ले बने हमर पइडगरी होथे छोटे रास्ता के चक्कर मा हमन खाबा डिबा डबरा खोचका म पहुंच गेन चारो मुड़ा धुप्प अंधियार मोबाइल के टार्च के अँजोर कतेक दुरिहा जातिस हमन धीरे धीरे आघू बढ़त गेन । पाना पतउवा अइसने हवा म उड़य त डरडरावन लगय । तेमा कोलिहा के नरियई । जंगल के बीच में कोन जनि अउ का का जानवर होही इही सोच के जीव धुकुर पुकुर करे लागिस । अभी थोरके आघू बढ़े रेहेन पाना पतउवा म बीच ले सरसर ले निकलत एक ठन बिखहर सांप दिख गे । अब हाल ऐसे राहय की न तो लहुटत बनय अउ न तो आघू बढ़े के हिम्मत होवय तभो ऊपर वाले के बिनती बिनोवत धीरे धीरे आघू बढ़ेन । कोनो डर के मारे चिहुरे परय त कोनो हा दाई हा ददा करत आघू बढ़य । बहुत देर बाद रुख मन के बीच ले दुरिहा म अँजोर कस लागिस लइका मन बतइन की वो अँजोर दिखत हे तेने हा एनटीसी हरय । लेह देह करत हमन अपन अपन टेंट डहर गेन दूसर जिला के जम्मो झन मन अपन दल सहित पहुँच के टेंट मा आराम करत रहंय अउ हमन जल्दी पहुँचबो कइके छोटे रसता में निकल गेन त अउ देरी होगे। फेर कान पकड़ के पंचमढ़ी में राहत ले ओ रस्ता कोती निहार के नइ देखेन ।
सात दिन के पंचमढ़ी यात्रा के पहिलइया दिन लेह देह के पहइस...अभी तो अइसन कतकोन छोटे बड़े घटना होना रिहीस...
अभी अउ बाचे हे...
ईश्वर साहू 'आरुग'
बड़ दिन ले पंचमढ़ी जाये के मन होत रिहिस फेर स्कूल के बूता के मारे जाये के समय नहीं मिल पात रिहिस । एक दिन उदुप ले जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्काउट विभाग ले फोन आथे कि 80 झन स्काउट/गाइड, रोवर/रेंजर ला लेके चार झन स्टाफ ला 'पर्वतारोहण, व्यक्तित्व विकास एवं आपदा प्रबंधन शिविर' बर पंचमढ़ी जाना हे । आप कहूँ सहमति देहू ता आपके नाम के प्रस्ताव करे जाही । मोला तो जेन चाही रिहिस तेने मिलगे । मैं तुरते हामी भर देंव । येती मोर जी कुलकत रिहिस यात्रा तो कभू भी करे जा सकत हे फेर जतका नीक अभी के यात्रा म मिलही वोतका अकेल्ला दुकेल्ला जाय म नइ मिलय । अउ काहे गाड़ी मोटर म तो कोनो मेर घूम लेबे फेर पहाड़ मन मा रेंगत जाके प्रकृति ला एकदम तीर ले देखे के जउन मोर मन होवत रिहिस अउ जेन यात्रा के अनुमति घलो नइ मिलय तेन मा मोला जाना हे । मैं अपन जाय के तैयारी करे ल धर लेंव । पहाड़ी जघा हे त जाड़ घलो लगही त कम्बल, स्वेटर जइसे गरम कपड़ा पहाड़ी यात्रा बर पनही अउ सब जरूरत के सामान ला जोर जँगार के यात्रा के दिन अपन समान ला धर के अउ अपन स्कूल के लइका मन ला धरके जिला शिक्षा कार्यालय बेमेतरा पहुंच गेंव ।
उँहा जाके देखेंव त जम्मो लइका अउ स्टाफ दुनों पहुँच के हमरे मन के अगोरा करत रहंय । दुचार झन अउ लइका जिंखर गाँव रास्ता म पड़य तेन मन ला छोंड़ के जम्मो झन बेमेतरा म सकलागे रिहिन । जम्मो झन सकलागे रिहिन त एक-एक ठन बैग, टी-शर्ट अउ पानी के बोतल स्काउट विभाग बेमेतरा कोती ले जम्मो यात्री अउ स्टाफ ल भेंट करे गिस । जिलाशिक्षाधिकारी महोदय हा अपन आशीष अउ शुभकामना देंवत हरियर झंडा देखावत विदा करिस । रसता में जेन छूटे रिहिन तेन लइका मन ला धरत बेमेतरा ले दुर्ग हमन बस ले गेन । स्काउट गाइड के जम्मो लइका हाँसत कुलकत बस मा अंतक्षरी खेलत मगन होगे । घूमे बर जाय के जोश अलगे लगत रिहीस । हमन ५ बजे दुर्ग पहुंच गे रेहेंन । जम्मो झन लइका ला लाइन लगवाक़े उपस्थिति लेके कुछ जरूरी निर्देश अउ समझौति बात ल बता के सबो झन स्टेशन म प्रवेश करेन । ७ बजे हमर गाड़ी अवइया रिहिस गाड़ी अपन बेरा म स्टेशन पहुंच गे अउ हमन सबो झन ट्रैन में बइठ के अपन यात्रा शुरू कर देन ।सब झन बर सीट आरक्षित रिहिस त कोनो समस्या नइ होइस सब अपन अपन सीट म बेवस्थित होगीन । सब झन भूखागे रहंय अपन अपन टिफिन निकाल के जम्मो झन मिल बाँट के खइन तँहा कोनो गोठबात म रमगे, कतनो झन अंताक्षरी खेले बर भिंडगें त कतको झन थके मांदे रिहिन चुपचाप सुतगे अइसने रतिहा पहागे । बिहनिया ८ बजे हमन पिपरिया रेलवे स्टेशन पहुँच गेन । उँहा ले बस में पंचमढ़ी बर निकल गेन । पिपरिया ले पंचमढ़ी पहाड़ी रास्ता पड़थे उँहा के सुग्घर दर्शन पाके मन गदगद होगे । जइसे जइसे बस पिपरिया ले पंचमढ़ी के तीर पहुँचत गिस वइसने उँहा के पहाड़ी यात्रा के रोमांच मन में भरे ल लगिस। कतका बेर पहुँचबो ? कब साहसिक यात्रा म निकलबो ? का का देखे ल मिलही ? इही सब गुनत हमन सब पंचमढ़ी पहुंच गेन । पंचमढ़ी में पहुँच के अइसन लगय जइसे हमन धरती ले ऊपर कोनो अलग जघा पहुँच गे हन जिंहाँ प्रकृति ला छोड़ के अउ कुछु दिखय । आँखी उठा के जिंहाँ तक देखबे प्रकृति के सुग्घर दृश्य के छोड़ कुछु नइ दिखय अइसे लगय जइसे कोनो देवलोक म आगे हन । बड़े बड़े ऊँचहा पेड़ सागौन, नीलगीरी चीड़ के पेड़ चारो डहर हरियर हरियर । मैदानी प्रदेश में रहइया मनखे उदुप ले कहुँ पंचमढ़ी कस जघा म चल देथे त उँहा ले आये के मन नइ करय । अउ उँखर बर तो कतका घूम लँव ? कहाँ कहाँ चल दँव ? एखर छोंड़ कुछु अउ नइ दिखय । वइसे भी डोंगरी पहाड़ी के रास्ता अपन आप में खुदे रहस्य अउ रोमांच ले भरे रहिथे । जब हमन पंचमढ़ी के स्काउट गाइड के ntc नेशनल ट्रेनिंग सेंटर में पहुँचेम त विवेक सर ले भेंट होइस छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिला ले पंचमढ़ी पहुँचे स्काउट गाइड के आवास के बेवस्था उही मन देखत रिहिन । हमर बेमेतरा जिला के आवास व्यवस्था होये के बाद बैग ला रखेन अउ मुँहू हाथ धोके सीधा नाश्ता करे बर चल देन। नाश्ता के बाद जम्मो झन अपन अपन टेंट में व्यवस्थित होके नहा खोर के जेवन करेन अउ फेर थोरिक अराम करे के बाद कार्यक्रम के विधिवत शुरुवात करे बर उद्घाटन सत्र में nai साइट में जुरिया गेन । उद्घाटन सत्र के बाद परिचय सत्र होइस । छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, दुर्ग, कबीरधाम, राजनांदगांव, महासमुंद अउ जांजगीर चाँपा ल मिलाके कुल छह जिला अउ तमिलनाडु राज्य, बीएचयू के ट्रेनी अउ नालंदा सैनिक स्कूल बिहार ले एडवेंचर(साहसिक) कार्यक्रम में शामिल होय बर आये रिहिन । परिचय सत्र के बाद समूह फोटोग्राफी करे गिस । ओखर बाद चाय अउ फेर थोरिक आराम करे के बाद जेवन करें । तहाँ रतिहा म पहिलइया दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम सिंग सांग कार्यक्रम होइस । हमर जिला (बेमेतरा) ले अरपा पैरी के धार गीत में लइका मन बड़ सुग्घर प्रस्तुति दिन । सिंग सांग कार्यक्रम के बाद दुसरइया दिन के साहसिक (एडवेंचर)कार्यक्रम बर अलग अलग जिला ले पहुँचे जम्मो प्रतिभगी मन ला ४ समूह में बाँटे गिस सबो समूह बर मुख्यालय ले प्रभारी बनाये गिस हमर समूह तीसरा क्रम में रखे गिस अउ हमर समूह के प्रभारी श्री विवेक सर जी ला बनाये गिस हमर कार्यक्रम अनुसार दूसरइया दिन पर्वतारोहण के रिहीस । स्काउट गाइड के सबो कार्यक्रम अपन निर्धारित समय मा ही होथे रात 10 बजे तक ये सब बूता करे के बाद एन ए आई ले वापिस अपन टेंट मा सोए बर एन टी सी जाना रहिथे जेन 2 किलोमीटर दुरिहा पड़थे । कुछ लइका मन कहिथे कि येती ले एक ठन छोटे रस्ता घलो हे जेन आधाच किलोमीटर पड़ही । भइगे लइका मन सँग स्टाफ मन तको उही रस्ता ले जाय बर तैयार होगे । सब झन के उपस्थिति ले के बाद लइका मन ला लाइन लगाके छोटे रास्ता कोती निकाल देन । जेन देखे रिहिस तेन ला मोर संग आघू म रखे रेहेंव नोनी मन आघू म रिहिन उंखर संग आये मैडम मन घलो आघू म रिहिन एक स्टाफ अउ दु चार झन बड़े लइका मन पाछु म रिहिन । का रसता ओखर ले बने हमर पइडगरी होथे छोटे रास्ता के चक्कर मा हमन खाबा डिबा डबरा खोचका म पहुंच गेन चारो मुड़ा धुप्प अंधियार मोबाइल के टार्च के अँजोर कतेक दुरिहा जातिस हमन धीरे धीरे आघू बढ़त गेन । पाना पतउवा अइसने हवा म उड़य त डरडरावन लगय । तेमा कोलिहा के नरियई । जंगल के बीच में कोन जनि अउ का का जानवर होही इही सोच के जीव धुकुर पुकुर करे लागिस । अभी थोरके आघू बढ़े रेहेन पाना पतउवा म बीच ले सरसर ले निकलत एक ठन बिखहर सांप दिख गे । अब हाल ऐसे राहय की न तो लहुटत बनय अउ न तो आघू बढ़े के हिम्मत होवय तभो ऊपर वाले के बिनती बिनोवत धीरे धीरे आघू बढ़ेन । कोनो डर के मारे चिहुरे परय त कोनो हा दाई हा ददा करत आघू बढ़य । बहुत देर बाद रुख मन के बीच ले दुरिहा म अँजोर कस लागिस लइका मन बतइन की वो अँजोर दिखत हे तेने हा एनटीसी हरय । लेह देह करत हमन अपन अपन टेंट डहर गेन दूसर जिला के जम्मो झन मन अपन दल सहित पहुँच के टेंट मा आराम करत रहंय अउ हमन जल्दी पहुँचबो कइके छोटे रसता में निकल गेन त अउ देरी होगे। फेर कान पकड़ के पंचमढ़ी में राहत ले ओ रस्ता कोती निहार के नइ देखेन ।
सात दिन के पंचमढ़ी यात्रा के पहिलइया दिन लेह देह के पहइस...अभी तो अइसन कतकोन छोटे बड़े घटना होना रिहीस...
अभी अउ बाचे हे...
ईश्वर साहू 'आरुग'
सुग्घर यात्रा संस्मरण सर जी
ReplyDelete