*छत्तीसगढ़ी रंगमंच के अद्वितीय कलाकार श्री शिवकुमार "दीपक" ला अश्रुपूरित श्रद्धांजलि……*
वारे मोर पंडकी मैना, तोर कजरेरी नैना
मिरगिन कस रेंगना तोर नैना
मारे वो चोखी बान, हाय रे तोर नैना
दाऊ रामचंद्र देशमुख कृत चंदैनी गोंदा के एक दृश्य मा छत्तीसगढ़ के एक नवा-नवा बिहाव होय युवा सैनिक "शिव", देश के सुरक्षा बर सीमा मा तैनात हे। उहाँ ओला अपन सुवारी के चिट्ठी मिलथे जेकर शब्द-शब्द मा ओकरे सूरत दिखत हे अउ वो कुछ छिन बर ओकर सुरता मा खो गेहे। बैक ग्राउंड मा लक्ष्मण मस्तुरिया के भावपूर्ण आवाज मा उँकरे लिखे एक गीत बजत हे - वा रे मोर पंडकी मैना…..बिरह- रस पागे ए सिंगार गीत मा जनमानस संवेदित हो उठे हे।
चंदैनी गोंदा का दूसर दृश्य - खलिहान मा आए फसल ला महाजन बोरी मा भर के ले जात हे। युवा "शिव" ह आक्रोशित होके साहूकार के नरी मा "कलारी" ला फँसा देहे। दुखित ओला अइसन करे ले रोकत हे। बहुत मुश्किल मा "शिव" अपन आक्रोश उपर काबू पाथे। फेर पार्श्व ले लक्ष्मण मस्तुरिया के स्वर मा आक्रोश, गीत बन के फूटत हे - जुच्छा गरजै म बने नहीं, अब गरज के बरसे बर परही। चमचम चमकै मा बने नहीं, बन गाज गिरे बर अब परही। जनमानस के मन मा घलो शोषक के प्रति आक्रोश आंदोलित होवत हे।
चंदैनी गोंदा का तीसर दृश्य - शिव कुमार दीपक अपन मोनो प्ले “हरितक्रान्ति बाई” मा नारी के वेशभूषा मा हरितक्रांति के भूमिका निभावत हें। हास्य के संगेसंग व्यंग्य के बान घलो चलत हे। जनमानस हाँस-हाँस के लोटपोट होवत हे।
तीनों दृश्य मा - नायिका के सुरता मा डूबे सैनिक शिव, साहूकार बर आक्रोशित जवान शिव अउ महिला पात्र के भूमिका मा हरितक्रान्ति बाई, अउ कोनो नइ हम सबके दुलरुवा कलाकार शिव कुमार दीपकेच आँय जउन मन महिला-पात्र के भूमिका तको ला बखूबी निभावत हें ।
आज ले करीब 91 बछर पहिली दुर्ग जिला के नानकुन गाँव पोटियाकला मा जन्मे लइका के नाम शिवकुमार साव रहिस। आप मन ला शिव कुमार साव एक अनचिन्हार नाम लगत होही, शिव कुमार "दीपक" कहूँ त झटकुन चीन्ह लेहू। असल मा "शिवकुमार साव" अउ शिव कुमार "दीपक" एक्के मनखे के नाम आँय। शिव कुमार जी के प्राथमिक शिक्षा बैथर्स्ट प्राथमिक शाला, गंजपारा दुर्ग मा होइस। उन मन अध्यापक एवं जनकवि कोदूराम “दलित” के वे शिष्य रहिन। शाला के अनेक सांस्कृतिक समारोह मन मा दलित जी, लइका मन ला बाल-नाटक मन मा अभिनय करात रहिन। छात्र शिव कुमार घलो उन नाटक मन मा अभिनय करत रहिन।
नान्हें-पन मा भाग-भाग के, लुका-लुका के नाचा और लीला देखे के शउँक लइका शिवकुमार के नैसर्गिक प्रतिभा बर खातू के काम करत रहिस अउ मात्र 22 बछर के उमर मा उन नागपुर मा आयोजित "अखिल भारतीय युवक महोत्सव" मा जीवन-पुष्प (मोनो प्ले) मा श्रेष्ठ अभिनय करे बर देश के प्रहिली प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू जी के करकमल ले सम्मानित होइन। इही महोत्सव मा पं. जवाहरलाल नेहरू जी, शिव कुमार ला "दीपक" उपनाम दिन अउ वो दिन ले शिवकुमार साव हर शिवकुमार "दीपक" बन गिन।
शिवकुमार "दीपक" द्वारा रचित अउ अभिनीत मोनो प्ले - जीवन-पुष्प, हरितक्रान्ति, सौत झगरा, छत्तीसगढ़ महतारी, छत्तीसगढ़ रेजीमेंट, बीस सूत्री, लमसेना, चक्कर भिलाई का, आदि देखइया मन के सिर चढ़ के बोलन लगिस। उँकर लोकप्रियता अउ अभिनय क्षमता के कारण 1965 मा उन मन ला पहिली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म कहि देबे संदेश मा महत्वपूर्ण भूमिका मिलिस। एकर बाद वोमन छत्तीसगढ़ी फ़िल्म घर-द्वार मा अभिनय करिन। इन दुनों फिल्म के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्मी जगत मा करीब 30 बछर के लंबा सन्नाटा रहिस, फेर अनेक लोककला मंच मा दीपक जी के अभिनय साधना सरलग चलत रहिस।
छत्तीसगढ़ राज्य बने के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म के निर्माण हर जोर पकड़िस अउ दीपक जी मोर छैंया भुइयाँ, मया देदे-मया ले ले, परदेसी के मया, तोर मया के मारे, कारी, टूरी नंबर 1, लेड़गा नंबर 1, दो लफाड़ू, टेटकुराम, मयारू भौजी, तीजा के लुगरा, ये है राम कहानी, तहूँ दीवाना, धरती मइया, मितान 420, धुरंधर, सोन चिरइया, बाँटा, सलाम छत्तीसगढ़, भोला छत्तीसगढ़िया आदि करीब 50 छत्तीसगढ़ी फिल्म मन मा अभिनय करिन।
छत्तीसगढ़ी के अलावा उन मन मालवी भाषा के फ़िल्म मादवा माता, भोजपुरी फ़िल्म सीता अउ गाँव आजा परदेसी, हिन्दी फीचर फिल्म हल और बंदूक अउ सौभाग्यवती मा अपन अभिनय के लोहा मनवाइन। आप मन ला ए जान के अचरिज होही कि शिवकुमार दीपक जी, अफगानी फ़िल्म मा घलो महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर चुके हें। करीब 50 फीचर फिल्म के अलावा उन मन 25 ले आगर वीडियो फिल्म मा तको सशक्त अभिनय अभिनय करिन हें।
अतिक ज्यादा फिल्म मा अभिनय करे के बावजूद शिव कुमार "दीपक" जी मूलतः लोक कलाकार आँय। उन मन सन् 1971 ले सरलग एक दशक तक दाऊ रामचंद्र देशमुख कृत चंदैनी गोंदा मा पात्र शिव के बहुते महत्वपूर्ण भूमिका अदा करिन। चंदैनी गोंदा मा उनमन हरितक्रान्ति बाई के रूप धर के नारी पात्र के भूमिका घलो करिन। इही दशक मा दीपक जी आने-आने महत्वपूर्ण लोककला मंच सोनहा बिहान, लोरिक चन्दा और हरेली आदि मा तको अपन उत्कृष्ट अभिनय के कारण जनमानस के अपार मया-दुलार पाइन।
शिव कुमार दीपक जी ला उँकर बेहतरीन अभिनय बर अनेक संस्था मन सम्मानित करे हवँय। विशेष उल्लेखनीय सम्मान मन मा दीपक जी 5 पइत "लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड" ले सम्मानित होइन हें। बछर 2020 मा छत्तीसगढ़ शासन उन मन ला, छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण के अंतर्गत दाऊ मंदराजी राजकीय सम्मान ले सम्मानित करिस हे। मोला अचरिज होथे कि सरलग सात दशक ले अभिनय के मैराथन मा सक्रिय रहइया इन महान अभिनेता ला "पद्म-पुरस्कार" ले सम्मानित करे के बारे मा ककरो ध्यान काबर नइ गिस ? का स्वाभिमानी होना, पद्म-पुरस्कार बर कोनो किसम के अयोग्यता आय? अइसन सवाल के उठना स्वाभाविक हे।
काली शिवकुमार दीपक जी के स्वर्गवास 91 बछर के उमर मा होगे। आज उनकर अंतिम संस्कार उनकर गृह-ग्राम पोटियाकला मा सम्पन्न होही। । माटी के चोला, माटी मा मिल जाथे फेर कला-जगत मा शिवकुमार के कला के दीपक सदा दिन अँजोर बगरावत नवा कलाकार मन ला रद्दा देखावत रही। छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर परिवार डहर ले मँय महान कलाकार शिव कुमार दीपक जी ला अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करत हँव।
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अरुण कुमार निगम
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