19 जुलाई - 124 वीं जयंती म विशेष
आजादी अउ छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के सिपाही - डा. खूबचंद बघेल
हमर छत्तीसगढ धान के कटोरा कहे जाथे। इहां ऋषि अउ कृषि संस्कृति के दर्शन होथे। इहां के रहवासी मन के सिधवापन जगजाहिर हे। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया नारा इहां के मनखे मन के भोलापन बर कहे गे हावय। इही सिधवापन के खातिर इहां के रहवासी मन के अब्बड़ शोषण घलो होय हे अउ आजो घलो होथे।आजो इहां बाहरी मनखे मन के दबदबा देखे ल मिलथे। इहां के रहवासी मन ल शोषण ले बचाय खातिर हमर छत्तीसगढ म अइसे माटी पुत्र जनम ले हावय जेमन न सिरिफ आजादी के लड़ाई म बढ़ चढ़ के भाग लिस बल्कि किसान, मजदूर मन के दसा सुधारे बर अपन सुख सुविधा ल तियाग करके जोम देके लड़िन। छत्तीसगढ़ के अइसने रतन बेटा मन म शहीद गेंद सिंह, हनुमान सिंह,वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधुर,पं. सुंदर लाल शर्मा, ठाकुर प्यारेलाल लाल सिंह, स्वामी आत्मानंद,पं. रविशंकर शुक्ल,वामन राव लाखे, माधव राव सप्रे,बैरिस्टर छेदी लाल, कुंज बिहारी चौबे, वीर बालिका दयावती,शहीद रामाधीन गोंड, मिनीमाता, अउ खूबचंद बघेल के नांव अव्वल हे।
आजादी के सेनानी, साहित्यकार, राजनीतिज्ञ अउ छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के सिपाही डा.खूबचंद बघेल के जनम किसान परिवार म 19 जुलाई सन् 1900 म होइस। उंकर पिता के नांव जुड़ावन प्रसाद अउ महतारी के नांवि केकती बाई रिहिस। प्राइमरी स्कूल के पढ़ाई गांव म अउ हायर सेकंडरी स्कूल के पढ़ाई रायपुर म होइस। बालक खूबचंद होनहार लइका रिहिन। वोला पढ़ाई म छात्रवृत्ति मिलय। वोकर मन म देशप्रेम के भावना जागृत होइस।बछर 1917 म लोकमान्य बालगंगाधर तिलक रायपुर ले गुजरत आगू बढ़िन त उंकर सुवागत बर बालक खूबचंद घलो पहुंच गिस।
खूबचंद नागपुर मेडिकल कॉलेज म एल. एम. पी. के पढ़ाई करे लागिस। वोहर तिलक अउ गांधी जी ल अब्बड़ प्रभावित रिहिन।
आजादी के लड़ाई म भागीदारी
वोहर बछर 1920 के असहयोग आंदोलन म भाग लिस। गांधी के आह्वान म खूबचंद ह पढ़ाई छोड़ दिस। येकर ले उंकर माता - पिता चिंता म पड़गे। पिताजी के समझाय के बाद खूबचंद अपन पढ़ाई पूरा करे बर फेर नागपुर गिस।इही बीच उहां झंडा सत्याग्रह सुरु होगे वोमा घलो भाग लिस। आजादी के लड़ाई म भाग लेत- लेत खूबचंद एल. एम.पी. परीक्षा पवसर करके डाक्टर बनगे। नागपुर म वोला नौकरी मिलगे।
बछर 1930 म गांधी जी नमक सत्याग्रह सुरु करिन। येकर असर छत्तीसगढ़ म घलो पड़िस।इही बीच खूबचंद नौकरी छोड़के अपन कर्मभूमि छत्तीसगढ़ आगे अउ विदेशी जिनीस के बहिष्कार अउ शराबबंदी के आंदोलन म भाग लिस। बछर 1930 म अंग्रेज सरकार ह खूबचंद ल जेल म डाल दिस। जनवरी 1932 म ठाकुर प्यारेलाल लाल सिंह ह लोगन मन ले आहृवान करिन कि अंग्रेज सरकार ल टैक्स देना बंद कर देय।15 फरवरी 1932 म खूबचंद बघेल ह सत्याग्रह करिन त गिरफ्तार कर ले गिस अउ वोला छै माह के कठोर सजा देय गिस। अंग्रेज सरकार ह उंकर महतारी अउ पत्नी ल घलो सत्याग्रह के आरोप म जेल म डाल दिस।
अछूतोद्धार के काम
खूबचंद बघेल हिजाति -पाति अउ भेदभाव के अब्बड़ विरोध करिस । चंदखुरी गांव म अछूतोद्धार के काम अनन्त बर्छिया ह करिन त पंचइत के बइठका म उंकर पवनी पसारी बंद कर दे गिस। ये घटना ले खूबचंद बघेल ल नंगत पीरा पहुंचिस अउ समाज सुधार खातिर बीड़ा उठा लिस। अछूतोद्धार खातिर वोहा " ऊंच - नीच" नांव ले एकठन नाटक लिखिस अउ ये नाटक ल चंदखुरी गांव म ही खेले गिस। ये नाटक ल देख के गांव वाले मन के हिरदे परिवर्तन होइस अउ अनन्त बर्छिया ल उंकर सनमान वापिस मिलगे।
बछर 1942 म गांधी जी ह भारत छोड़ो आंदोलन के घोषणा करिस। खूबचंद ह आंदोलन म भाग लिस अउ 21अगस्त 1942 म गिरफ्तार कर ले गिस। ढाई बछर बाद वोहा जेल ले छूटिस।
बछर 1946 म डा. बघेल विधानसभा के सदस्य चुने गिस। समाज सेवा बर मंत्रिमंडल ले स्तीफा दे दिस।वोहर कुर्मी समाज म क्रांतिकारी बदलाव लाइस।
बछर 1950 म राष्ट्रीय स्तर पर आचार्य कृपलानी ह किसान मजदूर प्रजा पार्टी बनाइस। कृपलानी कांग्रेस घलो छोड़ दिस। येकर ले प्रभावित होके ठाकुर प्यारेलाल लाल सिंह के अगुवाई म राज्य स्तर म किसान मजदूर प्रजा पार्टी के गठन करिन।येमा खूबचंद बघेल ह खास भूमिका निभाइस। 17 मई1951 म आचार्य कृपलानी रायपुर आके एक बड़का जन सभा ल संबोधित करिन। इहां वोहा बताइस कि वोहा कांग्रेस ल छोड़ के एकठन नवा दल महाकौशल संयोजक समिति बनाय जाथे। येकर ले प्रेरित होके ठाकुर प्यारेलाल सिंह अउ खूबचंद बघेल ह घलो कांग्रेस ले स्तीफा दे दिस। दूनों ल महाकौशल संयोजक समिति के सदस्य बनाय गिस।
विधायक अउ राज्यसभा सदस्य बनिस
डा. खूबचंद बघेल अपन सक्रियता अउ समाज सेवा के चलते जनता के बीच म अब्बड़ लोकप्रिय रिहिन। येकरे सेति वोहर 1951, 1957 अउ 1962 म विधायक बने के संगे संग 1967 म राज्यसभा सदस्य चुने गिस।
छत्तीसगढ़ महासभा के गठन
28 जनवरी 1956 म डा. खूबचंद बघेल ह राजनांदगांव म छत्तीसगढ़ महासभा के गठन करिस । येकर आयोजक दाऊ भूषण दास अउ दशरथ लाल चौबे रिहिन। छत्तीसगढ़ महासभा के माध्यम ले खूबचंद बघेल ह अब्बड़ अकन काम
करिस। किसान मन के उपज के कीमत बढ़ाय बर आंदोलन करिस। समाज सुधार के काम म घलो अब्बड़
मिहनत करिस।
पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के मांग
डा. खूबचंद बघेल के मानना रिहिन कि जिहां शोषण, अन्याय अउ दमन हे उहां सुराज आ ही नइ सकय। अउ हमर छत्तीसगढ म अइसने होवत हे। फेर 1957 म बालोद म आयोजित किसान मजदूर प्रजा पार्टी के बड़का जन सभा म पृथक छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पारित करवाइस।अब डा. बघेल ह अपन पूरा ताकत पृथक छत्तीसगढ़ निर्माण बर लगा दिस।
डा. बघेल ह 25 सितंबर 1967 म छत्तीसगढ़ ल दुबारा संगठित करे बर बैठक बुलाइस। येमा 500 लोगन मन सामिल होइस। इहां महासभा के नवा नांव" छत्तीसगढ़ भातृ संघ" करे गिस। ये संघ के माध्यम ले डा. बघेल ह सबो शासकीय अउ गैर शासकीय उद्योग अउ संस्थान मन म स्थानीय लोगन मन ल नौकरी म प्राथमिक देय के मांग करिस।
डा. बघेल ह साहित्य सृजन,लोक मंचीय प्रस्तुति अउ बोल चाल म छत्तीसगढ़ी के पक्षधर रिहिन। वोहर खुद छत्तीसगढ़ी म ऊंच नीच,करम छंड़हा जइसे कालजयी नाटक लिख के लोगन मन म जागरण के भाव पइदा करिन। समाज सेवा, राजनीति अउ साहित्य सृजन के माध्यम ले छत्तीसगढ़िया मन के स्वाभिमान ल जगाय खातिर अपन पूरा ताकत लगा दिस। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के मांग करिन फलस्वरूप आगू जाके येहा 1 नवंबर सन् 2000 म साकार होइस। छत्तीसगढ़ के ये रतन बेटा ह 22 फरवरी 1969 म दिल्ली म अपन नश्वर सरीर ल छोड़ के सरगवासी बनगे। छत्तीसगढ़ शासन ह उंकर स्मृति म खूबचंद बघेल सम्मान स्थापित करे हे जउन ह खेती किसानी क्षेत्र म महत्व, उपलब्धि अउ अनुसंधान ल प्रोत्साहित करे बर देय जाथे।
- ओमप्रकाश साहू अंकुर
सुरगी, राजनांदगांव
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