Thursday, 20 July 2023

पत्र लेखन

 पत्र लेखन



         मां भानेश्वरी की जय


                                शुभ स्थान


                                   सुरगी


                          तारीख - ११-०७-२०२३( सावन -०९,अंधियारी /नवमी )


    मयारुक मितान शिवप्रसाद( नारायणपुर)

                                 जय जोहार


   लिखना समाचार मालूम हो कि मंय हा मां भानेश्वरी के कृपा ले बने हंव. मोर घर परिवार मा सब बने-बने हे. आप मन हा घलो माता दंतेश्वरी के कृपा ले बने-बने होहू. अइसे मोला विश्वास हे. काका-काकी के तबियत कइसे हे. मोर तरफ ले सादर प्रणाम कहिहू. 

मितानिन अउ बाल- गोपाल मन ला मोर डहर ले आशीर्वाद पहुंचे. 


    हमर डहर २६ जून के बरखा रानी हा अपन मया ला बगरइस. फेर लगातार जमगरहा  पानी गिरिस. येकर ले पहिली गरमी के मारे हलाकान होगे रेहेन.  बरखा रानी के कृपा ले सब जीव-  जंतु के जी जुड़ाइस .किसान मन ला बरखा ले अब्बड़ आस रीहिस हे. पर शुरूच मा जमगरहा पानी गिरगे मितान.येकर सेति धान बोवाई हा  एक हफ्ता ले  रुकगे रीहिस हे. फेर मौसम साफ होइस ता बावत हा चालू होइस. तंय हा तो जानथस मितान आजकल नांगर - बईला हा नंदावत जावत हे. खेत डहर जाबे ता ट्रेक्टर ले जुताई जादा नजर आथे. तो -तो,ओहो -ओहो करत नांगर चलइया एक्का -दुक्का दिख गे ते अहो भाग्य हे. कइसे करबे जमाना के संग बदले ला पड़थे. अउ आजकल ट्रेक्टर समय के मांग होगे हावय. येमा काम जल्दी होथे. अब छुट- पुट किसान मन करा बईला - भईंसा हा दिखथे मितान. ऊंकर मन के काम घलो अब नइ रहिगे हावय. ऊंकर काम ला अब ट्रेक्टर, मेटाडोर, जेसीबी,हाईवा, हार्वेस्टर मन हा कर देवत हे. अइसन स्थित मा किसान मन ला बईला - भईंसा रखइ हा हाथी पाले जइसे लागथे. तेकर सेति अब गांव डहर घलो नांगर -बईला अउ बईला -गाड़ी हा नोहर होत जावत हे. 


  हमर कोति सावन मा मौसम हा गजब सुग्घर लागत हे मितान. रूख -राई के हरियर हरियर पाना -पत्ता , धरती दाई के हरियर पहनावा ला देखके अउ कोइली रानी के कुहू -कुहू के मधुर आवाज ला सुनके हमर मन हा मयूर कस नाचे ला लागथे. मेंचका,गिंधोल,झिंगरा के नरियइ सुने ला मिलथे ता गौठान डहर ले सुग्घर राऊत के बांसुरी के आवाज अउ  गउ माता मन के घंटी - घुम्मर ला सुनके हमर गांव हा सरग जइसे लागथे. 


किसान -बनिहार मन खेती किसानी मा रमे हावय. काम करत वोमन किसिम किसिम के कहानी - किस्सा, हाना, जनउला,पंथी, करमा,सुआ,ददरिया ,दोहा सुनावत हे. अउ कुछु नइ सुनात हे तेमन ला नरियर मंगावत हे. कोसा के साड़ी,सोन के नथनी, ले शुरू होगे मया के कहानी ला मगन होके गावाथे अउ  खाय के बेरा होइस तहां रोटी -पीठा ,अउ भात-  साग ला मिल -जुल के सुग्घर खावत हे.

    खावत - खावत साग के बात निकल गे ता अपन तरवा ला धरके मंहगाई के मार ला बतावत हे. आजकल साग हा कइसे नइ मिठावत हे बहिनी. ता कहिथे का कहिबे  बहिनी ये बंगाला के भाव हा अब्बड़ बाढ़ गेहे ना !  देख तो येकर भाव ला .  छांटबे ता एक सौ बीस अउ बिना छांटे एक सौ रुपया.  ऊपर ले घरवाला अउ लोग लईका मन ला सलाद के चसका होगे हावय. ले देके मनाथंव . केहे ला पड़ जावत हे कि जब सलाद खाहू ता साग ला बिना बंगाला के रांधहू.  नइ ते अब तुही मन बाजार जाहू. ता ये प्रकार ले देखथन मितान ता बंगाला हा घर -घर मा झगड़ा मता दे हावय. अइसने आने सब्जी मन के भाव हा घलो चढ़गे हावय. बंगाला अउ सब्जी मन के भाव ला सुनके  दिमाग हा चढ़ जाथे!एक दू ठक सब्जी मन के छोड़ सब हा शतक जमावत हे. सब्जी मन के रेट ला सुनके

ग्राहक मन के दिमाग चकरावत हे!


 अउ तुंहर नारायणपुर डहर मौसम अउ बाजार के का हाल -चाल हे मितान . तुंहर स्कूल के काम -काज हा कइसे चलत हे. अब नारायणपुर मा स्थिति कइसे हे?  नारायणपुर मा हस ता उंहा के बाजार, मेला अउ आदिवासी मन के रहन -सहन, रीति-रिवाज , संस्कृति, संस्कार उपर घलो कलम चलाहू.  उहां के साहित्यकार मन ले मेल -जोल  बढ़ा के उंहचो साहित्य के अलख जगाहू . अइसे मोला पूरा विश्वास हे. 

   तंय हा मोला नारायणपुर अब्बड़ बुलाथस. समय मिलही ता जरुर आहूं. 

ये चिट्ठी ला पाके आप मन हा जरूर  अपन मन के बात ला पठोहू. मंय हा चिट्ठी के अगोरा करहू. अउ कत्तिक लिखंव मितान. आप मन हा तो खुद समझदार हौ. अब ले इही करा मोर लेखनी ला बिराम देवत हंव. 


                               तोर मितान


                ओमप्रकाश साहू "अंकुर"


                

     

         


प्रति,

        शिव प्रसाद लहरे

        बाजार चौक के पास,

    नारायणपुर

जिला - नारायणपुर

 ( छत्तीसगढ़)



प्रेषक -


   ओमप्रकाश साहू अंकुर

   साकेत भवन के पास,

गांव अउ पोस्ट - सुरगी

तहसील अउ जिला - राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़)

मोबाइल - ७९७४६६६८४०

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