भाव पल्लवन--
पानी बरसे आधा पूस, आधा गहूँ आधा भूँस।
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उचित समय मा कोनो काम नइ होये ले भारी नुकसान उठाये ला परथे ।मनखे के जिनगी के हर क्षेत्र मा येला भँजा के देखे जा सकथे।चाहे पढ़ई-लिखई होवय चाहे व्यवसाय होवय या नौकरी-चाकरी होवय या फेर खेती किसानी होवय।
खेती-किसानी के काम ला तो बड़ चेतलग होके करे ला परथे। बोंवइई-बतरई,खातू-माटी, निंदई-गुड़ई ,दवई-पानी ,सिंचाई आदि ला उचित समय मा नइ करे ले उत्पादन तो घटबे करथे ,कभू-कभू फसल चौंपट तको हो जथे।जइसे के पूस के महिना के लगती मा गहूँ हा पोटिरियाके कंसा आये ला धरथे।ये समय फसल ला पानी के खच्चित जरूरत होथे। पानी चाहे सिंचाई के साधन ले मिलै चाहे बादर ले बरस के मिलै। गँहू ला देरी मा पानी मिले ले बने दाना नइ परै।गहूँ के बाली मा ढंग ले दूध नइ भरावै अउ वो आधा ले जादा भूँसा जइसे पोचवा हो जथे। ये समय बुलके के पाछू आधा पूस मा बरसा होये के कोनो फायदा नइ मिलय उल्टा चना,बटरी ,तिंवरा आदि उन्हारी के फसल मन ला नुकसान होये के खतरा हो जथे।
काम समय मा होथे तभे वोकर भरपूर लाभ मिलथे।चाहे कोनो सेवा-सहायता के बुता होवय उचित समय मा होना चाही फेर जादातर अइसे देखे मा आथे के वइसन नइ होवय। जइसे के सेवा- सहायता ले दे बर बहुत कस सरकारी हेल्प लाइन नंबर हें जइसे 102,104,112 आदि ।भुक्तभोगी मन बताथें के ये मन मा डायल करे मा सहीं समय मा इम्बुलैंस पहुँचगे त तो वहा-वहा नहीं ते कोनो न कोनो कारण से देरीच मा पहुँचथे नहीं ते पहुँचबे नइ करैं। मरीज के जीव छूटगे त दवई के का काम?
सहायता करइया भर हा दोषी होथे --अइसे नइये। भुक्तभोगी मन तकों अज्ञानता के कारण सहीं बेरा मा सहायता नइ ले पाँवय। ए टी एम फ्राड, बैंक धोखाधडी मा ए टी एम कार्ड ला तुरते ब्लाक करवाके पुलिस, बैंक ला सूचित करे बर लागथे तभे उचित ढंग ले सहायता मिल पाथे।
चोवा राम वर्मा 'बादल'
हथबंद, छत्तीसगढ़
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