Thursday, 20 July 2023

पल्लवन डारा ले चूके बेंदरा अउ आषाढ़ ले चूके किसान

 पल्लवन 


    डारा ले चूके बेंदरा अउ आषाढ़ ले चूके किसान 


  कोनो भी काम ला सही समय मा करे ले बने होथे. येमा लापरवाही करे ले अब्बड़ नुकसान उठाय ला पड़थे. येहा जिनगी सबो क्षेत्र मा लागू होथे. पढ़इया लइका मन सही समय म मिहनत नइ कर पाय ता पढई मा पछुवा जाथे. खेलकूद मा आगू बढ़ना हे ता सरलग पसीना बहाय ला पड़थे. नि ते अपन लक्ष्य ले भटक जाथे. जइसे खेती किसान मा आषाढ़ के गजब महत्व हे. आषाढ़ मा धान बोये ले बने ढंग के फसल होथे. ये महीना मा धान नइ बोवा पाये ता फसल तइयार होय मा नंगत तकलीफ होथे. फसल कमजोरहा हो जाथे अउ साल भर अब्बड़ परेशानी ला झेले ला पड़थे. कहने का मतलब ये हे कि एक किसान ला आषाढ़ मा ही धान बोवाई कर लेना चाही.येकर ले फसल बने होथे. अइसने  

बेंदरा जब रूख मा चढ़त बेरा डारा ला पकड़े ले चूक जाथे ता वोला चोट पहुंचे के डर बने रहिथे. सार बात ये हे कि कोनो भी काम ला सही बेरा मा करे ले काम हा सधथे अउ ढेरियाय ले नंगत नुकसान होथे. 


जइसे फुटबॉल,हाकी मा सही समय मा गोल करय ले खिलाड़ी चूक जाथे ता कत्तिक पछतावा होथे. क्रिकेट मा बैटिंग करत बेरा गेंदबाज के गेंद ला नइ

समझ पायेस ता आउट होय के डर बने रहिथे. जल्दी गेंद ला समझ के रोकना,मारे के निर्णय लेय ला पड़थे.  कैच लेय बर चूकगे ता मैच के परिणाम बदल जाथे.

दफ्तर मा सही समय मा नइ पहुंचेस अउ अधिकारी पहुंच गे ता कारण बताओ नोटिस अउ निलंबन जइसे गाज गिर जाथे. 

कोनो बड़का पहुना आय हे अउ फोटो ग्राफर हा सही समय मा फोटो नइ खींच पाइस ता वोला अब्बड़ अखरथे. कोनो कार्यक्रम मा सम्मान होथे अउ फोटो नइ खींचा पाइस ता कत्तिक खलथे. वो खिलाड़ी ला जीवन भर कत्तिक पछतावा होत होही जेमन कुछ सेकंड बर दौड़ मा पदक जीते अउ इतिहास रचय बर चूक जाथे. वोकर चूकइ हा  देशवासी मन ला घलो अब्बड़ अखरथे. वो नेता के दरद ला समझ सकथव जउन हा टिकट ले चूक जाथे. वो नेता ला कत्तिक तकलीफ होथे जेहा चुनाव मा कुछ वोट ले हार जाथे. स्टे लगवाथे ता निर्णय आत ले पांच बछर गुजर जाथे तब तक जितइया के कार्यकाल पूरा हो जाथे अउ हारे नेता के सपना हा सपना बन के रहि जाथे.  मुख्यमंत्री अउ प्रधानमंत्री बने ले चूकइया मन के पीरा  ला आप सब बखूबी समझ सकथव. 


वो बेरोजगार मन के दरद ला जान सकथव जिंकर नौकरी के अगोरा करत उमर निकलगे.  पुलिस अउ सेना के भरती मा कहूं सही समय मा अपन छाती ला बने नइ फुला पाइस ता शुरूच मा चूकगे. पक्की सड़क मा सांप नाहकत रहिथे अउ चार पहिया वाहन आगे ता कुचला के मर जाथे अउ ये प्रकार ले सांप अपन जिनगी ले चूक जाथे. 


बिहाव मा गोधूलि बेरा के महत्व हा अब नंदात जावत हे. अउ दिखावा के चक्कर मा बिहाव करइया मन ये बेरा ले चूकत जावत हे. . ता ये प्रकार ले हमन देखथन कि सही बेरा मा अपन कारज नइ करे ले या चूके ले नंगत नुकसान उठाय ला पड़थे. येकरे सेति कहिथे हमर सियान-  " डारा ले चूके बेंदरा अउ आषाढ़ ले चूके किसान".



     -  ओमप्रकाश साहू अंकुर


        सुरगी, राजनांदगांव


  मो.७९७४६६६८४०

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