*भाव पल्लवन*
बीमारी के जर खोखी,झगरा के जर ओखी
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बारंबार खोखी मतलब खाँसी आना या फेर उल्टी होना ला तको कोनो ना कोनो बीमारी पैदा होये के जर अर्थात एकर ले कोनो बड़े बीमारी पैदा होये के कारण माने जाथे।खाँसी ला अलवा-जलवा नइ समझना चाही भलुक जल्दी चेत करके ईलाज करवाना चाही।एकर ठीक नइ होये ले गला, फेफड़ा अउ छाती के बड़े-बड़े रोग हो जथे। निमोनिया टी० बी० जइसे जीव लेवा रोग राई के पता इही खाँसी ले चलथे।
जइसे बीमारी के जर खोखी होथे ठीक ओइसनहे बहुत अकन झगरा-लड़ई के जर ओखी मतलब कोनो ला ताना मरई घलो होथे। घर-परिवार ,समाज मा कोनो ला भी अपन बर ताना हा घोर अपमान लागथे। द्रोपदी के दुर्योधन ला "अंधा के बेटा अंधा" कहिके मारे ताना के सेती भयंकर महाभारत युद्ध होगे जेमा लगभग सवा करोड़ योद्धा मौत के मुँह मा समागें।
ये ताना हा देवर -भउजी के ठिठोली सही छोटकुन बात रहिसे फेर कतका घातक होइस।अइसने ताना कसई मा, उल्टा-सीधा दिल्लगी करे मा --- कोनो ला देख के ठोलियाय असन,ईरखा मा खाँसे--खखारे ले झगरा मात जथे।कोनो सहिगे त सहिगे नहीं ते लड़ई मात जथे। बनगे ते बनगे नहीं ते तनगे हो जथे। सास-नँनद के ताना मा बहू त,बहू के ताना मरई मा सास-नँनद, रिसा जावत हें।बाप के ताना मा बेटा त, बेटा के ताना मा बाप तनिया जावत हें। कहूँ पति पत्नी मन आपस मा ओखी-ओखी के खेल खेले ल धरलिन त तलाक के नौबत आ जथे। परिवार मा झगरा मात जावत हे। ओखी के सेती परोसी-परोसी के,संगी-सँगवारी के --कहाँ तक कइबे एक नेता के दूसर नेता ले नइ पटत ये।
ये खोखी अउ ओखी दून्नों बेकार होथे।
चोवा राम वर्मा 'बादल'
हथबंद,छत्तीसगढ़
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