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*जंगल राज-2*
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*( छत्तीसगढ़ी लघुकथा )*
सलाह देवइया मन बघवा ल सलाह दिन कि अभी के समय हर आने चलत हे , लोकतंत्र -जम्हूरियत के हवा बोहात हे, तेकर सेती तँय अपन ड्रेस -डबाली गेटअप उवा ल बदल ले ,येई म तोर भलाई हे ।
सिरतो म बघवा डरा गय ।अब वोहर अपन राजमुकुट ,शाही परिधान ल लुका दिस ,अउ सलाह देवइया मन कोती ल मुकुर मुकुर देखे लागिस ।
परामर्शदाता मण्डल के एक सदस्य हर फेर तीर म जाके वोकर कान म फुसुर- फिया करिस ।
अब तो बघवा टोपी कुरता पजामा अउ गला म रंगीन गमछा धर के नमस्कार करत निकलिस ।
सब्बो जिनिस हर तइहा च असन रहिस,खाली बघवा के ड्रेस भर हर बदले रहिस।
*रामनाथ साहू*
*देवरघटा ( डभरा )*
*जिला-जांजगीर चाम्पा*
*छत्तीसगढ़-495688*
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