आज दाऊ रामचंद्र देशमुख के 24 वीं पुण्यतिथि म विशेष....
देहावसान के दू साल पहिली सुने रेहेंव श्रद्धेय दाऊ जी अउ राम हृदय तिवारी के गोठ बात
छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान ल जगइया महामानव रीहिस श्रद्धेय रामचंद्र देशमुख
जब मोर जनम होइस वोकर ले दू साल पहिली "चन्दैनी गोंदा "के जनम होगे रहिस हे. अउ जब येखर सर्जक श्रद्धेय दाऊ रामचंद्र देशमुख जी ह जब येला कोनो कारन ले आगू नइ चलइस त मात्र
आठ साल के रहेंव. मेहा दाउ राम चन्द्र देशमुख जी द्वारा संचालित" चन्दैनी गोंदा "ल कभू नइ देखेंव. दाउ जी ले घलो कभू आमने- सामने भेंट नइ कर पायेंव. मोर अइसन सौभाग्य नइ रीहिस हे. पर
मोर डायरी म दैनिक सबेरा संकेत
राजनांदगांव के "आपके पत्र "स्तंभ के पेपर कटिंग हे. वोखर मुताबिक मेहा दूरदर्शन केन्द्र रायपुर के कार्यक्रम "एक मुलाकात " म 21 मार्च 1996 म जब श्री राम हृदय तिवारी जी ह दाऊ जी ले "गोठ बात "करे रीहिस हे वोला मेहा गजब रुचि लेके सुने रेहेंव. काबर कि मेहा कई ठक अखबार म श्रद्धेय दाऊ जी के जीवन परिचय, चन्दैनी गोंदा , देवार डेरा अउ "कारी" के बारे म पढ़े रेहेंव. उद्भट विद्वान डॉ. गणेश खरे जी के लेख के सँगे सँग कुछ अउ विद्वान मन के लेख ल पढ़े रेहेंव. जब दूरदर्शन केन्द्र रायपुर ले ये भेंटवार्ता ह शुरु होइस त मेहा आखिरी होत तक टस से मस नइ होयेंव. ये भेंटवार्ता ले मोला छत्तीसगढ़ लोक कला मंच के विकास यात्रा म दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के योगदान के सुग्घर जानकारी मिले रीहिस हे. आदरणीय राम हृदय तिवारी जी ह दाऊ जी ल गजब अकन सवाल करिन कि "देहाती कला विकास मंडल ", "चन्दैनी गोंदा" के गठन अउ "कारी "के मंचन के का उद्देश्य रीहिस हे. चन्दैनी गोंदा के पहिली इहां के नाचा अउ लोक कला मंच के कइसन दशा अउ दिशा रीहिस हे .चन्दैनी गोंदा ल आप विसर्जित करे जइसे कठिन निर्णय काबर लेंव. अइसे का परीस्थिति अइस! ये सवाल जब आदरणीय तिवारी जी ह श्रद्धेय दाऊ जी ले करिस त एकदम भावुक घलो होगे. वर्तमान म लोक कला मंच के दशा अउ दिशा उपर जब चर्चा चलिस तब दाऊ जी ह गजब उदास होगे अउ कहिस कि हमर छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान ल जगाय बर काम नइ हो पावत हे. लोक कला मंच के नाम म सिनेमा संस्कृति ह हावी होगे हे. अइसे कहत -कहत दाउ जी ह भावुक अउ एकदम गंभीर होगे.
दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के जनम 25 अक्टूबर 1916 म बालोद जिला के डौंडीलोहारा विकासखंड के गाँव पिनकापार म होय रीहिस हे. दाऊ जी ह अपन गाँव पिनकापार म राम लीला मंडली के गठन करके अपन संगठन शक्ति के परिचय दे रीहिस हे. बाद म गांव गांव म घूम के गुणी कलाकार म ल खोज के संगठित करीस. वोहा 1951 म देहाती कला विकास मंडल के गठन करिस. येमा लाला फूलचंद श्रीवास्तव जी चिकारावाला (रायगढ़), ठाकुर राम जी , बुलवा (रिंगनी साज), रवेली साज के मदन निषाद जी (गुंगेरी नवागाँव, डोंगरगॉव, राजनांदगांव) जइसे बड़का कलाकार शामिल होगे. दाऊ जी ह ये कलाकार मन ल लेके काली माटी, बंगाल का अकाल, सरग अउ नरक, राय साहब मि. भोंदू खान साहब नालायक अली खां, मिस मैरी का डांस जइसे प्रहसन खेल के मनोरंजन के सँगे सँग जनता म जन जागरण के संदेश घलो दिस.
अउ 7 नवंबर 1971 म अपन गाँव बघेरा (दुर्ग) मा सांस्कृतिक पुनर्जागरण के उद्देश्य लेके लोक सांस्कृतिक संस्था "चन्दैनी गोंदा "के गठन करिस. दाउ जी ह चन्दैनी गोंदा, कारी के माध्यम ले छत्तीसगढ़वासी मन के स्वाभिमान ल जगइस. चन्दैनी गोंदा के माध्यम ले लक्ष्मण मस्तुरिया जी, केदार यादव, खुमान साव जी, केदार यादव जी, साधना यादव जी, भैया लाल हेड़ाऊ, कविता हिरकने (वासनिक ), राम रतन सारथी, शेख हुसैन, संगीता चौबे, साधना यादव, शैलजा ठाकुर, अनुराग ठाकुर, शिव कुमार दीपक, मुकुंद कौशल, महेश ठाकुर मदन चौहान, , संतोष झांझी, मंजूला बनर्जी, संतोष टांक, लाला फूल चंद, लालू राम, बसंत दीवान, रवि शंकर शुक्ल ,गिरिजा सिन्हा,सुरेश देशमुख उद्घोषक, हीरा सिंह गौतम चित्रकार जइसे उम्दा कलाकार (गायक- गायिका /गीतकार /संगीतकार /अभिनेता) सामने आइन.
मेहा दाऊ जी द्वारा संचालित चन्दैनी गोंदा ल कभू नइ देखेंव पर
बाद म लोक संगीत सम्राट श्रद्धेय खुमान साव जी द्वारा संचालित चंदैनी गोंदा ल घलो मात्र दो बार देख पायेंव .पर श्रद्धेय खुमान साव जी ले भेंट नौ बार होइस हे. येखर संस्मरण घलो लिखे हवँ.
हमर छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत ये महामानव ह 13 जनवरी 1998 म अपन नश्वर शरीर ल छोड़ के स्वर्ग लोक चले गिस. दाऊ जी ह अपन यश रुपी शरीर ले सदैव जीवित रहि.
चन्दैनी गोंदा के यात्रा अउ दाऊ जी के व्यक्तित्व अउ कृतित्व पर उंकर भतीजा अउ चंदैनी गोंदा के प्रथम उद्घोषक डॉ. सुरेश देशमुख जी के अथक प्रयास ले उंकर संपादन म अउ राजगामी संपदा न्यास राजनांदगांव के आर्थिक सहयोग ले सन 2021 म गजब सुग्घर किताब प्रकाशित होय हे. ये किताब ह चंदैनी गोंदा अउ दाऊ जी के बारे म एक अमूल्य दस्तावेज हे. प्रो. देशमुख जी ह किताब प्रकाशन म एक भागीरथ प्रयास करे हे जेकर जतकी प्रशंसा करन वोहा कम होही. येहा
छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति पर शोद्धार्थी छात्र अउ येकर ले लगाव
रखइया मन बर गजब अनमोल हे.
श्रद्धेय दाउ जी ल उंकर 24 वां पुण्य तिथि म शत् शत् नमन हे. विनम्र श्रद्धांजलि. 🙏🙏💐💐
ओमप्रकाश साहू "अंकुर"
सुरगी, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
मो. 7974666840
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