Sunday, 30 January 2022

चलौ महात्मा गाँधी जी ल खोजन


 

चलौ महात्मा गाँधी जी ल खोजन

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प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आईंस्टीन हा कहे हे--"आने वाली नस्लें यह मुश्किल से विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई इंसान भी धरती पर कभी आया था।"

       वोकर उद्गार सिरतो म कतका सच हे के हमर जइसे पीढ़ी जेन ह न तो स्वतंत्रता आंदोलन ल देखे हावन ,न तो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ल,सिरिफ फोटू म देखे अउ किताब म पढ़े हावन वोला विश्वासे नइ होवय के ये घोर कलयुग म जिहाँ चारों कोती स्वार्थ,छल-छिद्र, हिंसा, झूठ-फरेब बगरे हे उहाँ 74 साल पहिली अहिंसा अउ करुणा के मूर्ति, सत्यवर्ती ,भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अजेय योद्धा, सच्चा समाज सेवक मोहनदास करमचंद गाँधी नाम के मनखे राहत रहिसे। अइसे महापुरुष जेन काहय तेला अक्षरशः करके देखावय।जेकर मानना रहिसे के क्रोध ल क्रोध ले नहीं भलुक प्रेम ले बुझाये जा सकथे। हिंसा ल हिंसा ले नहीं बल्कि अहिंसा ले मिटाये जा सकथे।जेन ह आन ल कुछु शिक्षा देये के पहिली खुद अपनावय चाहे वो सत्याग्रह के बात होवय ,चाहे अहिंसा के बात होवय,चाहे उपवास, शाकाहार या प्राकृतिक चिकित्सा ल अपनाये के बात होवय।

     सच ह तो सच होथे ।सिरतो म  विश्व वंद्य अइसन हाड़-मास के पुतला, गाँधी जी के रूप म, हमर महतारी भुँइया भारत म जनम लेये रहिस हे। अक्सर अइसे देखे-सुने म आथे के मनखे के मूल्यांकन वोकर मरे के पाछू होथे फेर गाँधी जी तो अपन जीते जी संसार म बहुतेच प्रसिद्ध होगे रहिस हे। गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ह उन ल 'महात्मा' कहिके विभूषित करिन। ये शताब्दी म गाँधी जी जइसे सच्चा धार्मिक अउ करुणा ले भरे हिरदे के, दीन -दुखी, रोगी, कोढ़ी -अपाहिज के  निस्वार्थ सेवा करइया खोजे नइ मिलय।

         सत्य, अहिंसा, प्रेम, दया-परोपकार, सेवा इही मन तो असली धर्म आयँ जे मन आदिकाल ले ये सृष्टि म सुखी समाज के अधार आँय तेकरे सेती कहे जाथे के सत्य धर्म हा सनातन अउ अजर- अमर होथे। अतका जरूर हे समे के गर्त म ये ह जब दबे असन हो जथे तब कोनो महान आत्मा ह अपन कर्म ले वो गर्त ल हटाके वोला पुन: स्थापित करे के काम करथे। पूज्य गाँधी जी वोइसने महान आत्मा रहिस जेकर एक आह्वान म लाखों नर नारी अपन सब-कुछ न्योछावर करके, आजादी के समर म कूदे बर तइयार राहयँ।वाणी म अइसन चमत्कारिक प्रभाव बिना कठोर साधना अउ संयम के नइ आ सकय।

       परम पूज्य बापू जी के जीवनी ल पढ़े ले पता चलथे के वोकर उपर उनकर धार्मिक स्वभाव के महतारी पुतलीबाई, मर्यादा पुरुषोत्तम दशरथ नंदन श्रीराम, भक्त प्रहलाद अउ सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के संगे संग सदग्रंथ गीता के गहिरा छाप परे रहिस। एकर परछो बापू के जम्मों कार्य म करे जा सकथे चाहे वो उनकर प्रिय भजन -वैष्णव जन तो तेणे कहिए-----,रघुपति राघव राजाराम ---,अछूतोद्धार, चरखा काँतना, मितव्ययता ,सर्व धर्म समभाव सहित ,आजादी के वोकर द्वारा चलाये गे सबो आंदोलन।

   संसार म गाँधी जी जइसे क्षीणकाय ,फकीर अउ कोनो नइ मिलय जेन अपन अहिंसा,असहयोग अउ सत्याग्रह के बल म देशवासी ल जगाके ,  बंदूक ,बम -बारूद वाले शक्तिशाली अत्याचारी, सम्राज्यवादी अँग्रेज मन ल पराजित कर दिस।

        गाँधी जी निष्काम अउ निस्वार्थ सेवा के जीता जागता उदाहरण रहिस। वो चाहतिस त स्वतंत्रता मिले के बाद खुद प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बन सकत रहिन फेर वो ये सब ल ठुकराके बिना कोनो राजनीतिक पद के समाज सेवा ल अपन कर्तव्य चुनिस।

       सत्यमार्ग म चलने वाला के हर युग म विरोधी होथेच। राम बर रावण त कृष्ण के विरोधी शिशुपाल अउ कंस मिली जथे। पांडव मन उपर अत्याचार करइया कौरव मन के कहाँ कमी हे ?गाँधी जी के विचार धारा के विरोध करइया तको रहिसे। दुष्ट  नाथू राम गोड़से के गोली मारे ले पूज्य महात्मा गाँधी ह 30जनवरी 1948 के 'हे राम ' काहत अपन प्राण त्याग के स्वर्गलोक गमन करे रहिस।

         महात्मा गाँधी जी के काया भले माटी म मिलगे फेर वोकर अजर-अमर विचार धारा जिंदा हे। फेर अइसे लागथे के वो ह राजनैतिक छल-छंद, भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार, जात-पात, शोषण आदि के कचरा म गँवागे हे। ये विचारधारा के आड़ लेके कतको झन सिरिफ अपन राजनैतिक रोटी सेंके के काम करत हें त कतको झन इही विचारधारा के मुखौटा लगाके आडंबर करत हें। गाँधी जी के नाम तो याद हे फेर काम बिसरा गेहे।गाँधी जी अउ राम राज के भारी हल्ला होवत हे।

      सचमुच म अगर हम ये संसार ल स्वर्ग सहीं बनाना चाहत हावन, भारत म राम राज अउ खुशहाली लाना चाहत हावन त ईमानदारी ले महात्मा गाँधी जी के विचार ल अपनाये बर लागही।

 परम पूज्य राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ल शत शत नमन हे।


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

2 comments:

  1. गाँधीजी के सीख ला, माने बर दिन छोड़।
    गढ़े बुराई बर इहाँ, माचे हावय होड़।।
    मस्त बात लिखिन हमर चोवा भैया मन
    हार्दिक बधाई उनला
    👍🙏🙏🙏👍👌👏👏🌷🌷🌷

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  2. हार्दिक आभार भइया जी।

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