Thursday, 30 November 2023

राजभाषा दिवस के पखवाड़ा बेरा म गाड़ा गाड़ा बधाई

 राजभाषा दिवस के पखवाड़ा बेरा म गाड़ा गाड़ा बधाई  

नानकुन गोठ  -

लिखे के विचार आइस l गद्य विधा म बहुत अकन लिखें के काम होवत हे l अपन गोठ ल इही ढंग ले करे के  मोर प्रयास रही l l जउन कहना चाहत हँव लोक साहित्य -संस्कृति के वाचिक परम्परा ले जुड़े हे l लिखित म नई हे फेर बोल चाल अउ लोक व्यवहार म परम्पराअसन चले आवत हे l lपाँच पंचाईत के गोठ  सगा पहुना संग के गोठ रिस्ता नाता लागमानी के गोठ  अउ मुँह ओखरा परम्परा गत जीवन हे लोक साहित्य  संस्कृति के झलक हे जेमा मैनखे के सुख -दुख,हँसना -गाना,दया -मया

करूना  -सहानुभूति  सबो मिलही lओखर ले बहुत अकन गोठ -विचार निकल के आही l भाखा  के मरम ल जाने बर,समृद्ध करे बर,लिखित रूप दे बर ये उदिम ल उठावत हवं l

ओला बढ़िया हमन जानन -नेरवा काकर इहाँ गड़े हे?

छत्तीसगढ़  अउ छत्तीसगढ़ी के आत्मा  कइसे  अउ कहाँ लुकाये हे?  का उहू अब नंदा जाय? नंदावत जान दे?गुने ला पड़ही lहमर जीवन के गीता सार लोक परिपाटी लोक व्यवहार म घलो हे l  लिखें -लिखाये अउ पढ़े - पढ़ाये के बात होवत हे त जीवन मूल्य ला महत्व देवन l शिक्षा म  आचरण मूल्य जुड़ना जरूरी हे l  सब रिस्ता छूटत जात हे,टूटत जात हे lमूल्य रहित ज्ञान -शिक्षा बेकार हे l रूढ़िवादी नई बनना हे फेर नैतिक आचरण के खजाना ल तो खोजन l 

       रेट माइनर्स मतलब मुसवा जइसे खोदी मजदूर असन कीमती बिचार ला बाहिर कोती निकालन -लावन lछत्तीसगढ़ी बर नवा उदिम मान लुहूl अपन सुझाव अउ पदोंलीं घलो दुहू l


                      तुहरेंच

               मुरारी लाल साव

                कुम्हारी

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