रोज एक पुड़िया 😃
नानकुन कहानी -
गोमती
सगा मन आगे l बबलू कहाँ हच रे? जा जा जल्दी जा l
गरम गरम लाबे समोसा अउ बने अस मिठई l भीतर ले बबलू के माँ चिल्लाईस l बबलू झोला धरके निकल गे l"
बबलू के बाबू,
जादा एती ओती के गोठ झन करहू l आज कल के सगा मन उही बात ल धर लेथे, बिचक जथे " बबलू के माँ चेताइस l
" आव आव बैठव "
सगा मन आगे l उनला बैठारिस l
" घर पता पूछे म कुछ तकलीफ नई होइस होही ना ? "
सगा मे से एक झन कहिस - नहीं नहीं दुकान वाले ल पूछेन तहाँ बता दीस l"
गोमती पानी लेके आइस l सब झन ला नमस्ते कहिस l "पाँव पर बेटी सगा मन के l"
गोमती पाँव पर लीस l बइठ नोनी एक झन सगा कहिस l
"नोनी पढ़े हस त का?करबे अब "
गोमती कहिस -"अभी नई सोचे हँव l" इसारा करत लड़का के पिताजी कहिस -मोर बेटा इही हरेl बी काम
पढ़े हे l कुछू नई करत हे बिहाव के बाद बिजनेस करही l"
बबलू के माँ हाथ ला पोंछत आगे
नमस्ते कहत खड़े होगे ll
बबलू के बाबू के तीर म बैठत बैठत पूछिस -" बाबू का बिजनेस करही?" "रेती सीमेंट के दुकान खोल के देबोन l" "अभी के कारोबार म "
"एती ओती जमीन बिक्री करवाना l"
गोमती सुनत रहिस l गुनत रहिस अपन भाग ल lनई बोलत हँव त रिस्ता लग जही l मने मन सोचत हे बाबू ला चिंता हे बेटी बाढगे हे एक तो तीन साल ले कोनो रिस्ता नई आए रहिस l माँ हे तेन घऱ दुवार ला देखथे l गोमती के हिम्मत घर चलाये के संभाले के हे l सब चर्चा के बाद गोमती ले पूछिस गोमती कहिस -"मोला बहू बनाके रखहू कि बेटी बरोबर l अपन माँ बाप के एके झन बेटी अँव l"
लड़का के पिताजी जवाब नई दे पाइस l न लड़का कह पाइस बिहाव के बाद ---l
सगा मन सोच के बताबो कहत निकलगे घर ले l
सगा आवत हे -जात हे l गोमती अस कतकों
l काकर मति अइसन म नई फिरही?
कोन ओला बेटी बनाके रखही बहू बनाके के सब लेगथे l ससुराल म भाग जाने मन बेटी असन रहिथे l संस्कार गुन करम धरम बताथे l गोमती के मन म डर बइठे हे बहू बनाके लेगथे तेला दहेज़ के सेती मार डरथे l इही डर म गोमती के मति फिर गे हे lमति ला मार के कतेक दिन ले सगा देखही?
मुरारी लाल साव
कुम्हारी
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