Saturday, 20 January 2024

रोज एक पुड़िया नानकुन कहानी " झन ठोनक"


 

रोज एक पुड़िया 

नानकुन कहानी 

 " झन ठोनक"


"मस्त रहो बढ़िया रहो आनंद से जिओ l" रास बिहारी मंदिर म जाके भगवान के हाथ जोड़के 

मोहनी पाँव परिस त आशीर्वाद मिलिस l

महराज के असिस बचन सुनके मोहनी के मन बदलगे l

" भज मन प्यारे,

            हरि हरि बोल "l

मन उही डहर लोरघीयाये ल धर लीस मोहनी के l

मोहनी ला देख महाराज के भजन के बेरा अउ बाढ़ जाथे l

    मोहनी के मन बाहिर अउ भीतरी ले  भजन मा रमे ल धर लीस  l संगत के रंगत चढ़थे  l

नारी परानी काला जोर से दबका के  कइही -"नियत ला बने राख l"

     उमर पैतालिस के होगे l सगा आही सगा आही l बिहाव बर सगा आइस फेर नई जमींस l मड़वा काला कहिथे नई जानिस ?

माँ बाप का करही l 

"अपन रद्दा म आये गेव l

मोहनी अपन पीरा ला गोठियायेस अस करिस गनेस करा l

गनेस बचपन ले जानत रहिस मोहनी ल l जात समाज के सेती कभू बात ल नई रखीस l नियत गड़े रहिस  भाग संग नई दीस l आखिर एक दिन मौका पाके पूछ परिस -"मोहनी थोकिन सुन l अकेल्ला कतेक दिन ले रहिबे?"मोला अउ ठोनक झन गन्नू l"

"मोर भीतर म अब सँसो घलो नई हे l "     सँसो रहिस  तोर बर "तै मोला नौकरी  लगन दे काहत -काहत उमर ला निकाल देस l  तोर नौकरी घलो नई लगिस न बिहाव करे के मन बनाये जोगी जोगड़ा होगेस l

"अभी का बिगड़े हे तेमा? गनेस कहिस l "

" बिगड़ गे ?  जिए के आस के रद्दा ल बदल देंव l"  महाराज के गऊ गोठान म आगे हँव l

गाय बछरु के सेवा करहूँ l

"बिन असीस के धरम करम पूरा नई  होवय l "

"उही बात ला अब एती झन ठोनक l "

" सुक्खा कुंआ ले पानी नई  निकलय मया  मर गे हे l "

आश्रम के मतलब  आसा कर अउ शरम कर अतका कहिके गनेस चल दीस l


मुरारी लाल साव

कुम्हारी

No comments:

Post a Comment