Saturday, 20 January 2024

मोर राम तोर राम कति करा ...

 मोर राम तोर राम कति करा ...

बुधारू –  भगवान राम आवत हे कहिथे बइहा .. गऊकिन कब दर्शन दिही अऊ हमन ला अहिल्या कस तारही ... । 

भकाड़ू – कइसे गोठियाथस जी तेमा ... राम कहाँ हे जेहा हमर उद्धार करे बर आही । 

बुधारू – तैं कइसे गोठियाथस बइहा । राम तो इँहे हे । तभे तो ओकर रेहे बर अतेक बड़ मंदिर बनइन हे । 

भकाड़ू – मंदिर म काय करही भगवान हा जी .. ?  मंदिर म खुसर जहि तहन उहाँ ले निकलही कइसे बइहा ... असन म काकरो उद्धार तो सम्भवेच नइहे । रेहेच बर बनवाना रिहिस त महल बनवातिन ... कम से कम उहाँ ले उँकर निकले के गुंजाइश तो रहितिस अऊ दर्शन के घला उम्मीद रहितिस । 

बुधारू – देख भाई । राम चाहे मंदिर देवाला म रहय या महल अटारी म .. । ओहा कब निकलही अऊ कब दर्शन दिही तेला कोन्हो कइसे बता सकत हे । ओला बताय बर बबा तुलसी चाहि ..... । तैं अऊ हम राम ला ओतके जानथन जतका बबा तुलसीदास हा बताए हाबे । ओहा केहे रिहिस .. कलयुग म राम के केवल नाव हा जीव के उद्धार बर पर्याप्त रइहि । ओकर दर्शन पर्शन के काय जरूरत .. ? 

भकाड़ू – त ... मंदिर काबर बनिस हे ... केवल ओकर खुसरे बर .. त असन म कोन तरही ? 

बुधारू – ओला में कइसे जानहूँ जी । तुलसी बबा हा ओकर बारे म कुछु नइ केहे हे । सुने म आहे के बड़े बड़े मनखे मन ओकर संग रहि कहिके .. । 

भकाड़ू – अरे भई । त अइसन म राम हा भगवान कहाँ बन पाही जी .. ओला भगवान बने बर नानुक मनखे के साथ चाहि । वहू पइत राम ला भगवान हमन बनाय रेहेन ... कति बड़े मनखे मन ओकर संग साथ रिहिन बता भलुक .. । दबे कुचले मनखे मन ओकर संग म रिहिन ... अऊ ओकर हरेक बुता म अपन हाथ बँटइन । पूरा देश के कति राजाधिराज हा ओकर सहायता बर अइस । हम जुड़ेन .. हम मरेन .. हम खपेन .. तब राम हा ... भगवान राम बनिस । हम मंदिर म बइठारे बर ओला भगवान नइ बनाय रेहेन ... । 

बुधारू – चुप रे । तोरे बनाये म राम हा भगवान बनही तेमा .. । बड़े मन जेला कहिथे तेहा भगवान बनथे बइहा । 

भकाड़ू -  वा कति बड़े हा ओला भगवान केहे रिहिस । बड़े मन तो ओला अपन दुश्मन समझय या साधारण मनखे ... । केवल हमीं मन ओकर भगवानियत म इवीएम कस विश्वास राखे रेहेन । ओहा महल ले बाहिर नी आतिस ते भगवान बनतिस का तेमा .. ? 

बुधारू - वइसे तोर बात म दम हे गुरू । फेर बड़का मन ये बात ला बहुत अच्छा ले जानथे के राम हा बाहिर म रइहि तब .. तुँही मनला फायदा देवाहि .. तेकर ले ओला एक जगा कलेचुप बइठार दे जाय जिहाँ तुँहर अमरना मुश्किल हे .. तब फायदा उही ला होही जे उहाँ तक पहुँच रखहि । ओकर बर महल बना देतिस तभो कतको ओकर तिर म ओधिया जतिन .. मंदिर असन पवित्र जगा म नानमुन के पहुँच बड़ मुश्किल हे बइहा । 

भकाड़ू – त एती हमर डहर .. कुछ मन जंगल म रेंगे बर ... रद्दा चतवार डरे हे किथे । 

बुधारू – ओकर रेंगे बर नी चतवारे बइहा .. अपन पाय बर चतवारे हे । राम ला रद्दा बताय बर लागही तेमा ... ओ जेती रेंग दिस तिही रद्दा हो जथे ... तभो ले जेमन अभू तक राम के अस्तित्व ला नकार चुके रिहिन .. जेमन राम ला काल्पनिक बतावत ओकर सेतु के मजाक उड़ावत रिहिन तऊन मन .. कागज म अबड़ अकन राम पथ गमन बनवा डरिन .. राम ला रेंगे बर बला डरिन .. राम अइस के निही ... हम नइ सुनेन फेर अभू उही मन .. वन गमन पथ के आड़ म राज भवन पथ तक अमरे के प्रयास म जुटे रिहिन । 

भकाड़ू – राम ओकरे तिर म रहि कहिके .. इही मन माता कौशल्या के मंदिर घला जोरदार बनवा डरे हे .. महूँ थोक थोक सुने हँव भई । राम आही तहन महतारी के गोदी म खेलही किथे बइहा .. । 

हा. हा .. कहत खलखलाके हाँसत रहय बुधारू हा । भकाड़ू भड़कगे । 

भकाड़ू – बने बताबे त हाँसथस .. ? 

बुधारू थोकिन सीरियस होगिस । लम्भा साँस भरत केहे लगिस । 

बुधारू – कुछ मन के राम केवल मंदिर के शोभा बन अयोध्या म विराजही अऊ कुछ के राम जंगल के रसता अमरके ... नानुक लइका बन महतारी के गोदी म फुदकही । ये दुनों राम हमर तोर बर नोहे बइहा ... । हमर राम हमर संग जंगल म जुठा बोईर खवैया आय .. खदर छानी के कुरिया म सुतइया आय .. हमर तोर कष्ट हरइया आय । अन्याय के विरोध म हमन ला खड़ा करइया आय । तोर हमर राम को जनी कति तिर म लुकाय हे बइहा .. ?  

भकाड़ू – के झन राम हे तेमा जी .. ? 

बुधारू – जे मनखे ते राम । काकरो बर केवल राम ... काकरो बर राम नाम ... काकरो बर राम नाम सत ... । 

भकाड़ू – अरे हम तो एके राम ला जानत रेहे हन बइहा ... इहाँ कोरी कोरी राम जनम धर डरे हे हमला जनाकारी नइ रिहिस । त कति राम ला मानबो जी हमन ... । फोकट म चऊँर देबो .. ससता म गैस ... फोकट म हर घर के लक्ष्मी ला पइसा देबो .. करजा माफी करबो ... अइसे कहवइया मन राम आय का जी ... ? 

बुधारू – चुप बइहा ... । येमन अपने देश ला बरबाद करइया आय । जइसे रावण हा अपन सत्ता ला बचाय बर हरेक उपाय म लगे रहय ... तइसने येमन सत्ता पाय बर उदिम करत रहिथे । 

भकाड़ू – अरे हम इही मनला राम समझगे रेहे हन । त राम हा मंदिर म अमरके बइठ जहि तहन राम राज तो आबे करही बइहा .. ।       

बुधारू – चल चुलागे हस का जी । राम हा राज करे बर नइ आवत हे केवल मंदिर देवाला म बिराजे बर आवत हे । रिहिस बात इहाँ राज करइया के ... ओमन राम थोरेन आय बइहा । ओमन रावण आय जेकर दसो ले जादा मुहुँ बन चुके के । ओ पइत रावण हा राम के रूप धरे के हिम्मत नइ करिस .. अभू के मन रोज छद्म रूप धरत हे । तभे तो हमन कन्फ्यूजिया जथन । इँकर रहत ले का  राम आही अऊ का ओकर राज .. । राम आवत होही जरूर फेर ओकरे संग रेंगे अऊ रेहे बर आवत होही जेला सत्ता तक पहुँचे बर ओकर आवसकता हे । वाजिम म राम केवल सतयुग म रिहिस बइहा । अभी केवल ओकर शोर हे ... अऊ कुछ निही । बाबा तुलसी हा ओकरे सेती राम ला दुनिया ले बिदा करदे रिहिस ताकि कोन्हो ओकर उपर अपन अधिकार झन जताय सकय । फेर ओला नाम म जिंदा इही पायके राखिस ताकि तोर हमर कस हरेक मनखे उही नाव ला ले सकय । रिहीस बात राम राज आय के .. त ओ तो हमर देश म बिगन राम के रेहे पहिली ले हाबे ... । 

भकाड़ू – कइसे धँवाथस भइया । राम राज पहिली ले हाबे कहिथस .. ? 

बुधारू – अरे मोर भाई .. राम राज म कन्हो मनखे ला कोनो किसिम के दुख रिहिस का .. ?  नइ रिहिस ना ... । अभू घला निये । तिहीं देख ... जेकर जतका मन ततका .. सब खावत हे .. । भरे पेट म तो खवई के मजा कुछ अलग हे तेकर सेती .. भरे पेट वाला मन कुछ जादा मजा लेवत खावत हे .. अऊ पचो घला डरत हे । रेहे बर उँकर तिर .. केऊ ठिन घर कुरिया ... । नंगरा रेहे के सुख तैं का जानबे ... कपड़ा के काय आवसकता ... ?  हमर दई बहिनी मन रावण के घर तको सुरक्षित रहि जात हे । 

भकाड़ू – तहूँ न भइया ... सरकारी पोसहा कस गोठियाथस । कतेक मनखे बिगन खाय मरत हे तेहा तोला दिखत नइहे ... ?  बिगन घर रहत हे अऊ बिगन कपड़ा उँकर हाड़ा काँपत हे । 

बुधारू – मरत हे कहना ... फोकट बात आय । सत्ता बर कुलबुलावत विपक्षी कस आरोप लगाथस । खाय बर अतेक आश्वासन रोज मिलत हे ... तभो ले मनखे मर जही .. तेमा राम के काय दोष । रेहे बर कागज म लाखों घर बन चुके हे अऊ बनइया हे .. रहवइया नइ मिलत हे .. । हरेक पाँच बछर म जलसा होथे .. तेमा पहिरे बर गाड़ा गाड़ा कपड़ा .. । अतेक के पाछू मनखे मरत हे तेमा राम काय करही । अतेक मिलत हे उही ला आँखी मुंद के देखत .. हमू मन तो जियत हन का । राम राज नी होतिस त तोर हमर अइसन जीना सम्भव रिहिस का तिहीं बता ... ?   

भकाड़ू – हम पढ़े लिखे नोहन गा । तोर अतेक गूढ़ गोठ नइ समझ सकन .. फेर अतका समझ गेन के राम के राज म सब सुखी रहिथे .. । फेर राम संग कति मेर हमर तोर भेंट होही भइया .. ।   

बुधारू ‌-  भेंट वेंट ला छोंड़ अऊ राम ला येती ओती झन खोज .. राम हमरे भितरि म हाबे बइहा .. । राम ला बाहिर खोजे के आवसकता नइहे बइहा । बाहिर के राम तोला हमला भौतिक सुख दे सकत हे फेर अभू केवल रावण मन छद्म राम बनके हमर तोर तिर अमर जथे अऊ हमला भरमा देथे । सतयुग म रावण हा छद्म राम भले नइ बन सकिस फेर कलयुग म रावण हा रोज राम के पाठ करत दिख जथे । ओ पइत रावण हा डर्राय के राम के चोला पहिर लेहूं ते रावणत्व झन सिरा जाय .. ।       

भकाड़ू – हव भइया ... हमन असली राम ला खोज के बाहिर लाने के उदिम तो हरेक पाँच बछर म करथन ... फेर ओला कोन छेकथे समझ नइ आवत हे ।  

बुधारू – मंथरा हा छेकत हे बइहा । ओहा प्रायश्चित करत हे ... ओ पइत भितरी म रहन नइ दिस .. ये पइत बाहिर म निकलन नइ देवत हे । इही ला पहिली पहिचान के अलगियाना हे तभे तोर हमर मुलाखात अपन राम ले होही ... निही ते दूसर के राम के जै बोलावत भर रहिबो ... मिलना जुलना कुछ निही । 

भकाड़ू – बने बताय भइया । राम कति करा हे तेला उदिम लगाके खोजबो बइहा .. । फेर आज हमर भांचा राम के मंदिर बने हे ... चल पूजा के नेवता हे .. जाबो .. । 

बुधारू – का पता कति राम के मंदिर आय .. फेर हम एके राम ला जानथन जेहा हमर भांचा आय .. हमर खेवनहार आय .. हमर पालनहार आय ... जेकर नाव लेहे म दुख मेटा जथे ... । जेकर राज म मेहनत करइया ला मेहनत के पूरा फल मिलथे .. जेकर राज म हरेक मनखे के हाथ म बुता अऊ तब ओकर पाछू हरेक मुहुँ म चारा .. उही राम बर कुछ उदिम हो जतिस ते .. बपरा घला कुछ बछर सुरता लेतिस ... । 

भकाड़ू – तोर राम मोर राम कति करा हे तेला तो हम नइ जान सकेन फेर जे राम दुनिया म हे तेला हम भांचा बनाके अइसे मया दुलार देबो के .. तोर हमर दुख ला धूर करे बर .. हमला लड़ना सिखाय ला परही .. हमला अन्याव के विरोध म खड़े कराय ला परही । 

बुधारू – चल छोंड़ यार भकाड़ू ... । कहूँ तिर जाय जुवाय के आवसकता नइहे .. इँहे ले आवाज लगाथन .. । राम तैं कति करा हस ... सुनही तहन आबेच करही । 

  

हरिशंकर गजानंद देवांगन .. छुरा .

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