Wednesday, 17 January 2024

नानकुन कथा - सुवा का हुआ?

 नानकुन कथा -


सुवा का हुआ?


हमर  गाँव नानकुन रहिस अब बड़े गाँव होगे l फेर रुख राई कम होगे l एके ठन रुख बाँच गे हे तरिया के पार म l उही रुख म सब सकलाके रहिथन l बांचे खोचे  उड़य्या जीव मन l

उहू म छदर बदर l कऊंवा   जेला कोनो नई पकड़य l बामहन चिरई लरे परे l कोकड़ा के आँखी आये हे आँखी म नई दिखय l सिलहाई,पड़की, परेवा,मैना  नंदागे lसुवा अपने जी लुकाये रहिथे दू चार ठन l रहिथन मनभेद अउ मत भेद म l बिचारा बुढ़वा कऊंवा अपन गोठ ला बताइस l

मुश्किल म जियत हन मैनखे के राज म l क़ानून ऊपर क़ानून बने हे फेर हमरे बंस नष्ट होवत हे l जिए के लाइक नई रहिगे l दू चार कऊंवा  काँव -काँव करे ल धर लीस l

एक ठन सुवा कहिस तुंहर काँव काँव ले सब हलाकान हे आदत नई सुधारत हव l अतका कहिके अलगियागे l

रुख के तरी म दाना बगरे देख परिस सुवा चारा चरे बर उतरगे l  मिठ -मिठ करथे मिठ मिठ कहिथे उही ला सब पोटारथे l

 कुछ बेरा बाद सुवा के टर्र टर्र अवाज सुनाइ दीस l

सियानहा पूछिस - सुवा का हुआ? जाल म फंस गेव l

अब का करबो? अपन रंग रूप ला देख के सम्भल के रखना चाही ना l  बने बने ला सब छांट निमार लेथे जांसा फाँसा करके l  मीठ -मी ठ करे मटकाये  तै जान?

ओखरे सेती हमन काँव  करथन कोनो पकड़य नही l

फेर करिया अन कोनो भावय नहीं l

सुवा  तोला बहुत चेतायेन संघ म राह l करिया संग म रहिथेच मन जोर के अइसन नई होतिस lसुंदरी ऊपर सबके नजर रहिथे  गेंग रेप असन l

तोर संग अच्छा नई हुआ

सुंदरी सुवा!!


मुरारी लाल साव

कुम्हारी

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