छत्तीसगढ़ अउ भांचा राम
- ओमप्रकाश साहू "अंकुर"
त्रेता जुग म पवित्र सरयू नदी के तीर म बसे अयोध्या म महान प्रतापी राजा दशरथ राज करत रिहिन। राजा दशरथ के पूर्वज मन के अब्बड़ सोर रिहिन हे। येमा राजा रघु,राजा दिलीप, राजा शिवि, सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र, महा प्रतापी अज , भागीरथ अउ आने राजा के नांव सामिल हे। सूर्यवंशी राजा दशरथ के तीन झन रानी रिहिन जेमा कौशल्या सबले बड़की,कैकैयी मंझली अउ छोटकी रानी के नांव सुमित्रा रिहिन। राज पाठ सुघ्घर चलत रिहिस। राज्य ह धन - धान्य ले संपन्न रिहिस पर राजा दशरथ के एको झन बेटा नइ रिहिन। इही हंसो ह राजा ल घुना कस खाय जात रिहिन। अपन ये परेसानी ल अपन कुल गुरू वशिष्ठ के पास रखिस त राजा ल सलाह दिस कि राजन् येकर बर पुत्रेष्टि यज्ञ कराव। ये यज्ञ करे बर सबले बने महान तपस्वी श्रृंगि ऋषि रहि। ये ऋंगि ऋषि छत्तीसगढ़ के सिहावा पहाड़ी क्षेत्र म तप - जप म मगन राहय। ये इही सिहावा पहाड़ी आय जिहां ले छत्तीसगढ़ के जीवनदायिनी नदी महानदी निकले हे। राजा दशरथ ह ऋंगि ऋषि कर जाके कलौली करिन कि हे महान तपस्वी आप मन मोर बिनती ल स्वीकार करके पुत्रेष्टि यज्ञ करहू त मंय ह आप मन के जिनगी भर आभारी रहूं। श्रृंगि ऋषि ह राजा दशरथ के घर जाके पुत्रेष्टि यज्ञ करिन येकर फलस्वरूप बड़की रानी कौशल्या ह
रामचंद्र लला, कैकैयी ह भरत अउ सुमित्रा ह लक्ष्मण अउ शत्रुघ्न जइसे हीरा बेटा पाइन। येमा राम ह विष्णु के सातवां
अउ लक्ष्मण ह शेषनाग के अवतार माने जाथे।
कतको इतिहासकार मन के मानना हे कि हमर छत्तीसगढ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी के महतारी कौशल्या के मइके हरे। छत्तीसगढ़ के जुन्ना नांव कोसल रिहिस अउ इहां के भाषा ल कोसली कहे जाय। कौशल्या के नांव भानुमति रिहिन जउन ह दक्षिण कोसल के महाप्रतापी राजा भानुमंत के बेटी रिहिन। अयोध्या के महाप्रतापी राजा दशरथ ले वोकर बिहाव होइस। भानुमति कोसल प्रदेश के होय के कारन आगू चलके कौशल्या कहलाइस। आदिकाल म छत्तीसगढ़ महाकोसल के नांव ले प्रसिद्ध रिहिस हे। श्रीराम के जनम भूमि अयोध्या हरे अउ ननिहाल छत्तीसगढ़ के चंदखुरी (आरंग)गांव हरे। हर लइका बर ममा गांव के अब्बड़ मया रहिथे त भगवान राम ल कइसे नइ रहि। येमा दू मत होय नइ हो सकय कि भगवान राम ह अपन नाना गांव नइ आइस होही।कतको बार नानपन म आइस होही। ये स्भाविक बात ये। त हम देखथन कि भगवान राम अपन नानपन म हमर छत्तीसगढ म आके अपन बाल सुलभ लीला चंदखुरी गांव म घलो दिखाइस। ये चंदखुरी गांव म महतारी कौशल्या के बड़का मंदिर हे। ये जगह ह लोगन मन के आस्था के बड़का केन्द्र हरे अउ अब पर्यटन स्थल के रूप म अपन एक अलग पहिचान बना लेहे।
हमर छत्तीसगढ के महत्तम मअउ बढ़वार जाथे जब ये जाने ल मिलथे कि भगवान राम ह अपन चौदह बछर बनवास म बारह बछर तो इहि छत्तीसगढ़ ( सिहावा) राज्य म वो समय के सप्त ऋषि क्षेत्र म बिताय रिहिन। त ये प्रकार ले हमर छत्तीसगढ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरनरज ले पवित्र होय हे। तेकर सेति हमर छत्तीसगढ म भगवान राम ल भांचा राम कहे जाथे। अउ येकर असर हमर छत्तीसगढ के संस्कृति म देखे ल मिलथे। इहां के लोगन मन अपन भांचा - भांची ल भगवान कस मानथे। चरन छूके प्रनाम करथे। बिहाव से लेके कोनो खुशी के आयोजन हो या जिनगी के अंतिब बेरा होय भांचा - भांची ल अपन शक्ति अनुसार दान जरूर करथे।
संत कवि पवन दीवान जी महतारी कौशल्या के जनम भूमि चंदखुरी के उद्धार अउ माता कौशल्या शोध पीठ बनाय बर अब्बड़ उदिम करिन। दीवान जी ह काहय कि - " भगवान राम हमर छत्तीसगढ के भांचा आय। चंदखुरी वोकर ममा गांव आय। तभे तो हमन कहिथन -"कइसे भांचा राम। सब बने बने भांचा राम। ले तूही मन बताव ग कोनो मन कहिथे का कइसे भांचा कृष्ण। अउ मानलो कहूं कोनो अइसने कहि दिस त वो कहइया ह ल कहू !" अइसे कहिके दीवान जी ह जोरदार ठहाका लगाय।
हमर छत्तीसगढ म भगवान राम ह जन -जन अउ सबके मन म बसे हे। इहां राम भगवान ले जुड़े कतको आयोजन होथे। छत्तीसगढ़ के सबो गांव म रामायण मंडली हावय जउन मन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के गुनगान अपन सामर्थ्य अनुसार करथे। अउ ये प्रकार ले गोस्वामी तुलसीदास बाबा के रामचरित मानस के संदेस ल जन - जन तक पहुंचाथे।नवा मकान म गृह प्रवेश होय,षट्ठी होय या दशगात्र बेरा राम नाम के चर्चा रामायण मंडली के माध्यम से या रामधुनी मंडली के माध्यम ले होथे। जिहां गीत- संगीत ले वातावरण ह भक्तिमय हो जाथे त दूसर कोति मानस टीकाकार मन राम के चरित्र के गुनगान कर परिवार,समाज अउ देस हित बर संदेश देथे। हमर छत्तीसगढ म रामधुनी प्रतियोगिता, राम सत्त , मानस गान स्पर्धा/ मानस सम्मेलन, नवधा रामायण, राम लीला के आयोजन कर भगवान राम काबर मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाथे।भगवान राम ह वर्तमान बेरा म काबर प्रासंगिक हे।ये सब बात ल जोड़ के लोगन मन ल सही रस्दा म चले बर सीख देय जाथे। हमर छत्तीसगढ म रामनामी संप्रदाय के लोगन मन अपन पूरा शरीर म राम नाम के गोदना गोदाय रहिथे। अत्तिक आस्था हे भगवान राम बर। भगवान राम सबके हरे। महर्षि बाल्मीकि अउ गोस्वामी तुलसीदास के अनुसार राम सगुन रूप म हे। जब- जब समाज म अतियाचार बाढ़ जाथे। जब- जब अपन महान धर्म ल हीनमान करे जाथे त भगवान विष्णु ह नर रूप म अवतार लेके पापी मन ल मारथे अउ हमर महान धर्म अउ संस्कृति के रक्षा करथे।
त दूसर कोति देखथन कि कबीर के राम निर्गुण हे। कबीर के राम कोनो मंदिर अउ पथरा म नइ हे वो तो घट -घट म विराजमान हे। निराकार हे। सबो जगह वोकर उपस्थिति हे। कबीर ह धर्म के नांव म दिखावा करइया अउ येकर आड़ म
म लड़वइया पाखंडी मन ल जम के लताड़िस।
राम सबो झन के हरे। वो कौशल्या के राम हरे त कैकेयी बर भगवान हरे। राजा दशरथ के घलो परान हरे। वोहा अयोध्या के मान हरे। भाई भरत , लक्ष्मण, शत्रुघ्न बर महान हरे। केंवट , सबरी माता, अहिल्या, जटायु के उद्धारक हरे। ऋषि - मुनि अउ सज्जन मन के रक्षक त अत्याचारी ,पापी मन बर महाकाल हरे।
हनुमान के भगवान हरे त सुग्रीव अउ विभीषण के सुघ्घर मितान हरे। ताड़का, मारीच, बाली, कुंभकरण, रावण जइसन राक्षस अउ अहंकारी मन के संहारक हरे। जनकनंदिनी सीता के मर्यादा पुरुषोत्तम राम हरे।जेकर मान राखे बर अहंकारी रावण ल संहारे। राम कैकेयी,मंथरा ल ढांढस बंधवइया वो राम हरे जेहा दूनों ल ये श्रेय देथे कि राम ल मर्यादा पुरुषोत्तम बनाय म तुंहर मन के हाथ हे नइ ते मंय तो सिरिफ अयोध्या के राजा बस कहलातेंव।
हमर छत्तीसगढ म उत्तर दिशा के सरगुजा ले लेके दक्षिण दिशा के सुकमा तक भगवान राम ले जुड़े ठउर अउ जुन्ना अवशेष मिलथे जेमा लोगन मन के आस्था जुड़े हावय। हमर राज्य म भगवान राम ले जुड़े पछत्तर ठउर मन के पहिचान करे गे हावय।येमा सीतामढ़ी - हरचौका ( कोरिया), रामगढ़ ( सरगुजा), शिवरीनारायण ( जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया ( बलौदाबाजार - भाटापारा), चंदखुरी ( रायपुर), राजिम( गरियाबंद), सिहावा सप्त ऋषि आश्रम ( धमतरी), जगदलपुर ( बस्तर) व रामाराम ( सुकमा) सामिल हावय। भगवान राम के बनवास ले जुड़े कतको ठउर मन ल सहेजे अउ पर्यटन स्थल के रुप म बढ़वार करे खातिर पहिली के कांग्रेस सरकार ह श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना बनाय रिहिन। काम घलो चालू करिन।
अभी देखे ल मिलत हे कि बाइस जनवरी के दिन भगवान राम के जनम भूमि अयोध्या म श्रीरामलला के मूर्ति के प्रान प्रतिष्ठा करे जाही। मोदी - योगी के शासन काल म होवत ये बड़का आयोजन ले सिरिफ अयोध्या ह नइ पूरा देस के संगे -संग आने देस मन घलो राममय होगे हे लागत हे। त अइसन सुघ्घर बेरा म भगवान राम के ममा ठउर छत्तीसगढ़ ह कइसे अछूता रहि। छत्तीसगढ़ ह अपन भांचा राम के मूर्ति ल मंदिर म करीब पांच सौ बछर बाद फिर से स्थापित करे के बेरा म उछाह ले भर गे हावय। भगवान राम के ननिहाल हमर छत्तीसगढ ले अयोध्या म आयोजित बड़का भंडारा खातिर बासमती चउंर , किसम- किसम के सब्जी के संगे संग सहयोग राशि पठोय गे हावय। इहां के सबो शहर अउ सब गांव राममय होगे हे।किसम किसम के आयोजन होथे। जय सिया राम।
ओमप्रकाश साहू "अंकुर"
सुरगी, राजनांदगांव
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