रायपुर, २५ अक्टूबर,
आज २५ अक्टूबर के दिन राजधानी रायपुर के प्रेस क्लब म 'सुरता' कार्यक्रम के आयोजन कर पुरखा साहित्यकार श्री मेहतर राम साहू जी ल उँकर पुण्यतिथि म सुरता करे गिस। सुरता के ए चौदहवां आयोजन रिहिस। जउन एकर पहिली ए आयोजन बागबाहरा म होवत रहिस। जेकर माई पहुना रहिन डॉ. बिहारी लाल साहू वरिष्ठ साहित्यकार, अध्यक्षता करिन भाषाविद् अउ साहित्यकार डॉ. चित्तरंजन कर अउ खास पहुना म देवधर महंत, रामेश्वर शर्मा, कुबेर साहू, पद्मश्री अनूप रंजन मन रहिन।
सुरता के ए आयोजन शुरुआत पहुना मन डहर ले पूजन अर्चन दीप प्रज्वलन अउ श्री सुरेन्द्र मानिकपुरी कोति ले संगीतमय राजगीत के प्रस्तुति संग होइस। एकर पाछू पधारे पहुना मन के अक्षत-टीका लगा के पारंपरिक रूप ले स्वागत करे गिस। श्री मेहतर राम साहू गुरुजी के लिखे सरस्वती वंदना के सुरेन्द्र मानिकपुरी के गायन संग ए सुरता कार्यक्रम के विधिवत शुरुआत होइस। पुरखा साहित्यकार श्री मेहतर राम साहू के कृतित्व अउ व्यक्तित्व ऊपर मंचासीन पहुना मन अपन विचार रखिन।
श्री देवधर महंत ह अपन प्रशासनिक सेवा के बखत उँकर ले भेंट अउ साहित्यिक आयोजन के सुरता करत उँकर मिलनसार सहज व्यक्तित्व ल सुरता करिन। रेडियो म उँकर लिखे गीत के प्रसारण के शोर घलव करिन।
श्री रामेश्वर शर्मा उन ल महापुरुष बतावत कहिन कि हरिठाकुर सरीखे पहिली पंक्ति के छत्तीसगढ़ के साहित्यिक महापुरुष रहिन। आप उँकर कृतित्व के चर्चा घलव करेव। उँकर कृतित्व म हास्य, व्यंग्य अउ निराशा के बीच आशा के समाय सुर के दृष्टान्त देव।
ए बेरा म कुबेर साहू उन ल सुरता करत छत्तीसगढ़ी के प्रति समर्पित शख्स बतावत छत्तीसगढ़ी के अइसे शब्दकोष बनाय के जरूरत बताइन जेमा एके अर्थ के क्षेत्रीय चलन के जम्मो शब्द एक जघा आ जवय।
बस्तर ले आय पद्मश्री अनूप रंजन मन उन ल छोटे जघा ले निकले अउ निखरे बड़े रचनाकार बताइन।
श्री चित्तरंजन कर उन ल महत्तम रचना के रचनाकार बताइन अउ उँकर रचना के सार्थकता ल रेखांकित करिन। श्री मेहतर राम के कृतित्व अउ व्यक्तित्व ल सरेखत ए आयोजन बर उँकर सपूत धनराज साहू ल बधाई देवत आप कहेव-अइसन आयोजन करे ले साहित्यकार के जिनगी बाढ़ जथे।
अध्यक्ष के अनुमति ले वरिष्ठ साहित्यकार नंदकिशोर शुक्ल मन छत्तीसगढ़ी साहित्य अकादमी के माँग करे के प्रस्ताव रखिन अउ एला सभा म स्वीकृति दे गिस।
सुरता करे के ए बखत म श्री मेहतर राम साहू के किताब कउआँ लेगे कान ले के दूसरइया संस्करण के विमोचन करे गिस। संगेसंग वीरेन्द्र सरल के किताब ठग अउ जग के विमोचन घलव होइस।
छत्तीसगढ़ी भाषा के बढ़वार बर आज श्री मेहतर राम साहू सुरता सम्मान, श्री शिव निश्चिंत रायपुर ल, डॉ. नारायण लाल परमार सुरता सम्मान श्री वीरेन्द्र सरल व्यंग्यकार ल, ग़ज़ल खातिर पूरन जायसवाल, पठारीडीह ल पी. एल. कोरी सम्मान, डॉ. प्रभंजन शास्त्री सुरता सम्मान श्री चंद्रहास साहू कहानीकार धमतरी ल, श्री हरिकृष्ण श्रीवास्तव सुरता सम्मान ईश्वर साहू आरुग ल, अउ साहित्य संदेश सम्मान साकेत साहित्यिक समिति सुरगी, राजनांदगांव ल प्रदान करे गिस। ए सत्र के सफल संचालन मंच संचालक विवेक अग्रवाल करिन।
मँझनिया जेवन के पाछू दूसर सत्र म उपस्थित कवि अउ रचनाकार मन कविता पाठ करिन।
ए कार्यक्रम म कतकोन गायक अउ साहित्यकार बंधुराजेश्वर खरे, विजय मिश्रा अमित, अरुण कुमार निगम, नरेंद्र वर्मा, अजय अमृतांशु, मनीराम साहू, डॉ रामकुमार साहू, पोखन लाल जायसवाल, ओमप्रकाश अंकुर, मीनेश साहू, हबीब खान, अनुराग द्विवेदी, चंद्रकांत सेन, दीपक तिवारी आदि उपस्थित रहिन।
सुरता के अइसन आयोजन करे ले गुमनामी म साहित्य सिरजन करे पुरखा के कृतित्व अउ व्यक्तित्व साहित्य ल नवा दिशा दिही। खासकर के राजधानी म होय ले एकर गूँज दूर तक जाही, ए उम्मीद करे जा सकत हे।
आयोजक श्री धनराज साहू उपस्थित पहुना अउ साहित्य प्रेमी मन के आभार प्रकट करिन।
पोखन लाल जायसवाल
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