Thursday, 8 June 2023

का करि डारेंव काकर बुध मा

 का करि डारेंव काकर बुध मा       डॉ बी नंदा 

मनखे  के हदरही  ल का कहीबे। कतकोहन मिल जाए फेर ओकर पेट हा नई भरे। परकिर ती ह का जिनिस ला नई देत हे, फेर ओला कामतिच परथे। हवा , पानी, जंगल_ झाड़ी, आगी, फल_ फूल, कंदमूल, लकड़ी , जम्मो जीवन के सबो अमृत ल कुड़हो देथे। फेर का करबे, कारखाना बनाना हे,  धुआं फेंक_ फेंक नंगत के गाड़ी चलाना हे,  जंगल ला काटना हे, तरिया ला  पाटना हे, कुआं ला पाटना,  नदी नरुआ ला पाट_ पाट के घर बनाना हे , चाकर_ चाकर छे लेन के सड़क बनाना हे,खेत_ खार मा भक्कम   खातू डारना हे, गरवा_ गाय के कोई जतन नहीं, जेखर करा हवे तेहा, कांदी _कचरा कहां के खवाही ऊहू हर दुनिया भर के नवा_ नवा ,रंग_ रंग के दाना_ दुचरा ल खवाथे । एकरे मारे दूध ह घ लो आजकल सुद्ध नई मिलए। अऊ उपराहा मे लोगन नकली दूध बनाथे यूरिया खातू डार_ डार के।वाह ! रे मनखे अपने मन बर अपनेच  दुसमन बनगेहे। हाय रे पइसा, देखेंव निही तोर  जईसा।

     मनखे हर जीहां जाथे तिहां कचरा करथे। एवरेस्ट के चोटी ह घलो नई बांचे हे। कतरो लिखाय राहय एकरा कचरा फेंकना मना हे, फेर मनखे के जात नियम ल माने से जादा   टोरे मां मजा आथे । हमर देस में तो ईही तरह देखे ल मिलथे। एकरे सेती सरकार ल साफ_ सफई बर अभियान चलाना परथे , कभू हाथ धुलाई अभियान, कभू स्वच्छता अभियान। चलगे अभियान दू दिन तहां अभी जाके देख लव गांव ल कहांव कि सहर ला मार कचरा गंजाय रही अऊ बस्सात , बजबजावत रहिथे । अब भई नियम ल नई मानही त कईसे होही? हमर पारा मां घलो देखथंव रोज ऐ 

डहा कचरा वाले मन आथे सूखा कचरा, गीला कचरा दूनों परकार के बाल्टी हे तभो ले कई झन मन कचरा ल परोस मा कुड़हो देथे ।

     अइसने गांव मन के हाल हे । पहीली सबके अपन_ अपन घुरुवा राहय गांव के बहीरी मा । आजकाल सबो भूईंया बटागे अऊ सबो घूरुवा पटागे । जेकरा देखबे तेकरा कचरा के कुढ़ोना।

      परियावरन ला बिगाड़े के काम सबले जादा मनखे हर करथे ता ओला सुधारे के काम ऊही ल करना  चा�

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