बेरा बखत के व्यंग-"राम-राम"
दू ठन मेंचका मन टरर टरर नरियावत राहय में कहेंव कस जी तूहर तो अभी दिन बादर नी आय हे तभो ले टरर - टरर नरियावत हो।मेंचका मन कथे अब तो हमरो मनके दिन बादर के कोनो ठिकाना नी राहय।इंहा बारो महिना जब पाय तब कहूं जगा बरखा रानी बरस जथे।
त हमू मन नरियाय लेथन।बछर कईसे बितथे पता घलो नी चले।मेंचका कथे। अऊ सुना तुहर मन के का हाल चाल।बस जस हाल तुंहर तस हाल हमर।कब लईका ले जवान,जवान ले सियान,होथन पताच नी चले।आठो काल बारो महिना चुनाव।वहू मन तको बारो महिना तुम्हरे मन कस नरियावत रहिथे।
मेंचका ह कथे सुने हों आजकल तो तूमन ल अड़बड़ रमायनिक हो गे हो ।साल म दू दू बेरा रामायण प्रतियोगिता कराथौ।त ऐकर ईनाम घलो जोरदरहा मिलत होही।मे हर कान म खुसूर -फूसुर बताएंव ,कतको जगा तो पिछलऊहा प्रतियोगिता के ईनाम घलो नी मिले हे रे मेचका।मेचका ह कथे यहा गरमी म प्रतियोगिता कराथौ त कोनो पारटी -वारटी ,सुनईया -गुनईया आथे नीही जी।तूमन तो बने हो रे मेंचका पानी म बुड़े रहिथो,यहा गरमी म कोन ह परान ल दे बर आही। कतको जगा तो एके पारटी आय, अपने मन गवईया, अपने मन बजईया, अपने मन सुनईया । फेर साल मे दू बेर प्रतियोगिता समझ ले बाहिर हे।सब अइसन समझत हे रे मेचका राम रामायण ले ऊंकर बेड़ा पार हो जही। फेर करम तो घलो करे ल पड़ही।इहां चुनावी पारटी वाले मन न रे मेंचका चुनाव आथे तहां ले सब राम के हो जथे।जे मंच म देखबे ते मंच म राम बिना परपंच सुरु नी होय ।हम राम बर ऐ बनायेन,हम वो बनायेन। पता नही राम ह ऐमन ल बनाईस के राम बर ऐमन ह।मेचका कथे हमरो बेड़ा पार करे बर एकात ठन भजन -उजन ,गाना सिखा देतेव।मे केहेव सिखबे त ले सिख- तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार ,
उदासी मन काहे को करे।
मेचका पूछथे अऊ बता का काम बुता चलत हे।मे केहेव तूहरे मन बर तो रोजगार गारंटी म तरिया डबरी ल कोड़त हन।मेचका कथे फेर ये बता जब जब अषाढ़ के आती होथे अऊ तरिया डबरी खुलथे?इहीच ह मनखे मन के कला आय रे मेचका।जईसे चोर मन कर हर ताला चाबी रहिथे।वईसने वहू मन बहुत दूरिहा के बिचारथे। बरसात के पहिली पूर्वानुमान।तभे तो पंच बर हजारो , सरपंच बर लाखों रूपिया चुनाव म उड़ा देथे।वतका म मेचका कथे भईया मोरो नाम ल वोटिंग लिस्ट म जोड़वा देतेस। आधार- वधार बनवा देतेस,सुने हो इहां सब बहिरी ले आथे उकरो फरजी आधार बन जथे।महूं ह चुनाव के गंगा म डुबकी लगा लेतेव।मोरो जीवन धन्य हो जही।ताहने महू अषाढ़ के आती -आती तरिया डबरी कोड़वातेंव।
मेचका कथे तहू
मन करोड़पति होहू न जी ।टीवी म देखात रहिथे डरीम इलेवन में टीम बनाईये करोड़ो कमाइये।सुने हो बडका बड़का हस्ती मन तको ऐसन सट्टा जुआ के विज्ञापन करथे। ओकर लोग लईका मन ह ऐसन गेम मन ल खेलत होही जी। करोड़ों कमातेन त तरिया कोड़े बर कार आतेन रे मेचका ।ऐ हस्ती मन सब बेचरऊहा हरे, इंकर कोई इमान धरम नइ हे ,नही ते ऐमन देश के भविष्य ल बिगाड़े के विज्ञापन ल करतिस।ऐमन लिलामी म बिकथे रे मेचका अऊ मालिक मन बर जी जान लगा के खेलथे।अऊ देश बर खेलना हे त टेस्ट मैच के वर्ल्ड कप फाइनल देखे हस---?
फकीर प्रसाद साहू
ग्राम -सुरगी
जिला -राजनांदगांव
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