Saturday, 1 April 2023

नानपन म लडरेंगवा के विहाव

 नानपन म लडरेंगवा के विहाव


 अंजोरपुर गांव नदिया के पार बड़े बड़े रूख राई के छैहा बेदरा भालू के बसेरा पैडगरी गाड़ी रवन जोगनी के अंजोर म झुकुर झुकूर दिखय ऊहा से दु कोस दुरिहा म लडरेगवा के ससुलाल रहीस लडरेंगवा के उमर होगे कोरी भर म दु बछर कम ले देके चौथी फैल के डिग्री ओकर महतारी खोबाहरीन ह सोचिस लइका के उमर होगे पठौनी के उमर  गांव घर म येती ओती घुमत रहीथे बहु बाढ़ के होही त पठौनी करा के ले आतेन काम बुता के झिकझिक होवत हे रात म लढरेंगवा संग गोठ बात करीन सुबह लढरेंगवा ह बासी खाके तियार होगे ओकर महतारी ह बहु बर अंगरा के रोटी बना के चिरहा झोला म जोर दिस अवु एक ठन टुटहा छाता पकड़ा के लड़रेंगवा कहिस अब ले जा बहु सज्ञान होगे होहि देख के आ फेर बहु के गवना मांगबो लढ रेंगवा धीरे धीरे ससुराल के लिए चलिस बैसाख के महीना तीपत

मझनिया घाम गाड़ी रवन के फुदका म गिर पडी स औहा झौहा देख के रटपटा के उठीस परसा पान के नवा उल्होए पत्ता ल जमो

फुदका ल झरराइस फिर धीरे ससुराल म पहुचिस करिया छाता ल नवा सगा ल देख के गांव कुतवा मन घेर लिस लड़रेंगवा दौड़ के जान बचाइएस ले देके ससुराल घर म पहुचीस ओकर सास अंगना म सुमा डोरी के खटिया बिछाईस लाढरेंगवा खटिया म बैठीस डोकरी ओकर सुआरी ल आवाज़ दिस एक लोटा पानी लेके बीस बछर के रोठडाट नोनी निकलिस कभू अपन सुआरी ल नय देखे रहीस लढरेंगवा उठ के टपाटप पाव पर डरिस ओकर सास अकबका गय 

ओकर सास पुछिस तै काबर पाव परत हच बाबू लड़ रेंगवा पूछिस ये कोन ये दाई ओहा बताइस अही तोर सुवारी ये बाबू लढ़ रेंग्वा कहीस धोखा होगे दाई लड़ रेंगवा ल रात मे खाव इस पठोनी के बात करीन बिहान भर मोटियारी टूरी कहिस दु बच्छर के बाद आबे लढ़ रेंग्वा अतका बात ल सुन के लढ रेंगवां अपन गांव के डगर चलीस बिहान भर गांव म हल्ला होगे ओकर सुवारि मोटियारी गांव के टूरा भोलू के साथ उढरिया भाग गय l

मोहन लाल "निर्दोष"


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