Thursday, 13 April 2023

पल्लवन -"अक्कल बड़े ते भैंस " आज तक ये सुलझे नइये।

 पल्लवन -"अक्कल बड़े ते भैंस " आज तक ये सुलझे नइये।

कभू भैंस बड़े हो जथे त कभू अक्कल।

असल म ये हाना के रूप बदल गे हावय। ये ह आये " अक्कल बड़े के वयस " वयस ह वैस बनगे बाद म ओ ह भैस बनगे। वयस के मतलब होथे शरीर शरीर बड़े हे के बुद्धी। यह बात ह चलते हे।

जब भी बुद्धु वाले बात होथे तब ये हाना ल बोल देथें। एक बेर  एक घटना होगे।


पोनी ले के एक व्यापारी नदी पार करत रहिस हे। पोनी ह जेन गदहा के पीठ म रहिस हे तेन ह एक बेर नदी म गिर जथे त ओखर पीठ के वजन ह कमती हो जथे। ओ बेरा म ओखर पीठ म मिश्री  के बोरा रहिस हे। अभी ओखर पीठ म पोनी के बोरा ह  मिश्री के बोरा ले दूगुना बड़े रहिस हे। 


गदहा तो गदहा रहिस हे। ओ ह सोचथे " ये पानी म गिर जथंव त वजन ह कमती हो जही।" बीच नदी म गदहा ह बइठ जथे। पोनी ह पानी ल सोख लेथे। पोनी बहुत वजनी हो जथे। गदहा ल उठाये बर मदद करे बर परथे।  गदहा ह सोचथे ये ह वजनी कइसे होगे? ओखर आँसू निकल जथे।


इही ल कहे जाथे अक्कल बड़े तै भैंस। ये मेर तो भैंस बड़े होगे। अक्कल बड़े ते शरीर। तभो शरीर बड़े होगे।

सुधा वर्मा ,15/4/2023

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