Monday, 24 April 2023

पल्लवन: जल ही जीवन है

 पल्लवन: जल ही जीवन है 

----------------------------------------

पोखन लाल जायसवाल 

          जल ही जीवन है, ये कथन ओतके सच हे, जतके सच जल अउ जीवन आय। आज ए कथन के प्रासंगिकता दिनोंदिन बाढ़ते जावत हे। जइसे-जइसे चउमास म बरसा कमतियावत जावत हे, या कहन कि चउमास के दिन घटत जावत हे, तइसे-तइसे धरती म जीव-जनावर बर पानी कमती होवत जावत हे। नरवा-नदिया दम टोरत हे। सिसकत हे, फेर गोहराय काखर मेर?जेन ल जरूरत हे उही नइ सोचत हे जब।तरिया-डबरी ल मनखे चगलते जावत हे। पुरखौती खेती-बारी कमती परत हे, त तरिया-डबरी ल पाटत हें। सइता नइ रहिगे हे मनखे के। अइसन म पानी आही कति ले? बरसा नइ होय ले भूमिगत जल स्त्रोत सूखते जावत हे। अइसे म भुइयाॅं के ऊपर अउ तरी दूनो मेर पानी के संकट गहिरावत जावत हे। अइसन म पानी बचाना मतलब जिनगी बचाना हरे।

          थोरिक गुनान करव न। मनखे के विकास यात्रा के इतिहास घलव इही च तो बताथे कि जिहाॅं पानी रेहे हे, उहें ले मनखे आघू बढ़े हे। तब ले अब तक जिहाॅं पानी पर्याप्त हे/ भरपूर हे उहें मनखे निवास करथे। आने जीव मन घलो उही तिर अपन बाड़ा बनाथें। बासा करथें। मनखे सहित जम्मो जीव पानी बिगन ताला बेली करथे। छोटे-छोटे जीव गरमी के दिन म बिन पानी के तड़पे लगथे त पेड़ पौधा मन मुरझाय धर ले थें अउ मरे लगथें। 

           घुमंतू जीवन जीयइया मन घलव गॅंवई-गाॅंव म पानी के बेवस्था देख के ही डेरा जमाथें। खासकर के ओमन तरिया पार नइ ते तिर म रहिथें।

           विज्ञान अपन प्रयोग ले सिद्ध कर डरे हे कि जल याने पानी जिनगी बर बड़ जरूरी जिनिस आय। बिगन जल के जिनगी संभव नइ हे। सौरमंडल म जतका ग्रह हवै ओमा सिरिफ पृथ्वी अइसे ग्रह आय, जिहाॅं पानी हे अउ जिनगानी हे। बाकी अउ कोनो ग्रह म न पानी हे, न जिनगी हे। अउ आने आने जघा म वैज्ञानिक मन जीवन तलाशे बर उहाॅं के भुइयाॅं म हवा अउ पानी के पता लगाय के उदिम करथें। एकर ले इही कहे जा सकत हे, जल ही जीवन है।

         आवव संकल्प करिन कि पानी बचाके जिनगानी बचावन। 


पोखन लाल जायसवाल

पलारी (पठारीडीह)

No comments:

Post a Comment