Thursday, 13 April 2023

पल्लवन-. *परहित सरिस धर्म नहीं भाई,* *परपीड़ा सम नहिं अधमाई।* - विनोद कुमार वर्मा

 पल्लवन-.         *परहित सरिस धर्म नहीं भाई,* 

                        *परपीड़ा सम नहिं अधमाई।*

               

                   - विनोद कुमार वर्मा 


          गोस्वामी तुलसीदास के चौपाई के अर्थ सर्वकालिक हे कि परहित या परोपकार के समान कोई धर्म नि हे अउ परपीड़ा के समान कोई पाप नि हे। 

     मनुष्य सामाजिक प्राणी हे अउ ओला सामाजिक धर्म के पालन करना चाही। सामाजिक धर्म का हे?-  सामाजिक धर्म हे कि स्वयं जीये अउ आन ला घलो जीयन दे। अपन क्षमता के अनुसार व्यक्ति ला एक-दूसरे के मदद करना चाही। यदि कोई व्यक्ति दुर्घटना म घायल हो जाथे त ओला तुरते मदद के जरूरत पड़थे। ओ समय मदद करना सबले बड़े पुण्य के काम हे- मंदिर म मत्था टेके अउ दान करे ले भगवान ओतका प्रशन्न नि होही जतका घायल व्यक्ति के मदद करे ले होही। 

    परहित के कतकोन उदाहरण नित-प्रतिदिन देखे ला मिलथे।  गर्मी के मौसम म पथिक ला पानी पिलाना, भूखे ला भोजन खिलाना, वस्त्रदान करना, स्वयं के खर्च म अस्पताल, धर्मशाला ,स्कूल, कुँआ, तालाब आदि बनवाय के कतकोन उदाहरण हमर आसपास हे। छत्तीसगढ के नवगठित भाटापारा-बलौदाबाजार जिला के गाँव तरेंगा म सन् 1876 म जन्में दाऊ कल्याण सिंह छत्तीसगढ के सबले बड़े दानवीर माने जाथे। ओकर दान दिये रायपुर के लभाण्डी फार्म के हजारों एकड़ जमीन मा आज इंदिरागाँधी कृषि विश्वविद्यालय संचालित हे..... अस्पताल, धर्मशाला, तालाब,  कुँआ आदि के निर्माण घलो कराईन। 

 

वृच्छ कबहु नहीं फल भखैं, नदी न संचै नीर।

परमारथ के कारने, साधुन धरा शरीर।

                           - रहीम


    प्रकृति म सबो कोती परोपकार के भावना दर्शित होथे। सूर्य सबो बर एक समान प्रकाश बिखेरथे। रात म चन्दा के शीतल रौशनी, बादर ले बरखा, फूल के सुगंध का कोई पक्षपात करथें? बृक्ष अपन फल ला स्वयं तो नि खाय फेर सबो प्राणी ला फल अउ छाँव प्रदान करथे। नदी अपन जल ला संचित करके नि रखे। पशु-पक्षी मन के रक्षा करना, सद्साहित्य के लेखन ले समाज ला दिशा दिखाना, विपत्ति के समय मदद करना, समाज के दिग्भ्रमित व्यक्ति मन ला रद्दा दिखाना आदि परहित के ही काम हे। सत्पुरूष सदैव दूसर के हित बर अपन जीवन ला समर्पित कर देथें। 

     एकरे सेथी संसार के सबो मजहब म परहित ला ही सबसे बड़े पुण्य कर्म या धर्म माने गे हे। 🙏🌹


             - विनोद कुमार वर्मा

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