नान्हे निबंध
नोनी तोर सात जनम
संसार म कथा बहुत हे l जतका कथा हे सबके इही सार बिन नारी के कथा अधूरा हे l मनु ला सतरूपा चाही दुनों के मरजी संसार कइसे बढ़य l
कोरी खैरखा कौरव मन बिन नोनी के बंस l सत्यानाश होगे कुल के मरजाद रखैय्या नहीं l
द्रोपदी एक झन पांच पति पांडव l ओकरो चीर हरण कथा
महाभारत के l
नोनी आइस सीता धरती ले जनक के गोद मे l दशरथ के बहु भगवान राम के जोड़ी दार संगनी l
ओकऱ पहिली शिव कथा माता पार्वती के भूत नाथ भोले संग l
कथा ऊपर कथा सबो कथा म नारी के व्यथा l नोनी ले नारी बने हे नर नारायन ले नारायनी l
नोनी तोर पहिली जनम आंसू दूसर जनम तिरिया तीसर जनम मरजादी चौथा जनम साथी पांचवा जनम दाई ददा के सहारा छठ वां जनम राखी अउ सातवां जनम अभागिन l
तोर भाग ला अब का कहन l नोनी अस l तोर सातों जनम अबिरथा नई जाय l बिन नोनी के घर परिवार समाज पथरा ए l कलेजा के टुकड़ा काला कइथे नोनी ला l
मुरारी लाल साव
कुम्हारी
No comments:
Post a Comment