Saturday 26 August 2023

मनटोरा -----+ ----

 मनटोरा

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      पहिली गांव मा एक परम्परा चलत रिहिस हे, जेखर घर मा लोग लइका नइ नाँदय त उंखर घर अवइया लइका के नाम ला कचरा , घुरवा, नकछेड़ा, टेटकू रख दे जाये। येखर सच्चाई का आय या अइसन नाम रखे के कारण का हे येला महू नइ बता सकवं। फेर अतना जानाथवं येहर एक टोटका आय। अइसने बेटा मन ला कुल के वाहक माने जाथे बेटा कतको खराब राहय फेर सबो मनखे ला बेटा पाय के इच्छा रथे।येखर विपरीत कहूँ कखरो घर बेटीच बेटी दू ले कहूँ ऊपर हो जाथे ताहन मनखे मन बिट्टा जाथे त वोखर नाम बिटावन , मन टूट जाथे त मनटोरा रख देथे। अब भले जमाना बदल गे हे फेर ये पहिली के किस्सा आय। हमर पड़ोस के भउजी के नाम घलो मनटोरा राहय।  एक दिन मेहा वोला पूछ पारेवं भउजी तोर नाम काबर मनटोरा रखे गे हवय। त भउजी हा अपन किस्सा ला बताइस। बाबू मेहा अपन दाई ददा के नौवां नंबर के संतान हरवं। बेटा के रद्दा देखत देखत आठ झन लड़की होगे। उंखर मन टूट गे रहय। कुछ दिन बाद मोर मां के फेर गर्भ ठहर गे । ये पंयित मोर ददा के मन में रिहिस की बेटा जरूर आही, फेर भाग मा जेन लिखाय रथे उही होथे। अउ ये बखत घलो मेहा बेटी आ गेवं। दाई ददा के संगे संग पूरा परिवार के मन टुटगे। वोखरे सेती मोर नाम मनटोरा रख दिये गइस। तब ले सब कहूँ मोला मनटोरा कहिथे।


कुलदीप सिन्हा "दीप"

कुकरेल ( सलोनी ) धमतरी

24 / 08 / 2023

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