Wednesday 17 January 2024

सुरता शिक्षा, साहित्य अउ समाज सेवा ल समर्पित व्यक्तित्व - बंशी लाल जोशी 'गुरूजी ' जनम -15-08-1940 निधन -08-01-2024

 सुरता 


शिक्षा, साहित्य अउ समाज सेवा ल समर्पित व्यक्तित्व - बंशी लाल जोशी 'गुरूजी '

जनम -15-08-1940    निधन -08-01-2024


   शिक्षा ह आगू बढ़े के सुघ्घर माध्यम हरे। शिक्षा ह शेरनी के दूध के समान होथे जेला पीके मनखे ठाहिल बनथे। शिक्षा जिहां संस्कार, रोजगार पाय के साधन हरे त अपन अधिकार के रक्षा खातिर जूझे बर घलो प्रेरित करथे। कोनो मनखे  बर शिक्षा ह तभे सार्थक हे जब वोकर उपयोग वोहा समाज हित बर करय। अइसने एक व्यक्तित्व के धनी रिहिन हे बंशी लाल जोशी' गुरु जी 'जउन ह अपन शिक्षा ल सार्थक करिन. शिक्षा के माध्यम ले सरकारी नौकरी पाइस फेर अपन जिनगी ल 

 साहित्य अउ समाज सेवा बर समर्पित कर दिस।

   राजनांदगांव ह संस्कारधानी नगर कहलाथे। ये जिला/शहर ह पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, गजानन माधव मुक्तिबोध, बल्देव प्रसाद मिश्र, कुंज बिहारी चौबे, विनोद शुक्ल,शरद कोठारी, रमेश याज्ञिक, डा.नंदू लाल चोटिया, कनक तिवारी, स्वर्ण कुमार साहू, दुलार सिंह साव मंदराजी दाऊ, खुमान साव, मदन निषाद, पद्मश्री गोविंद राम निर्मलकर, नूतन प्रसाद शर्मा, डा. गणेश खरे, मेघनाथ कन्नौजे,आचार्य सरोज द्विवेदी, गणेश शंकर शर्मा, डा. दादू लाल जोशी, कुबेर सिंह साहू, माला बाई मरकाम, दीपक विराट, पूनम विराट, कविता वासनिक,गिरिजा सिन्हा, डा. शंकर मुनिराय, हर्ष कुमार बिंदु,आत्मा राम कोशा अमात्य,वीरेंद्र बहादुर सिंह , महादेव हिरवानी जइसे साहित्यकार अउ कला साधक मन के जनम भूमि/ कर्म भूमि हरे। संस्कारधानी राजनांदगांव ले बालोद मार्ग म एक पावन गांव हे सिंघोला। मां भानेश्वरी मंदिर के कारन ये गांव के अब्बड़ सोर हे। एक पर्यटन स्थल के रूप म एक अलग पहिचान बन गे हावय।इही पावन गांव ह बंशी लाल जोशी जी के जनम भूमि हरे।

  बंशी लाल जोशी के जनम 15 अगस्त 1940 म किसान परिवार म होइस।ऊंकर ददा के नांव नाथू दास जोशी अउ दाई के नांव जीरा बाई जोशी रिहिन। उंकर बिहाव बिसरी बाई जोशी संग होइस। सतनाम पंथ के संस्थापक गुरु घासीदास के उपदेश ल अपना के जोशी जी ह आगू बढ़िस। पढ़े लिखे म अब्बड़ हुसियार रिहिन। इंटरमीडियेट तक पढ़ाई करिन। फेर अपन मिहनत ले आदिम जाति कल्याण विभाग म शिक्षक बनगे‌। शिक्षकीय दायित्व ल बने निभात साहित्य अउ समाज सेवा कोति घलो अपन धियान लगाइन। जोशी जी ह अपन बेटा दिनेश जोशी अउ दू झन बेटी ल अब्बड़ पढ़ाइस - लिखाइस। उंकर बेटा भिलाई इस्पात संयंत्र म अधिकारी पद ले सेवानिवृत्त होय हे त दूनो बेटी शिक्षा विभाग म शिक्षिका हावय।



जोशी जी ह हिंदी अउ छत्तीसगढ़ी म कलम चलाय हे। पद्म के संगे संग गद्य म लेखनी करे हावय।उंकर रचना सत्यध्वज, दैनिक सबेरा संकेत,दावा, साकेत स्मारिका अउ आने अखबार म सरलग प्रकाशित होवत गिस।उंकर प्रकाशित कृति म दादू लाल जोशी फरहद का सामाजिक चिंतन ( संपादित कृति _1998),  कविता संग्रह म 'शब्द नहीं भाव '-2008, संपादित कृति म' सूर्य कहूं या दीप "(2012) सामिल हे।


शिक्षा विभाग ले सेवानिवृत्त होय के बाद अपन पूरा धियान साहित्य अउ समाज सेवा म लगा दिस। संस्कारधानी राजनांदगांव के साहित्यिक आयोजन के संगे संग प्रांत स्तरीय आयोजन म घलो सक्रियता ले भाग लेवय । पत्र लेखक मंच राजनांदगांव,छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति,  विचार विन्यास राजनांदगांव,साकेत साहित्य परिषद सुरगी, शिवनाथ साहित्य धारा डोंगरगांव, राष्ट्रीय कवि संगम राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के आयोजन म सामिल होवय। साहित्य अउ समाज सेवा बर आर्थिक सहयोग करे बर सदा तत्पर राहय। हमर प्रदेश के बड़का साहित्यकार डॉ दादू लाल जोशी फरहद के कहना हे कि- "जोशी जी ल कभू क्रोध करत नइ

देखेन। काकरो बर नराज होवत नइ देखेन। वोहा अब्बड़ सरल,सहज अउ सरस व्यक्तित्व के धनी रिहिन ‌।" जोशी जी ह शिक्षा, साहित्य अउ समाज सेवा बर कतको घांव सम्मानित होइस। 84 बछर के उम्र म घलो साहित्यिक अउ समाजिक आयोजन म सक्रिय रिहिन। खेती किसानी डहर घलो धियान देवय।अइसन कर्मठ अउ समर्पित व्यक्तित्व के धनी जोशी जी ह 8 जनवरी 2024 म अपन नश्वर शरीर ल छोड़ के स्वर्गवासी बनगे। उंकर बेटा दिनेश जोशी ह वोला मुखाग्नि दिस। ये बेरा म समाज के संगे संग पत्रकार अउ साहित्य बिरादरी ह अपन उपस्थिति देके जोशी जी के योगदान ल सुरता करिन। मृतात्मा के शांति बर दो मिनट मौन धारन कर श्रद्धांजलि अर्पित करिन। जोशी जी ल शत्  शत् नमन हे। विनम्र श्रद्धांजलि।


             ओमप्रकाश साहू "अंकुर"

                सुरगी, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)

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