Friday 5 July 2024

नेपाल यात्रा

 नेपाल यात्रा

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विगत दिवस (6 से17 जून 2024) तक भगवान पशुपतिनाथ के अहैतुकी कृपा अउ भागवताचार्य पं०प्रदीप चौबे के प्रेरणा अउ मार्गदर्शन मा छत्तीसगढ़ के 140 झन तीर्थ यात्री मन के जत्था संग मोर सपत्नीक नेपाल देश के तीर्थयात्रा सकुल सम्पन्न होइस।

 6जून के रतिहा 9 बजे दुर्ग नवतनवा एक्सप्रेस के एसी बोगी B6मा यात्रा के उत्साह मा लकर-धकर बइठेन।भाटापारा स्टेशन ले ट्रेन छूटिस तेन हा 7 तारीख के रतिहा 9 बजे गोरखपुर स्टेशन पहुँचिस।उहाँ उतर के यात्रा प्रबंधक हा जिहाँ ठहरे अउ भोजन पानी के व्यवस्था करे रहिस हे तिहाँ विश्राम करेन।गोरखनाथ मंदिर के नजदीक के वो धर्मशाला हा छत्तीसगढ़़िया तीर्थयात्री मन ले कोजबिज कइया करत रहिसे। बिहानभर गोरखनाथ मंदिर के दर्शन अउ अन्य जगा,गीता प्रेस आदि ला घूमे के बाद दोपहर 2बजे काठमांडू बर बस मा सफर शुरु होइस।

   नेपाल देश हा हिमालय के गोद मा बसे हे जेकर सीमा तीन तरफ ले भारत अउ एक तरफ ले तिब्बत(चीन) ले लगे हावय। हमर देश के मन बिहार अउ उत्तर प्रदेश ले जा सकथे।हमन गोरखपुर ले लगे सोनाली बार्डर ला पार करके काठमांडू जिहाँ पशुपतिनाथ के मंदिर हे तेकर दर्शन बर प्रस्थान करेन।

    नेपाल देश जाये बर भारतीय मन ला पासपोर्ट नइ लगय फेर आधार कार्ड अउ सामान मन के चेकिंग जरूर होथे। लगभग 24 घंटा के बस मा सफर (अधिकांश) पहाड़ के उपर पहाड़ी रास्ता) के बाद संझा 4 बजे काठमांडू पहुँचेन।उहाँ के रामनाथ होटल मा ठहरे के व्यवस्था रहिसे। नहाँ धोके आधा किलोमीटर दूरिहा मा स्थित भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन बर चल देयन। भीड़ जादा नइ रहिसे तेकर सेती आधे घंटा मा भगवान पशुपतिनाथ के भव्य दर्शन होगे।यात्रा के पूरा थकावट मिटगे अउ मंदिर परिसर मा अपार शांति के अनुभव होस।अइसे लागिस के जिनगी धन्य होगे। 

     काठमांडू मा पं० प्रदीप चौबे जी के पाँच दिन के भागवत के आयोजन सुबह 9बजे ले दोपहर 12 बजे तक होवय। अब तो बड़े बिहनिया ले रोज पशुपतिनाथ के दर्शन तहाँ ले दिनभर ले लेके रात दू-तीन बजे तक नेपाल के दर्शनीय धार्मिक, प्राकृतिक अउ ऐतिहासिक जगा मन के भ्रमण के सिलसिला चालू होइस।एक दू रात तो दूरी जादा होये के सेती काठमांडू ले बाहिर तको रुके ला परिस।

  काठमांडूच मा पशुपतिनाथ मंदिर के अलवा स्वयंभूनाथ मंदिर,बौद्ध मंदिर,बौद्धस्तूप, पाटन दरबार, विष्णुमंदिर आदि बहुत कस जगा ला देखेन।एकर अलावा काठमांडू ले बाहिर के डोलेश्वर महादेव, मनोकामना देवी मंदिर, जनकपुर आदि के भ्रमण अउ दर्शन करेन।

   नेपाल हा पहाड़, नदिया , गहिर खाई अउ कटकट ले जंगल वाला बहुतेच मनोरम देश आय। माँउटएवरेस्ट सहित अउ सात ठो संसार के ऊँचा चोटी मन इँहें हें,200 ले आगर नदिया हें। 3000--5000 मीटर गहिरा खाई जेला देखे मा कँपकँपासी लागथे।एकदम खराब अउ खतरनाक सड़क जेमा वाहन 20कि०मी०के स्पीड ले जादा नइ चलत होही --इँहे हे।

   एक दू दिन तो खाई मन ला देख के अबड़ेच डर लागिच।सबले जादा डर तो लगभग 5000 मीटर के ऊँच चोटी मा बिराजे मनोकामना देवी के दर्शन बर रोप वे मा जावत-आवत लागिस ओइसनहे माता जानकी के मइके जनकपुर जाये के बेरा खराब पहाड़ी सड़क मा झूलना कस डोलत बस के सफर हा लागिस।

  नेपाल मा हम ला ग्लोबल वार्मिंग के तको अनुभव होइस।काठमांडू मा भारी उमस अउ 30-32 डिग्री तापमान रहिस।इहाँ एक बात के अउ अजरच लागिस के एक जगा (दर्शनीय स्थल) ले दूसर जगा जाये बर लहुट के काठमांडूच आये ला परै।शायद उहाँ सड़क कनेक्टिविटी नइये।

  नेपाल मा गाँव-गौतरी हम ला  नइ दिखिस। जो भी बसाहट हे वो सब सड़क के तीरे-तीर दिखिस।

    नेपाल मा एक अनुभव अउ होइस के उहाँ शराब के नदिया तको बोहावत रहिथे।गली-गली,हर ठेला-दुकान मा शराब बिकथे।

   कुल मिलाके अद्भुत अउ मनोरम देश के हमर यात्रा वापसी नवतनवा होके भारत मा प्रवेश के संग 17 जून के संझा 5 बजे अपन घर हथबंद पहुँच के सकुशल सम्पन्न होगे।

🙏🙏🙏

चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद,छत्तीसगढ़़

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