Saturday 3 June 2023

संस्मरण ननपन के सुरता

 संस्मरण 


ननपन के सुरता

 




     हमर जिनगी में ननपन  के गजब महत्व हे. बचपन वो उमर होथे जेमा कोनो फिकर नइ रहय.जिनगी ह राग -द्वेष ले दूर रहिथे. बचपन म खुशी पाय के कतको साधन रहिथे. छोटे -छोटे चीज ले मन ह खुश हो जथे. एकदम जादा सुविधा नइ रहय तभो ले लईका मन आस -पास के वातावरण ले अपन बर खुशी खोज लेथे. सियान मन के गजब दुश्मनी रहि वहू परिवार के लईका मन एक -दूसरा सँग सुग्घर मिल -जुल के खेलथे. 


  ननपन म हमन खूब खेलन -कूदन. पारा -मोहल्ला म सँगवारी मन सँग गिल्ली -डंडा, भौंरा, बाटी, बिल्लस, चोर-पुलिस खेल, दौड़ई, अँधियारी -अँजोरी, लुका -छुपी, रेस टीप, रिले रेस, कबड्डी,क्रिकेट, रस्सा खींच, लंबी कूद, रहचुली के सँगे- सँग तरिया म जाके तउँरना (तैरना) अउ बरगद पेड़ म चढ़के पानी म कूदे के अलगे मजा रहय . जब पानी गिरे त कागज के डोंगा बना के गली म बोहावन. पानी म भीगत-भीगत गली म गिद -गिद दउँड़न. दाई -दीदी मन सँग खेत -खार जाके किसिम -किसिम के भाजी -पाला सिल्होके लावन. खेत म करमत्ता भाजी, मेंड़ म बोहार भाजी रहय वहू ल तोड़न. हमन तरिया -नदियां म जाके तउँरना सीखना ननपन म ही सिखथन.बचपन सीखे के सब ले बढ़िया उमर होथे. सँगी मन सँग तरिया जाके पहिली हमन घाट तीर -तीर तउँरे बर सीखथन. फेर धीरे धीरे अभ्यास ले गड्ढा डहर जाके तउँरे ल सीख जाथन. फेर उदिम करत -करत अइसन दक्ष हो जथन कि तरिया ल ए पार ले वो पार तउँर के पार कर लेथन. महू ह अपन गाँव के दर्री तरिया, मतवा तरिया, खमर्री तरिया, चंडी तरिया, सरग बुंदिया तरिया के सँगे सँग खरखरा नदी के "दहरा घाट " म जाके तउँरव अउ गजब मजा लेवव. तरिया -नदियां म छुवउल खेले म नंगत मजा आय. तरिया -नदियां के तीर म बरगद अउ दूसरा पेड़ म चढ़ के पानी म कूदे के अलगे मजा रहिथे. सँगवारी मन सँग मिल -जुल के तरिया -नदियां म तउँरना अउ पेड़ म चढ़के पानी म कूदे ले जउन खुशी मिलथे वोकर वर्णन करे बर शब्द ह कम पड़थे. तउँरे ले हमर  शरीर के सुग्घर व्यायाम हो जथे.येकर ले हमर शरीर के सँगे सँग मन म घलो स्फूर्ति आथे.जिनगी म तउँरना के गजब महत्व हे. विपरीत परिस्थिति म हमन तउँरना जानत हन त अपन जिनगी ल बचा सकथन. कोनो डूबत हे तहू ल बचा सकथन. ननपन म महू सँगी मन सँग खेत -खार डहर जाके पेड़ मन ले लाशा निकालव .ननपन म सँगी मन ले खेले -कूदे ले सामूहिकता के भावना म बढ़ोत्तरी होथे. येहर जब हमन ह जिनगी म आगू बढ़थन त निक ढंग ले काम देथे. येकर सीख हमन ल ननपन ले मिले रहिथे.


              


         ओमप्रकाश साहू "अंकुर "


         सुरगी, राजनांदगॉव (छत्तीसगढ़) 


    मो.  7974666840

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